UTTARAKHAND
विधायक अमनमणि पर दर्ज मुकदमे में बढ़ सकती हैं धाराएं

सरकारी कार्य में बाधा और सरकारी कर्मचारी से अभद्रता की धाराएं मुकदमे में बढ़ सकती हैं
पुलिस और प्रशासन के अफसरों पर अपर मुख्य सचिव के पत्र और देहरादून जिला प्रशासन की परमिशन की धौंस धमाई
कर्णप्रयाग और गौचर में विधायक त्रिपाठी ने किया था हंगामा
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून। भले ही उत्तराखंड पुलिस और प्रशासन यूपी के विधायक और उनके साथियों को क्वारान्टाइन नहीं कर पाए, लेकिन उनके खिलाफ सरकारी कार्य में बाधा और सरकारी कर्मचारी से अभद्रता की धाराएं उस मुकदमे में बढ़ सकती, जो उनके खिलाफ मुनिकी रेती थाना में दर्ज किया गया है।
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अपर मुख्य सचिव की पैरवी पर देहरादून जिला प्रशासन ने यूपी के विधायक और उनके साथियों को उत्तराखंड भ्रमण की अनुमति दी थी। अपर मुख्य सचिव विधायक सहित 11 लोगों और तीन गाड़ियों को उत्तराखंड की सैर की परमिशन देने की पैरवी की थी, लेकिन जिला प्रशासन ने विधायक समेत आठ लोगों के नाम ही अनुमति पत्र में शामिल किए थे।
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यूपी के विधायक त्रिपाठी का तीन गाड़ियों का काफिला अपर मुख्य सचिव के पत्र औऱ जिला प्रशासन की अनुमति की धौंस जमाते हुए चमोली जिला की ओर आगे बढ़ रहा था। रास्ते में रोके जाने पर पुलिस और प्रशासन के साथ अभद्रता भी की गई। इस मामले में जानकारी मिली है कि मुनिकी रेती थाना में दर्ज मुकदमे में त्रिपाठी के खिलाफ सरकारी कार्य में बाधा और सरकारी कर्मचारी से अभद्रता की धाराएं बढ़ाई जा सकती हैं।
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इस मामले में पुलिस महानिदेशक (लॉ एंड आर्डर) अशोक कुमार का कहना है कि विधायक त्रिपाठी के मामले की जांच शुरू कर दी गई है। अगर पुष्टि होती है तो निश्चित रूप से कार्रवाई होगी।
रविवार दोपहर यूपी विधायक अमनमणि त्रिपाठी तीन कारों के काफिले के साथ लेकर कर्णप्रयाग के पास गौचर चेकपोस्ट पहुंचे। त्रिपाठी के साथ दस लोग और गाड़ियों में सवार थे। चेकपोस्ट पर तैनात पुलिसकर्मियों ने इनको रोक लिया। विधायक ने पुलिसकर्मियों को अनुमति पत्र दिखाया, लेकिन पुलिस ने उन्हें आगे जाने की अनुमति नहीं दी।
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आरोप है कि विधायक ने पुलिसकर्मियों से अभद्रता शुरू कर दी। सूचना मिलने पर कर्णप्रयाग के एसडीएम वैभव गुप्ता ने विधायक से फोन पर बात की। गुप्ता ने विधायक को लॉकडाउन के नियमों के बारे में जानकारी दी। विधायक को यह भी बताया कि भले ही उनके पास अनुमति है, लेकिन नियमानुसार उन्हें क्वारंटाइन करना होगा। इसके बाद भी विधायक कुछ सुनने को तैयार नहीं हुए। उन्होंने एसडीएम से कहा कि मेरे पास बदरीनाथ और केदारनाथ जाने के लिए अनुमति पत्र है।
बाद में पुलिस और प्रशासन के सख्त तेवर देखकर विधायक त्रिपाठी अपने काफिले के साथ वापस लौट गए। मुनिकीरेती पुलिस ने काफिले को रोका तो यहां भी विधायक ने अपनी हेकड़ी दिखाते हुए हंगामा किया। पुलिस ने विधायक और उनके साथियों के खिलाफ मुकदमे दर्ज कर दिए।