LAW & ORDERs
जब सब कुछ ठीक तो सीबीआई जांच के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट क्यों ?
कई बाघों की मौत का मामला …..
- अधिकारियों की भागीदारी का पता लगाने को हुई थी सीबीआई जांच
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून : उत्तराखंड में बाघों की मौत के मामले में सीबीआई जांच के हाईकोर्ट के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट की रोक से राज्य के वन्यजीव प्रेमियों में नाराज़गी है। वन्य जीव प्रेमियों का कहना है कि जब सब कुछ साफ़ है तो वन अधिकारियों को सीबीआई का इतना डर क्या था जो उन्हें नैनीताल उच्च न्यायालय के सीबीआई जांच के आदेश को रद्द करवाने के लिए उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाना पड़ा। इनका कहना है वन्यजीव विभाग के अधिकारियों का उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ उच्चतम न्यायालय जाना इस बात को पुख्ता करता है कि उत्तराखंड के वन्यजीव विभाग में सबकुछ ठीक नहीं है और सीबीआई जांच के बाद अधिकारियों का बेनकाब होना साफ़ हो गया था इसीलिए वे खुद ही हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गए।
गौरतलब हो कि एक एनजीओ (गैर सरकारी संगठन) ने याचिका दायर कर कहा था कि कार्बेट टाइगर रिजर्व सहित राज्य भर में बाघों के अवैध शिकार हुए हैं और उनमें वन अधिकारियों की मिलीभगत है।
वहीं सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस आरएफ नरीमन और एसए नजीर की पीठ ने याचिकाकर्ता एनजीओ के खिलाफ नोटिस भी जारी किया है। इसी एनजीओ के आदेश पर 4 सितंबर को हाईकोर्ट ने सीबीआई जांच का आदेश दिया था। जिसमे हाई कोर्ट ने सीबीआई को अपने आदेश में हाईकोर्ट ने पिछले पांच सालों में उत्तराखंड में अवैध शिकार के सभी मामलों की जांच करने और वन विभाग के अधिकारियों की भागीदारी का पता लगाने को भी कहा था।