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पौराणिक नृसिंह मंदिर प्रांगण में जब हुआ चारों जाख देवताओं का मिलना

चारों जाख देवताओं को पूरे धार्मिक विधि-विधान के साथ पंरपरागत तरीके से किया स्वागत

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

जोशीमठ। पौराणिक धार्मिक नगरी जोशीमठ के नृसिंह मंदिर प्रांगण में इलाके के हजारों लोग पहली बार चार जाख देवताओं के अदभुद मिलन और भक्तिमय दृश्यों के गवाह बने। देवपुजाई समिति जोशीमठ ने नृसिंह मंदिर प्रांगण में पधारें चारों जाख देवताओं को पूरे धार्मिक विधि-विधान के साथ पंरपरागत स्वागत किया।

जोशीमठ के नृसिंह मंदिर मठांगंण प्रांगण में तय मुहुर्त के अनुसार प्रखंड के थैंग, चाॅई रविग्राम व जोशीमठ के जाख देवताओं को भब्य व दिब्य मिलन हुआ। पहली बार चार जाख देवताओं के मिलन के ऐतिहासिक जाख देवताओ के दर्शन के लिए हजारों की संख्या मे क्षेत्रवासी नृसिंह मंदिर प्रांगण पंहुचे थे।

गौरतलब हो कि हर एक वर्ष के अंतराल मे थैंग, चाॅई रविग्राम व जोशीमठ के जाख देवता भ्रमण के लिए अपने मूल स्थान से बाहर निकलते हैं। और पूर्व मान्य पंरपरानुसार थैंग, चाॅई व रविग्राम के जाख देवता देव मिलने के लिए जोशीमठ मठागंण मे अवश्य पंहुचते हैं,लेकिन इस बार देव पुजाई समिति का प्रयास था कि चारों जाख देवताओ का मिलन एक साथ हों,और यह जाख उत्सव के रूप मे हर वर्ष आयोजित हो। देव पुजाई समिति के प्रयास सफल हुए और थैंग, चाॅई व रविग्राम के जाख देवताओं के एक ही दिन मठागण मे पंहुचने पर सभी तीनो गाॅवों ने अपनी सहमति दी और रविबार को तय मुहूर्त के अनुसार चारों जाख देवता मठांगण पंहुचे।

सबसे पहले रविग्राम के जाख देवता व उसके बाद थैंग व चाॅई के जाख देवता मठांगण मे पंहुचे, जोशीमठ के जाख देवता ने तीनों जाख देवताओ का पंरपरानुसार स्वागत किया। चारो जाख देवताओ को मठंागण मे घूम-घूम कर मिलन व उसके बाद भगवान नृसिंह व नवदुर्गा सिद्धपीठ मे देव मिलन के बाद पुन मठांगण मे पंहुचे जहाॅ तीनों गाॅवों के जाख देवताओ का देव पुजाई समिति की ओर से पूजन/अर्चन किया गया।

देवपुजाई समिति जोशीमठ के अध्यक्ष/श्री बदरीनाथ के धर्माधिकारी आचार्य भुवन चंद्र उनियाल, सचिव उमेश सती व कोषाध्यक्ष विजय डिमरी सहित समिति के अन्य पदाधिकारियों ने तीन जाख देवताओं को वस्त्र व अन्य पूजन सामग्री भेंट की। पूजन कार्यक्रम के दौरान थैंग, चाॅई व रविग्राम के जाख देवतओ के अवतारी पुरूषों-’’पश्वा’’ द्वारा अवतार लेकर भक्तो का आशीष दिए गए।

पूजन के उपंरांत चारों जाख देवताओ का चार जोडे ढोल-दमाऊ के साथ 18तालों पर नृत्य हुआ। नृत्य के दौरान बारीदार एक दूसरे गांवों के जाख देवताओं का नृत्य कराते रहे। इस एतिहासिक देव मिलन के दृष्यों को देखने के लिए हजारों की सख्ंया मे श्रद्धालु मौजूद रहे।

थैंग, चाॅई व रविग्राम के निवासियों ने देव पुजाई समिति जोशीमठ की इस पहल का स्वागत करते हुए भविष्य मे चारों जाख देवताओं के मिलन कार्यक्रम को एक ही दिन किए जाने का संकल्प ब्यक्त किया।

रविबार को जाख देवताओं के एतिहासिक एवं धार्मिक आयोजन के बाद जोशीमठ मे आयोजित होने वाले अन्य उत्सवों की कडी मे अब जाख उत्सव भी जुड गया है। उम्मीद की जानी चाहिए कि आने वाली पीढियाॅ इस पंरपंरा को भी अन्य पंरपरा की तर्ज पर आगे बढाती रहेगी।

देव पुजाई समिति के अध्यक्ष/श्री बदरीनाथ के धर्माधिकारी आचार्य भुवन च्रद उनियाल ने चारो जाख देवताओ के मिलन उत्सव को एक ही दिन आयोजित किए जाने के देव पुजाई समिति के प्रस्ताव पर सहमति जताने के लिए तीनों गाॅवो थैंग, चाॅई व रविग्राम के समस्त निवासियों का आभार प्रदर्शित किया है।

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