UTTARAKHAND

UPDATE: Tapovan Glacier Burst : तपोवन सुरंग एवं आपदा क्षेत्र से अब तक मिले 12 शव, मृतकों की संख्या 50 तक पहुंची

जैसे-जैसे शव मिल रहे हैं वैसे-वैसे रेस्क्यू टीमों के साथ ही लापता लोगों के परिजनों की भी बढ़ रहीं है दिल की धड़कनें 

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 
देहरादून : उत्तराखंड के चमोली जिले के ऋषिगंगा में   ग्लेशियर के फटने से  बीती रविवार(सात फरवरी) को  आई आपदा के बाद से अब तक 154 लोग लापता हैं।  वहीं, घटना के सात दिन बाद रविवार को रैणी और तपोवन क्षेत्र से 12 शव मिल चुके हैं। तपोवन टनल में 5 शव तथा रैणी क्षेत्र में 7 शव बरामद किए गए।  इसके बाद अब आपदा से हुई दुर्घटना में अब तक कुल 50 शव बरामद हो चुके हैं। सुरंग में फंसे 30 लोगों को निकालने के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरफ की टीमें लगातार मलबा निकालने में लगी हुई हैं।
जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने बताया कि आपदा मे लापता 206 लोगों मे से अभी तक 50 लोगों के शव विभिन्न स्थानों से बरामद हुए है। साथ ही दो लोग पहले जिन्दा मिले थे। अब 154 लोग लापता चल रहे है जिनकी तलाश जारी है। रविवार को जिले में 2 पूर्ण शव और 4 मानव अंगों का नियमानुसार 72  घंटे बाद अंतिम संस्कार किया गया।
वहीँ डीजीपी उत्तराखंड ने कहा चमोली की तपोवन टनल में रेस्क्यू कार्य जारी है। आज अभी तक टनल से चार  एवं रैनी गांव में मलबे से तीन  शवों के साथ कुल सात शव बरामद हुए हैं।
सूचना विभाग के आंकड़ों के अनुसार, आज रविवार दोपहर दो बजे तक सुरंग से पांच और रैणी गांव से छह शव मिल चुके हैं। जबकि एक शव (मानव अंग) रुद्रप्रयाग से मिला है। इस तरह अब कुल शवों की संख्या 50 तक हो गई है।

उत्तराखंड के चमोली में बीते रविवार (सात फरवरी) को आई आपदा के एक हफ्ते बाद रेस्क्यू टीमों को शवों के निकलने में सफलता मिली है। सुरंग से इतने दिन बाद जैसे-जैसे शव मिल रहे हैं वैसे-वैसे रेस्क्यू टीमों के साथ ही लापता लोगों के परिजनों की धड़कनें भी बढ़ने लगी हैं।

डीएम के साथ एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम भी मौजूद रहीं। डीएम का कहना है कि तलाश अभियान तेजी से चल रहा है। बैकअप में सातएंबुलेंस, पोस्टमार्टम टीम और एक हेलीकॉप्टर भी रखा गया है। अगर कोई भी व्यक्ति जिंदा बरामद किया जाता है तो उसे तुरंत उपचार देने के लिए पूरी व्यवस्था की गई है।

जिला प्रशासन के अनुसार, रविवार को मिले शवों की शिनाख्त इस प्रकार है। आलम सिंह पुत्र सुन्दर सिह, निवासी टिहरी गढवाल, अनिल पुत्र भगत निवासी कालसी देहरादून,जीतेंद्र कुमार पुत्र देशराज निवासी जम्बू कश्मीर, शेष नाथ पुत्र जय राम निवासी फरीदाबाद, जितेंद्र धनाई पुत्र मतवार सिंह निवासी टिहरी, सूरज ठाकुर पुत्र श्रीनिवास रामपुर कुशीनगर, जुगल किशोर पुत्र राम कुमार निवासी पंजाब, राकेश कपूर पुत्र रोहन राम निवासी हिमाचल प्रदेश, हरपाल सिंह पुत्र बलवंत सिंह निवासी चमोली, वेद प्रकाश पुत्र राजेंद्र सिंह निवासी गोरखपुर, धनुर्धारी पुत्र राम ललित सिंह निवासी गोरखपुर के रहने वाले थे।

