जब सिंचाई कर्मियों की लापरवाही से पूरा गांव हुआ जलमग्न

57 परिवारों के डूबे पूरे घर और लोग सामान लेकर सुरक्षित स्थानों की तरफ लगे भागने
देहरादून : प्रदेश में आपदा से लड़ने के लिए व्यवस्थाएं कितनी दुरुस्त हैं और अधिकारी कर्मचारी कितने सचेत हैं, इसका जीता जागता उदाहरण बुधवार रात को देखने को मिला। जब सिंचाई कर्मियों की एक लापरवाही से देखते ही देखते पूरा गांव जलमग्न हो गया।
देर रात हुई मूसलाधार बारिश से मालधनचौड़ ढेला बैराज में जलस्तर बढ़ गया, लेकिन वहां तैनात लापरवाह सिंचाई कर्मियों ने बैराज के गेट नहीं खोले। इससे उफनाई ढेला नदी का पानी किनारों पर भूकटाव करता हुआ शिवनाथपुर गांव की ओर हो गया।
देखते ही देखते करीब 57 घर डूब गए। इसके साथ ही कई गांव की कई बस्तियां भी पानी में डूब गई। इससे ग्रामीणों में हड़कंप मच गया। लोग अपना घरेलू सामान और परिवार की जान बचाने में जुट गए।
वहीं उम्मेदपुर गांव में जूनियर हाईस्कूल में सागौन के तीन पेड़ गिरने से बांउड्रीवॉल भी क्षतिग्रस्त हो गई। बाद में कुछ ग्रामीणों ने सूझबूझ दिखाते हुए बैराज पहुंचकर उसके चार गेट खोले तब जाकर पानी नदी की ओर बहा।
बृहस्पतिवार सुबह करीब 11 बजे एसडीएम ने निरीक्षण के बाद सिंचाई विभाग की लापरवाही को देखते हुए जिलाधिकारी को कार्रवाई के लिए पत्र लिखा है। बुधवार देर रात्रि एक बजे से लेकर तीन बजे तक 114 एमएम बारिश होने के चलते ढेला नदी में 22 हजार क्यूसेक से अधिक पानी आ गया। लेकिन वहां तैनात सिंचाई कर्मचारियों ने लापरवाही के चलते बैराज के गेट नहीं खोले।
बता दें कि बैराज के 13 गेट हैं। रात करीब तीन बजे बैराज का पानी किनारों पर भूकटाव करता हुआ शिवनाथपुर नई और पुरानी बस्ती समेत 22 एकड़ फार्म के लगभग 57 मकानों में घुसने लगा।
इससे घरों में रखे अनाज, राशन, कपडे़, बच्चों की कापी किताबों आदि सामानों का काफी नुकसान हुआ। रात भर उठकर लोग अपना सामान समेटते रहे। बाद में करीब चार बजे कुछ ग्रामीणों ने बैराज के ऊपर चढ़कर चार गेट खोले।
तब पानी की निकासी नदी की ओर हुई। ग्रामीण अगर समय पर तत्परता नहीं दिखाते तो भारी तबाही मच सकती थी। सुबह एसडीएम परितोष वर्मा ने निरीक्षण के दौरान प्रथमदृष्टया सिंचाई विभाग की घोर लापरवाही को देखते हुए डीएम को कार्रवाई करने के लिए पत्र लिखा। एसडीएम वर्मा ने बताया कि शुक्रवार को बाढ़ से प्रभावित 57 परिवारों को मुआवजा बांटा जाएगा।
उधर, बाढ़ से उम्मेदपुर प्राइमरी स्कूल में सागौन के तीन बडे़ वृक्ष भी गिर गए। इससे चहारदीवारी भी क्षतिग्रस्त हो गई और स्कूल का रास्ता भी बंद हो गया। दूसरी ओर भवानीपुर खुल्बे गांव में जयसिंह के घर में भी पानी भर गया जिसे उसके घर में रखा समान भी बह गया।
उक्त क्षेत्र का तहसीलदार प्रियंका रानी व राजस्व उपनिरीक्षक तारा चंद्र घिल्डियाल ने मौका मुआयना कर जयसिंह के परिवार को दैवी आपदा मद से तत्काल सहायता के रूप में 38 सौ रुपये का चेक मुआवजे के तौर पर दिया।