घर-घर आएगा पेयजल तो गांव-गांव मुस्कुरायेगा
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
जल जीवन मिशन पर प्रधानमंत्री श्री मोदी ने जब थपथपाई मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र की पीठ
पानी की एक-एक बूंद की कीमत क्या होती है, ये पहाड़ की उन महिलाओं से पूछो जिन्हें पीने का पानी रोजाना पीठ पर ढोकर लाना पड़ता है। संवेदनशील मुख्यमंत्री जी ने उनके इस कष्ट को समझते हुये घर-घर में मात्र ₹1 में नल लगाने का बीड़ा उठाया है।
देहरादून : उत्तराखंड में जल जीवन मिशन का मकसद वर्ष 2024 तक सभी ग्रामीण घरों में पाइप जलापूर्ति (हर घर जल) सुनिश्चित करना है। विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाले पहाड़ी राज्य उत्तराखण्ड के लिए यह योजना खासतौर पर महत्वपूर्ण है। यही वजह है कि मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने केन्द्र सरकार से एक कदम आगे बढ़कर इस योजना को धरातल पर उतारने का फैसला किया है।
केन्द्र ने देशभर में योजना को पूरा करने का लक्ष्य भले ही वर्ष 2024 रखा हो लेकिन उत्तराखण्ड में वर्ष 2022 में हर घर को नल से जोड़ दिया जाएगा। इसका शुल्क महज ₹1 रखा गया है। ऐसा करने वाला उत्तराखण्ड देश का पहला राज्य है। सर्वे के मुताबिक उत्तराखण्ड के ग्रामीण क्षेत्र में कुल 14.26 लाख कनेक्शन दिये जाने हैं, जिसमें से 3.53 लाख कनेक्शन दिये जा चुके हैं।
मिशन समय पर पूरा हो इसके लिए मुख्यमंत्री जी लगातार खुद मॉनीटरिंग कर रहे हैं। कार्यदायी संस्था जल निगम को उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा है कि प्रतिदिन का लक्ष्य निर्धारित करते हुए अभियान को सफल बनायें। मा० मुख्यमंत्री जी इस योजना को लेकर काफी गंभीर हैं। उत्तराखण्ड में जल जीवन मिशन की तेज रफ्तार की प्रशंसा प्रधानमंत्री जी ने सार्वजनिक मंच से कर चुके हैं।
उन्होंने कहा कि ‘उत्तराखण्ड ने नाममात्र के शुल्क (एक रुपया) में रिकार्ड समय 06 माह में 1.36 लाख कनेक्शन दिये हैं। यह त्रिवेंद्र सरकार की प्रेरणादायक उपलब्धि है’। घर-घर के साथ स्कूलों व आंगनबाड़ी केन्द्रों में इस मिशन को विस्तार दिया जा रहा है। मा० मुख्यमंत्री जी ने सख्त निर्देश दिए हैं कि इस वर्ष दिसम्बर के अन्त तक सभी स्कूलों एवं आंगनबाड़ी केन्द्रों में पेयजल की उपलब्धता का टारेगट हर हाल में पूरा किया जाय।