मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के फैसले पर टिकी सबकी निगाहें
दीपक फर्स्वाण
उत्तराखण्ड में आने वाला जुलाई का महीना नौकरशाही के लिहाज से अहम माना जा रहा है। 28 जुलाई को मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह सेवानिवृत्त की उम्र पूरी कर रहे हैं, इसलिए सबकी निगाहें मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के फैसले पर टिकी हैं कि वह किसे राज्य का अगला मुख्य सचिव बनाएंगे। अक्सर होता यह है कि किसी आईएएस को मुख्य सचिव की कुर्सी कॉडर और वरिष्ठता के आधार पर सौंपी जाती है लेकिन मुख्यमंत्री अपने विवेक से भी फैसला ले सकते हैं। आइए देखते हैं उत्तराखण्ड में क्या है स्थिति :–
राज्य के 15वें व मौजूदा मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह 28 जुलाई 2020 को सेवानिवृत्त होंगे। उनके बाद राज्य के 16वें मुख्य सचिव कौन होगा, इसे लेकर कयासबाजी का दौर चल रहा है। कहा जा रहा है कि एक ऐसे आईएएस को मुख्य सचिव बनाए जाने की तैयारी है जो उत्तराखण्ड कॉडर का तो नहीं है लेकिन यहां का मूल निवासी है। यदि ऐसा हुआ तो राज्य के लिए यह ऐतिहासिक घटना होगी। अक्सर अपने राज्य कॉडर के अधिकारियों का यह हक छीना नहीं जाता। वरना, उनमें असंतोष पनप सकता है। अब उत्तराखण्ड कॉडर के अधिकारियों की वरिष्ठता पर नजर डालते हैं।
उत्तराखंड कॉडर में वर्तमान में सबसे वरिष्ठ आईएएस अनूप बधावन हैं। 85 बैच के बधावन केंद्र में वाणिज्यिक मंत्रालय में सचिव हैं। दिलचस्प बात यह है कि बधावन मुख्य सचिव उत्पल कुमार (86 बैच) से भी वरिष्ठ हैं लेकिन उम्र में तकरीबन 11 माह छोटे हैं। यही वजह है कि वे अभी तक सेवारत हैं। आईएएस ऑफिसर्स में एक चलन रहा है कि जूनियर बैच का अधिकारी जिस कुर्सी पर बैठ जाए तो सीनियर उस कुर्सी से परहेज करता है लिहाजा बधावन इस पद को स्वीकार करेंगे इसकी गुंजाइश ना के बराबर है।
वर्ष 86 बैच के अधिकारियों में एस रामास्वामी का भी नाम है लेकिन उम्र अधिक होने के बाद वह पहले ही सेवानिवृत्त हो चुके हैं। वर्तमान में उत्तराखण्ड कैडर के वरिष्ठता क्रम में ओमप्रकाश (87 बैच) पहले स्थान पर हैं। 15 मई 2017 को उन्हें अपर मुख्य सचिव की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। कई महत्वपूर्ण विभाग उनके पास हैं। ओमप्रकाश लंबे समय से उत्तराखण्ड में सेवा दे रहे हैं पर विवादों से उनका नाता रहा है। ना तो उनकी छवि ईमानदार अधिकारी की है और ना ही पारदर्शी कार्यशैली।
मनोवैज्ञानिक रूप से मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र पर दबाव रहेगा कि ओमप्रकाश को यह जिम्मेदारी सौंपी जाए या नहीं। स्वास्थ्य के दृष्टि एकदम फिट न होना ओमप्रकाश की राह मे रोड़ा साबित हो सकता है। अगला नंबर आइएएस राधा रतूड़ी (88 बैच) का है। मौजूदा समय में वह अपर मुख्य सचिव कार्मिक व सचिवालय प्रशासन का पदभार संभाले हुए हैं। उनकी छवि आमतौर पर साफसुथरी है पर तुनकमिजाज की भी हैं। उन्हें यह जिम्मेदारी सौंपी गई तो वह उत्तराखण्ड की पहली महिला मुख्य सचिव होंगी।
लेकिन, क्या ओमप्रकाश की वरिष्ठता को दरकिनार कर त्रिवेन्द्र राधा रतूड़ी को मुख्य सचिव की कुर्सी सौंपेंगे इसे लेकर उत्तराखंड ही नहीं बल्कि दिल्ली तक के लोगों में खासी दिलचस्पी है। यह भी हो सकता है कि कशमकश में पड़ने के बजाए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र अचानक नया दांव खेल दें। वह उत्पल कुमार सिंह को ही तीन माह का एक्सटेंशन दे सकते हैं, इसके लिए उन्हें केन्द्र से अनुमति लेनी होगी।
डिस्क्लेमर (अस्वीकरण): यह लेखक के निजी विचार हैं। आलेख में शामिल सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए www.devbhoomimedia.com उत्तरदायी नहीं है।
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