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सतपाल महाराज को आख़िर साढ़े तीन साल बाद क्यों आई ब्यूरोक्रेसी की CR लिखने की याद

कांग्रेस से भाजपा में आए कुछ एक विधायकों और मंत्रियों की किसी और राजनीतिक दल से क्या अंदरखाने  हो चुकी है ”डील” !

साढ़े तीन साल तक सत्ता की मलाई खाने के बाद अब क्यों जानबूझकर तैयार कर रहे हैं ऐसा माहौल 

देहरादून : उत्तराखंड के अस्तित्व में आने के दिन से लेकर आजतक यहाँ के नेता अपनी करनी का ठीकरा हमेशा दूसरों के ऊपर फोड़ते रहे हैं। लेकिन उत्तराखंड के विकास और तमाम मुद्दों पर इनकी जुबान पर न जाने क्यों ताले पड़ जाते हैं। मामला सतपाल महाराज द्वारा अचानक साढ़े तीन बाद अधिकारियों की चरित्र पंजिका याने CR लिखने को लेकर उपजा है।
मामला रेखा आर्य द्वारा अपने सचिव की गुमशुदगी को लेकर पुलिस को लिखे गए पत्र और इसके बाद सतपाल महाराज द्वारा मामले में रेखा आर्य का साथ देने के बाद और भी गहरा गया है। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि यदि रेखा आर्य और सचिव के बीच किसी मुद्दे को लेकर विवाद भी था तो सतपाल महाराज जैसे वरिष्ठ मंत्री को समझौते की बात करनी चाहिए थी न की आग में और घी डालते हुए विवाद को और नहीं भड़काना चाहिए था। इनका कहना है कि एक आईएएस अधिकारी की जांच उससे वरिष्ठ आईएएस अधिकारी द्वारा ही तो की जाती है और मामले की जांच मनीषा पंवार से करवाए जाने का निर्णय शासन द्वारा लिया लिया गया है ऐसे में राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार रेखा आर्य को जांच का निष्कर्ष आने तक धैर्य तो रखना ही चाहिए था। जानकारों का तो यहाँ तक कहना है कि आईएएस अधिकारी की जांच उससे वरिष्ठ आईएएस ही करता रहा है ऐसे में क्या अब उत्तराखंड के आईएएस अधिकारियों की जांच के लिए सीबीआई  को बुलाना पड़ेगा ? लेकिन यहाँ तो सतपाल महाराज ने राज्य मंत्री और सचिव की नूरा कुश्ती के बीच बीते साढ़े तीन साल से CR मामले पर चुप्पी साधे हुए सतपाल महाराज खुद ही कूद पड़े।
राजनीतिक जानकार बताते हैं कि मुद्दा तो असल में कुछ और ही है। साढ़े तीन साल से चुप्प बैठे सतपाल महाराज और कांग्रेस से भाजपा में आए कुछ एक विधायकों और मंत्रियों का एक खेमा अगले विधानसभा चुनाव से पहले माहौल बना रहे हैं। सूत्रों का दावा है कि कांग्रेस से भाजपा में आए कुछ एक विधायकों और मंत्रियों की किसी और राजनीतिक दल से अंदरखाने ”डील” हो चुकी है और साढ़े तीन साल तक सत्ता की मलाई खाने के बाद अब ये जानबूझकर ऐसा माहौल तैयार कर रहे हैं कि जैसे इस सरकार में ये ही सर्वाधिक दबे और कुचले रहे हैं। लिहाज़ा राजनितिक षड़यंत्र के तहत ये अपने कृत्यों का ठीकरा मुख्यमंत्री से सिर फोड़ने की तैयारी कर रहे हैं।
 साभार : न्यूज़ नेटवर्क ऑफ़ इंडिया डॉट इन 

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