- ”जिसकी चलती उसकी क्या है गलती”
- मंत्रिमंडल के निर्णयों को दरकिनार कर अपनों की प्रोन्नति का खोज रहे रास्ता !
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून : उत्तराखंड में सरकारों का भी अजब -गज़ब हाल है यहाँ मंत्रिमंडल के एक निर्णय को लागू करवाने को खुद एक कैबिनेट मंत्री सहित एक विपक्ष के विधायक को सचिव गृह मंत्रालय को यह कहना पड़ा कि उन्हें जानकारी हुई है कि गृह विभाग शासन द्वारा जारी नियमावली से परे पदोन्नति की प्रक्रिया प्रस्तावित कर रहा है. मामला बिलकुल साफ़ है पुलिस मुख्यालय में बैठे कुछ आला अधिकारी कैबिनेट के निर्णयों को दरकिनार कर कुछ विशेष लोगों को प्रोन्नति देने का खेल, खेल रहे हैं वह तब जा 31 दिसम्बर 18 को राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में प्रोन्नति को सेवा नियमावली के हिसाब के करने के निर्णय किये जा चुके हैं।
मामला दरोगाओं की प्रोन्नति से जुड़ा हुआ है जिसमे सेवा नियमावली को पलटकर प्रमोशन देने के मामले में दरोगाओं में पनप आक्रोश है। मिली जानकारी के अनुसार प्रोन्नति के दायरे में आ रहे दरोगाओं के प्रमोशन में सरकार की बनाई नियमावली नहीं बल्कि पुलिस मुख्यालय में तैनात आला अधिकारियों ने नियमावली से इतर नियमावली के कुछ अंश तो प्रमोशन की प्रक्रिया में शामिल कर दिया है लेकिन कुछ पर ये अधिकारी ”अंधा बांटे रेवड़ी आपने -अपने को दे ”वाली कहावत चरितार्थ करने पर जुटे हुए हैं जिससे प्रोन्नति सूची में प्राकृतिक न्याय के तहत आने वाले दरोगाओं में रोष व्याप्त है।
गौरतलब हो कि सेवा नियमावली के 18(2) में साफ-साफ लिखा है कि नियामवली लागू होने के बाद यह सब पर लागू होगी तथा साथ ही 18(3) में बिल्कुल साफ है कि यह व्यवस्था तुरंत लागू होगी। वहीं कुछ पुलिस अधिकारियों का कहना है कि नियमावली इन पर लागू नही होगी अब के बाद भर्ती होने वाले दरोगाओं के लिए होगी, जबकि नियमावली में साफ़ है राज्य के अस्तित्व में आने के बाद से भर्ती सभी पुराने दरोगाओं की ज्येष्ठता पुराने नियम अनुसार ही तय होंगी।
अब सवाल यह उठता है कि 30जनवरी 2019 को 14 उपनिरीक्षक(विशेष श्रेणी)/ हैडकांस्टेबल अभीसूचना को सेवा नियमावली 2019 के अनुसार ज्येष्ठता के आधार पर उपनिरिक्षक अभिसूचना के पद पर प्रमोशन क्यों और कैसे किया गया यह सबसे बड़ा सवाल है। वहीं यह सवाल भी उठ खड़ा हो रहा है जब यह सेवा नियमावली का यह नियम उन पर लागू है तो दरोगाओं के होने जा रहे इन प्रोमोशन पर क्यों लागू नहीं किया आ रहा है। सवाल तो बहुत है लेकिन जवाब केवल एक ही है ”जिसकी चलती उसकी क्या है गलती ”
देखिये 18 फ़रवरी 2019 को जारी वरिष्ठता सूची ……