आठ दिन बाद सुरंग से मिला लोयल गांव के आलम सिंह का शव

नरेंद्रनगर । चमोली जिले के रैणी-तपोवन में आपदा में बीते एक सप्ताह से लापता चल रहे नरेंद्रनगर ब्लॉक के लोयल गांव निवासी आलम सिंह पुंडीर का शव आठ दिन बाद सुरंग से पुलिस ने बरामद कर लिया। यह सूचना मिलते ही उनके परिवार, गांव और नरेंद्रनगर क्षेत्र में शोक की लहर छा गई। परिजन उनके शव को चमोली से गांव लेने पहुंच गए हैं।बीती सात फरवरी को हिमस्खलन से रैणी और तपोवन में दैवी आपदा से 200 से अधिक लोग लापता हो गए। रविवार को रेसक्यू अभियान में ऋषिगंगा प्रोजेक्ट की सुरंग से टिहरी जिले नरेंद्रनगर ब्लॉक के लोयल गांव निवासी आलम सिंह पुंडीर (45) पुत्र स्व. सुंदर सिंह पुंडीर का शव भी बरामद किया गया। यह सूचना मिलते ही आलम सिंह के भाई सूरत सिंह, धूरत सिंह, चाचा धनवीर सिंह, बहनोई विशाल राणा सहित गांव के कई लोग तपोवन को रवाना हो गए। वहीं खबर सुनते ही 85 साल की बूढ़ी मां मांझी देवी बेहोश हो गई। पत्नी सरोजनी देवी का तो रो-रोककर बुरा हाल है। आलम सिंह की चार बेटियां हैं। सबसे बड़ी बेटी आंचल 14 साल की है, अंतरा और काजल के अलावा छोटी बेटी अनन्या तो अभी डेढ़ साल की है। बूढ़ी मां भी आलम के परिवार के साथ रहती हैं। आलम के तीन भाई सूरत सिंह, धूरत सिंह और प्रेम सिंह विदेश में नौकरी करते हैं। गांव की प्रधान देवेश्वरी देवी पुंडीर ने बताया कि मृतक आलम तपोवन परियोजना में कार्यरत ऋत्विक कंपनी में बतौर इलेक्ट्रीशियन कार्यरत था। गांव के निवासी और यूकेडी के केंद्रीय सचिव सरदार सिंह पुंडीर ने बताया कि देर रात्रि तक आलम सिंह का शव गांव पहुंचेगा। उन्होंने सरकार से पीडि़त परिवार को आर्थिक सहायता के साथ-साथ परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दिए जाने की मांग की है। परिवार का एक मात्र सहारा था। पूरे गांव और क्षेत्र में मातम पसरा हुआ है।

devbhoomimedia

डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) : देवभूमि मीडिया.कॉम हर पक्ष के विचारों और नज़रिए को अपने यहां समाहित करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह जरूरी नहीं है कि हम यहां प्रकाशित सभी विचारों से सहमत हों। लेकिन हम सबकी अभिव्यक्ति की आज़ादी के अधिकार का समर्थन करते हैं। ऐसे स्वतंत्र लेखक,ब्लॉगर और स्तंभकार जो देवभूमि मीडिया.कॉम के कर्मचारी नहीं हैं, उनके लेख, सूचनाएं या उनके द्वारा व्यक्त किया गया विचार उनका निजी है, यह देवभूमि मीडिया.कॉम का नज़रिया नहीं है और नहीं कहा जा सकता है। ऐसी किसी चीज की जवाबदेही या उत्तरदायित्व देवभूमि मीडिया.कॉम का नहीं होगा। धन्यवाद !

Related Articles

Back to top button
Translate »