नए साल के स्वागत के लिए खड़ा उत्तराखंड
नए साल के स्वागत के लिए उत्तराखंड का प्रत्येक इलाका यहाँ आने वाले पर्यटकों के लिए तैयार है पहाड़ों की रानी मसूरी से लेकर सरोवर नगरी नैनीताल व सुदूर पर्वतीय अंचल में स्थित औली व चोपता सहित अल्मोड़ा कौसानी व कॉर्बेट पार्क तक सजा हुआ है. पर्यटकों से समूचा उत्तराखंड इन दिनों गुलज़ार नज़र आ रहा है वहीँ बदलते मौसम और सर्द हवाओं ने पर्यटकों को सूबे में मौसम के नज़ाकत व सूरज की बादलों के बीच लुक्का छिपी का अहसास भी कराया है। पर्यटकों के मुंह से बरबस ही निकलता है वाह उत्तराखंड सचमुच में स्वर्ग है
नैनीताल भी 2016 की विदाई और 2017 के स्वागत का जश्न मनाने के लिए सरोवर नगरी नैनीताल में पर्यटकों का हुजूम उमड़ पड़ा है। नोटबंदी के बीच पर्यटकों की आमद नगदी के संकट के अटकलों को गलत साबित कर रही है।
कल से ही पर्यटक वाहनों का आना शुरू हो गया था, जो अभी भी जारी है। माल रोड में वाहनों की कतार लगी है, तो पन्त पार्क और झील किनारे मेले जैसा माहौल है। नौकायन से झील पटी है। पार्को समेत पर्यटन स्थल स्नो व्यू, बारापत्थर, लवर्स प्वाइंट, किलबरी, हिमालय दर्शन, केव गार्डन में रौनक है।
बड़े होटलों में जश्न के खास इंतजाम किये गए हैं, जो शाम 6 बजे से शुरू होकर आधी रात तक चलेंगे। यातायात व्यवस्था पटरी पर लाने के लिए पुलिस के तीन सौ से अधिक अधिकारी कर्मचारी ड्यूटी पर लगाये हैं। बड़े वाहनों की शहर में इंट्री बेन करने के साथ ही चेकिंग बेरियर लगाये गए हैं। थर्टी फर्स्ट की वजह से टैक्सी व् अन्य कारोबार भी चल पड़े हैं।
चोपता नववर्ष के लिए तैयार है जिले में मिनी स्विजरलैंड के नाम से प्रसिद्ध पर्यटन स्थल चोपता-दुगलविट्टा बर्फबारी से चारों और अपनी सुंदरता बिखेर रहा है। नववर्ष के आगमन को लेकर पर्यटकों की यहां आवाजाही भी शुरू हो गई है। पिछले वर्षों की तुलना में इस वर्ष नोटबंदी के चलते पर्यटक स्थलों में कोई खास पर्यटकों की भीड़ नहीं दिख रही हैं।
विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी नववर्ष के आगमन से पूर्व पर्यटक स्थल चोपता व दुगलबिट्टा में बर्फवबरी से यहां का मौसम सुहावना बना हुआ है। नए साल के जश्न को लेकर देश-विदेश के पर्यटकों के साथ ही स्थानीय लोग यहां पहुंचने शुरू हो गए हैं। पिछले वर्षो तक नववर्ष की पूर्व संख्या पर इन दिनों तक यहां पर्यटकों की भरमार लगी रहती थी, लेकिन इस वर्ष केंद्र सरकार के नोटबंदी के चलते पर्यटकों की संख्या में काफी कमी आई है। जिससे पर्यटन व्यवसायियों के चेहरे पर भी मायूसी नजर आ रही है। नोटबंदी से होटल व लॉज व्यवसाय पर भी बुरा असर पड़ रहा है।
इसके अलावा चोपता-दुगलबिट्टा के साथ ही चिरबिटिया, पंवालीकांठा, बधाणीताल में पर्यटकों की संख्या में भारी गिरावट देखने को मिल रही है। पांच सौ और एक हजार के नोट बंद होने से पर्यटक भी घूमने से कतरा रहे हैं। पिछले वर्ष जहां चोपता-दुगलबिट्टा में पर्यटक नये साल का जश्न मनाने के लिए सप्ताह पहले से ही होटल, लॉज की बुकिंग करवा देते थे, वहीं इस बार नाममात्र पर्यटक ही यहां पहुंचे हैं।
स्थानीय व्यापारी नरेन्द्र सिंह व मोहन सिंह का कहना है कि पर्यटक स्थल चोपता अपना ऐतिहासिक महत्व रखता है। यहां बर्फ गिरने के बाद लगातार सैलानियों का जमावड़ा लगा रहता था। देश-विदेश से श्रद्धालु बर्फ का लुप्त उठाने यहां पहुंचते थे, मगर इस वर्ष के आखिरी दिनों नाममात्र पर्यटक यहां पहुंच रहे हैं। नोटबंदी के चलते पर्यटन व्यवसाय पूरी तरह चौपट हो गया है। बताया कि इससे सबसे ज्यादा असर गरीब व्यापारियों पर पड़ा है।
औली में बर्फबारी के बाद नव वर्ष का जश्न मनाने के लिए पर्यटकों की भीड़ उमड़ रही है। अब तक यहां के होटलों में आधे से अधिक कमरों की अग्रिम बुकिंग हो चुकी है। लगातार देश-विदेश से पर्यटक औली में प्रकृति का दीदार करने के लिए पूछताछ कर रहे हैं। ऐसे में औली में आपदा के बाद से ही मंदी के मार झेल रहे पर्यटन व्यवसाय से अच्छे दिनों की उम्मीद हैं।
आपदा के बाद से ही चमोली के तीर्थ व पर्यटन स्थलों में कम ही लोग आ रहे थे। इस बाद यात्रा सीजन में बदरीनाथ, हेमकुंड सहित अन्य तीर्थ स्थलों में यात्रियों की अच्छी खासी भीड़ उमड़ी थी। ऐसे में यात्राकाल की तरह ही शीतकाल में पर्यटन व्यवसाय से भी लोगों को उम्मीद थी। इस वर्ष के अंतिम दिनों में जिस प्रकार औली में सीजन की पहली बर्फबारी हो चुकी है। उससे औली में खेलने-देखने के लिए बर्फ मौजूद है। औली में नव वर्ष से पहले भी बर्फबारी की उम्मीद है।
ऐसे में पर्यटन कारोबार से जुड़े लोगों को इस शीतकाल में पर्यटन व्यवसाय से नई उम्मीद है। औली की ढ़लानें हिमक्रीड़ा के लिए बेहतर मानी जाती हैं। यहां स्की प्रशिक्षण के लिए भी देश विदेश से लोग आते हैं। दिसंबर माह में बर्फबारी के बाद आगे पड़ने वाली बर्फ के आसानी से जमने के आसार रहते हैं। लिहाजा पर्यटन कारोबार से जुड़े लोगों को इस बार शीतकालीन पर्यटन से खासी उम्मीद है। औली में गढ़वाल मंडल विकास निगम के गेस्ट हाउस में जहां आधे से अधिक कमरों की नव वर्ष के जश्न के लिए बुकिंग हो चुकी है। वहीं अन्य होटलों में भी उम्मीदों से अधिक बुकिंग मिलने से कारोबारियों के चेहरे खिले हैं। औली में प्रतिदिन पर्यटकों की आमद हो रही है।