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लाॅकडाउन से उत्तराखण्ड को 10 हजार करोड़ के घाटे का अनुसान

लाॅकडाउन ने तोड़ी अर्थव्यवस्था की कमर

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 
देहरादून । देश में एक महीने से लंबे समय से ज्यादा समय से चल रहे लॉकडाउन में पूरा कामकाज ठप हुआ है। इससे राज्यों की अर्थव्यवस्था को काफी नुकसान हुआ है। उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था को लगभग 10 हजार करोड़ का नुकसान हुआ है। प्रदेश को सरकारी राजस्व के तौर पर करीब 1700 करोड़ का नुकसान हुआ है। राज्य में सबसे ज्यादा पर्यटन, तीर्थाटन और छोटे बड़े उद्योगों की कमर ही टूट गई है, क्योंकि इन्हीं सेक्टर से उत्तराखंड में लाखों लोगों की आर्थिकी जुड़ी हुई है।
लॉक डाउन में प्रदेश की अर्थव्यवस्था के नुकसान और उसको कैसे रिकवर किया जा सकता है, को लेकर राज्य सरकार ने मंत्रिमंडलीय उपसमिति का गठन किया। यह उपसमिति राज्य में हुए नुकसान के साथ रोजगार कैसे पैदा हो सकता है, खासकर लोकल स्तर पर रोजगार कैसे उत्पन्न किए जाते हैं उसका आकलन भी करेगी। मंत्रिमंडलीय उप समिति इस पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर मुख्यमंत्री को सौपेंगी।
मंत्रिमंडलीय उप समिति में 3 सदस्य हैं। इस समिति के अध्यक्ष प्रदेश के कृषि मंत्री सुबोध उनियाल हैं तो वही राज्यमंत्री धन सिंह रावत और राज्य मंत्री रेखा आर्य इस समिति के सदस्य हैं। अब इसी उपसमिति पर ही जिम्मेदारी है कि वह कैसे और किस तरह प्रदेश की अर्थव्यवस्था दुबारा पटरी पर लाने के लिए सुझाव और उपाय राज्य सरकार को देते हैं।
इस कमेटी के अध्यक्ष कैबिनेट सुबोध उनियाल के मुताबिक कमेटी यह देखेगी कि अर्थव्यवस्था को कितना नुकसान हुआ है। यह उपसमिति यह भी देखेगी कि कैसे स्थानीय स्तर पर रोजगार पैदा किया जा सकता है। कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल मानते हैं कि अर्थव्यवस्था को दोबारा ठीक करना है तो इसके लिए हर सेक्टर पर काम करना होगा। हालांकि, लॉक डाउन से अर्थव्यवस्था को जो बड़ा नुकसान हुआ है, उसके जल्द सुधरने की उम्मीद नजर नहीं आ रही है।
हालांकि सरकार की यह कोशिश रहेगी कि हालातों को जल्दी से जल्दी से सुधारा जाए। इसके लिए राज्य ने केंद्र से कई मामलों में अनुमति मांगी है। कैबिनेट मंत्री और राजकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने कहा कि प्रदेश में कुछ उद्योग धंधों के साथ कंस्ट्रक्शन का काम भी इस समय शुरू की जरूरत है। अगर उद्योग, धंधे और कंस्ट्रक्शन के काम खुलते हैं तो आने वाले समय के लिए प्रदेश की आर्थिकी को पटरी पर लाया जा सकता है। इन हालातों में राज्य सरकार की पहली कोशिश यह है कि कोरोना से लोगों की जान बचाई जा सके लेकिन अब जो हालत सामने आ रहे हैं, उससे कहीं ना कहीं बड़ी समस्या आने वाली है। अगर राज्य की अर्थव्यवस्था ठीक नहीं हुई तो ना सिर्फ राज्य बल्कि आम आदमी की आर्थिकी की कमर टूट जाएगी।

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