उत्तराखंड हाई कोर्ट मामलों के निस्तारण में पड़ोसी राज्यों के मुकाबले आगे
उत्तराखंड हाईकोर्ट में 38676, हिमाचल प्रदेश में 76926 और उत्तरप्रदेश में 786052 मामले लंबित
उत्तराखंड हाई कोर्ट में पांच सालों में पंजीकृत मामलों में हुई 22 फीसदी की बढ़ोतरी
उत्तरप्रदेश के बाद हिमाचल हाईकोर्ट की तुलना में लंबित मुकदमों का औसत कम
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
उत्तराखंड व पड़ोसी उच्च न्यायालयों में लंबित मामलों पर एक नज़र
वर्ष उत्तराखंड हिमाचल इलाहाबाद
2016 32004 25147 916046
2017 30022 31359 908827
2018 34049 36177 939475
2019 35407 54452 944657
2020 38676 73862 773408
2021 38676 76926 786052नोट: ये आंकड़े 23 मार्च 2021के हैं।
देहरादून : राज्यसभा में एक आतारांकित के प्रश्न के उत्तर में विधि एवं न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने जो उत्तर दिया है वह उत्तराखंड उच्च न्यायालय नैनीताल के लिए सुखद कहा जा सकता है। वहीं इस जानकारी के अनुसार पड़ोसी राज्यों के मुकाबले लंबित मामलों के मामलों में उत्तराखंड का उच्च न्यायालय तेज़ी से निस्तारण कर रहा है फिर भी यहां 21 मार्च की तिथि तक मिले आंकड़ों के अनुसार अभी भी 38,676 मामले लंबित हैं। वह तब जब पिछले पांच सालों में उच्च न्यायालय में मुकदमों की संख्या में 22 फीसदी की बढ़ोतरी हो रही है,
यह जानकारी नैनीताल उच्च न्यायालय के न्यायमूर्तियों की कार्यक्षमता और उनके बढ़ते मामलों को लेकर संजीदगी को भी प्रदर्शित करती हैं कि वे जितनी तेज़ी से मामले हाई कोर्ट में पंजीकृत हो रहे हैं वे उनके निस्तारण के लिए भी उतनी ही तेज़ी से कार्यशील हैं। यही कारण है कि नैनीताल उच्च न्यायालय में पड़ोसी राज्य हिमाचल और उत्तरप्रदेश के उच्च न्यायालय की तुलना में उत्तराखंड उच्च न्यायालय में लंबित मुकदमों की संख्या अभी भी काफी कम हैं।
मिली जानकारी के मुताबिक हिमाचल उच्च न्यायालय में मार्च 2021 तक 76926 मुकदमे लंबित हैं। जबकि इस राज्य में पिछले पांच साल में 59 फीसदी मुकदमें बढ़ गए। जबकि यह औसतन उत्तराखंड से 49 फीसदी ज्यादा मुकदमें लंबित प्रदर्शित करते हैं।
उत्तराखंड उच्च न्यायालय की बढ़ती कार्य क्षमता की बानगी को देखने के लिए वर्ष 2016 के आंकड़ों पर यदि नज़र दौड़ाई जाए तो उस दौरान यहां 32004 मुकदमे लंबित थे। जबकि वर्ष 2017 में यह संख्या घटकर 30022 हो गई। लेकिन इसके बाद लंबित मुकदमों की संख्या में लगातार वर्षवार बढ़ोतरी दर्ज की गई है इस तरह मार्च 2021 की 22 तारीख तक नैनीताल उच्च न्यायालय में लंबित मामलों की यह संख्या 38676 पहुँच गई।
अब यदि उत्तराखंड से कम आबादी वाले पड़ोसी राज्य हिमाचल में उच्च न्यायालय में वर्ष 2016 में लंबित मामलों के आंकड़ों पर नज़र दौड़ाएं तो उस दौरान यहां 25,147 मुकदमे लंबित थे। जबकि 22 मार्च 2021 तक उच्च न्यायालय में लंबित मुकदमों की संख्या बढ़कर 76,926 हो गई। यानि हिमाचल उच्च न्यायालय में उत्तराखंड के मुकाबले 49 फीसदी मामले बढ़े हैं जबकि पड़ोसी राज्य उत्तरप्रदेश में इलाहाबाद उच्च न्यायालय में लंबित मुकदमों की संख्या में कमी दर्ज की गई है। यहां इलाहाबाद हाईकोर्ट के लिए भी सुखद खबर है कि वहां जहां वर्ष 2016 में 9,16046 मुकदमें लंबित थे,अब उनमें कमी आ रही है और यह आकंड़े वर्ष 2021 में घटकर 7,86052 रह गए हैं।