भारत में क्यों मनाया जाता है,राष्ट्रीय महिला दिवस

सरोजिनी नायडू ने देश की स्वतंत्रता के लिए भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन में निभाई थी सक्रिय भूमिका
कमल किशोर डुकलान
राष्ट्रीय महिला दिवस इसी दिन प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी व कवयित्री सरोजिनी नायडू का जन्म हुआ था। उन्हें अपनी कविताओं के कारण भारत कोकिला के रूप में भी जाना जाता है। सरोजिनी नायडू ने देश की स्वतंत्रता के लिए भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई थी।
भारत वर्ष में बहुत ही कम लोगों को पता है कि 13 फरवरी को उनके जन्मदिवस के अवसर पर सम्पूर्ण देशभर में महिला दिवस मनाया जाता है।सरोजिनी नायडू ने देश की स्वतंत्रता के लिए भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई थी। सरोजिनी नायडू को उनकी कविताओं के कारण ‘भारत कोकिला’ के रूप में भी जाना जाता है।दरअसल, इसी दिन प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी व कवयित्री सरोजिनी नायडू का जन्म हुआ था।
सरोजिनी नायडू का जन्म 13 फरवरी, 1879 को हुआ था। सरोजिनी बचपन से ही बहुत बुद्धिमान थीं। उन्होंने 12 वर्ष की छोटी सी उम्र में ही कविताएं लिखनी शुरू कर दी थी। वे एक स्वतंत्रता सेनानी थीं,जिन्होंने देश की स्वतंत्रता की लड़ाई में महिला अधिकारों के लिए संघर्ष किया था।उन्हें स्वतंत्र भारत की पहली महिला महामहिम राजयपाल होने गौरव प्राप्त है।
कहते हैं,कि जब सरोजिनी नायडू पहली बार सन् 1914 में महात्मा गांधी से मिलीं और देश के लिए खुद को समर्पित कर दिया। वे अपने विद्यार्थी जीवन में ही राष्ट्रीय आंदोलन में शामिल हो गईं। महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू सहित तमाम बड़े नेता उनकी नेतृत्व क्षमता के कायल थे और उनका सम्मान करते थे। उन्हें साल 1925 में कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया। उन्हें 1928 में ब्रिटिश सरकार द्वारा भारत में प्लेग महामारी के दौरान अपने कार्यों के लिए कैसर-ए-हिंद से सम्मानित किया गया था। वे 1932 में भारत के प्रतिनिधि के रूप में दक्षिण अफ्रीका गईं। 2 मार्च, 1949 को लखनऊ में अपने कार्यालय में कार्य करने के दौरान दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया। सरोजिनी नायडू की 135वीं जयंती के अवसर पर, यानी 13 फरवरी 2014 को देश में राष्ट्रीय महिला दिवस मनाने की शुरुआत की गई।