आसपास के गांवों में भी धर्मांतरण पर फोकस करते हुए लोगों से मेलजोल बढ़ाया जा रहा
लॉकडाउन के दौरान यह गतिविधि पहले से ज्यादा तेजी से चलीं
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून : उत्तराखंड के ग्रामीण इलाकों में आर्थिक रूप से पिछड़े परिवारों को बेहतर जीवन के सपने दिखाकर धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित किए जाने का मामला चर्चा में है। एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि मसूरी से करीब 40 किमी. दूर ग्रामीण आबादी में धर्मांतरण के लिए राशन उपलब्ध कराया जा रहा है।
लोगों की सुविधाओं का ख्य़ाल रखते हुए धर्म का प्रचार किया जा रहा है। ग्रामीण इलाके में चर्च जैसे लगने वाले घरों का निर्माण हो रहा है। लॉकडाउन के दौरान यह गतिविधि पहले से ज्यादा तेजी से चलीं।
मीडिया रिपोर्ट में बताया गया कि देवलसारी मंदिर के आसपास की आबादी में धर्मांतरण का मामला बहुत पहले से चला आ रहा है। आसपास के गांवों में भी धर्मांतरण पर फोकस करते हुए लोगों से मेलजोल बढ़ाया जा रहा है। आर्थिक दिक्कतों से जूझने वाले इन परिवारों को सुविधाएं उपलब्ध कराने का लालच देकर उनको धार्मिक साहित्य पढ़ने, प्रार्थनाओं में शामिल होने, अपनी परंपराओं को छोड़ने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
उत्तराखंड में हो रहे ईसाई धर्मांतरण पर एक और रिपोर्ट पढ़िए https://t.co/RnP0V5kecN
— Ashish Nautiyal (@ashu_nauty) June 10, 2020
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आसपास के गांवों में भी धर्मांतरण पर फोकस करते हुए लोगों से मेलजोल बढ़ाया जा रहा लॉकडाउन के दौरान यह गतिविधि पहले से ज्यादा तेजी से चलींदेवभूमि मीडिया ब्यूरोदेहरादून : उत्तराखंड के ग्रामीण इलाकों में आर्थिक रूप से पिछड़े परिवारों को बेहतर जीवन के सपने दिखाकर धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित किए जाने का मामला चर्चा में है। एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि मसूरी से करीब 40 किमी. दूर ग्रामीण आबादी में धर्मांतरण के लिए राशन उपलब्ध कराया जा रहा है।लोगों की सुविधाओं का ख्य़ाल रखते हुए धर्म का प्रचार किया जा रहा है। ग्रामीण इलाके में चर्च जैसे लगने वाले घरों का निर्माण हो रहा है। लॉकडाउन के दौरान यह गतिविधि पहले से ज्यादा तेजी से चलीं।मीडिया रिपोर्ट में बताया गया कि देवलसारी मंदिर के आसपास की आबादी में धर्मांतरण का मामला बहुत पहले से चला आ रहा है। आसपास के गांवों में भी धर्मांतरण पर फोकस करते हुए लोगों से मेलजोल बढ़ाया जा रहा है। आर्थिक दिक्कतों से जूझने वाले इन परिवारों को सुविधाएं उपलब्ध कराने का लालच देकर उनको धार्मिक साहित्य पढ़ने, प्रार्थनाओं में शामिल होने, अपनी परंपराओं को छोड़ने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।रिपोर्ट के अनुसार, पौराणिक कोणेश्वर महादेव मंदिर के ठीक सामने चर्च जैसे घर का निर्माण किया जा रहा है। स्थानीय लोगों के हवाले से रिपोर्ट में बताया गया कि मसूरी में रहने वाले किसी डेविड नाम के शख्स द्वारा आर्थिक मदद भेजी जाती है।यह शख्स कुछ दिन वहां लोगों के बीच रहते हैं और उनको मदद का आश्वासन भी देते हैं। डेवि़ड स्थानीय बोली के साथ हिंदी में भी बात करने लगे हैं और इन परिवारों के साथ उनका अच्छा मेलजोल है।एक ग्रामीण युवक का जिक्र किया गया है, जो काफी समय से लोगों को धर्मांतरण के खिलाफ जागरूक करने का प्रयास कर रहा है, लेकिन उसको सफलता नहीं मिली। यह युवक बताता है कि यहां लोगों को मदद के नाम पर धन और संसाधन दिए जा रहे हैं कि वो अब सरकारी योजनाओं, जैसे मनरेगा में काम करने को तैयार नहीं है। ऐसे करके लोगों से अपनापन जताया जाता है और फिर बात धर्म परिवर्तन तक पहुंचती है।