DEHRADUN

क्या हुआ जब घर के गेट पर आ गया जंगली गजराज

लोगों ने शोर मचाकर जंगली हाथी को वहां से भगाया

देहरादून :  नकरौंदा इलाके में शुक्रवार सुबह हाथी घुसने से दहशत मच गई। यहां पांच बजे दो हाथी घुस आए। यहां एक घर के बाहर गेट पर हाथी खड़ा हो गया। घर के लोगों की जब आंख खुला तो सामने विशालकाय हाथी को देख उनकी हालत खराब हो गई।

देहरादून का नकरौंदा और गुर्जर घाटी क्षेत्र जंगल से सटा हुआ है। यहां गुर्जर घाटी पर्यटक स्थल के समीप आवासीय कॉलोनी में शुक्रवार सुबह अचानक दो हाथी घुस आए। यहां प्रकाश तिवारी के घर के बाहर भी हाथी आ धमका। उन्होंने बताया कि सुबह करीब पांच बजे कुत्ते अचानक बहुत तेज-तेज भौंकने लगे। उनके परिवार के लोग उठे तो बाहर विशालकाय हाथी को देख सब डर गए। बाहर के एक बस भी खड़ी थी। लोगों को डर सताने लगा कि वह बस को तहस-नहस न कर दे। वहीं घर को भी नुकसान पहुंचाने का डर सताने लगा। इसके बाद वहां आसपास के लोग एकत्रित हो गए।

लोगों ने शोर मचाकर हाथी को वहां से भगाया। इसी बीच दूसरा हाथी जो वहां से कुछ दूरी पर खड़ा तो वह भी जंगल की ओर भाग गया। कर्मचारी नेता हरदेव रावत ने बताया कि नकरौंदा क्षेत्र में हाथियों का खतरा बढ़ता ही जा रहा है। बीती रात आठ बजे गांव में हाथी धमका था, जिसे ग्रामीणों ने ही खदैड़ा था। कहा कि बरसात में हाथियों के गांव में धमकने की घटनाएं बढ़ गई हैं। इससे लोगों में दहशत है। लोगों का सुबह मार्निंग वॉक बंद हो गया है। हाथियों के डर से रात आठ बजे के बाद कोई घर से बाहर निकलने की जहमत नहीं उठा पाता।

गौरतलब हो कि नकरौंदा में कुछ दिन पहले हाथियों ने आटाचक्की और दुकान तोड़ दी थी। हाथी चक्की में रखा आटा और दूसरा सामान खा गए। सूचना पर मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम ने हाथियों को जंगल में खदेड़ा। लच्छीवाला रेंजर घनानंद उनियाल ने बताया कि हाथियों ने नकरौंदा के कीर्ति सिंह की आटा चक्की और दुकान का शटर तोड़ दिया था। दुकान में रखा आटा और दूसरा सामान हाथी खा गए। वहीं मनवीर क्षेत्री और दिगंबर डंगवाल के खेतों में फसल बर्बाद कर दी। उन्होंने बताया कि लच्छीवाला और नकरौंदा में भी हाथियों को भगाने के लिए टीम बना दी गई है। टीम रात को भी गश्त करेगी।

devbhoomimedia

डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) : देवभूमि मीडिया.कॉम हर पक्ष के विचारों और नज़रिए को अपने यहां समाहित करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह जरूरी नहीं है कि हम यहां प्रकाशित सभी विचारों से सहमत हों। लेकिन हम सबकी अभिव्यक्ति की आज़ादी के अधिकार का समर्थन करते हैं। ऐसे स्वतंत्र लेखक,ब्लॉगर और स्तंभकार जो देवभूमि मीडिया.कॉम के कर्मचारी नहीं हैं, उनके लेख, सूचनाएं या उनके द्वारा व्यक्त किया गया विचार उनका निजी है, यह देवभूमि मीडिया.कॉम का नज़रिया नहीं है और नहीं कहा जा सकता है। ऐसी किसी चीज की जवाबदेही या उत्तरदायित्व देवभूमि मीडिया.कॉम का नहीं होगा। धन्यवाद !

Related Articles

Back to top button
Translate »