हंस कल्चरल फाउंडेशन का अनूठा प्रयास : तांबे के कलश में मिलेगा गंगा जल
- फाउंडेशन के इस प्रयास से तांबा उद्योग लगेंगे पंख
- तांबे के कलश में लिखे जाएंगे वैदिक मंत्र
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
अल्मोड़ा । शहर के पुरातन ताम्र उद्योग को नए पंख लगाए जाने की दिशा में सामाजिक सरोकारों के क्षेत्र में जुटी संस्था हंस कल्चरल फाउंडेशन अनूठा प्रयास करने जा रही है। जिसमें गंगा जल को तांबे के छोटे-छोटे कलशनुमा पात्रों में श्रद्धालुओं को उपलब्ध कराया जाएगा। इसका एक बकायदा बारकोड भी दिया जाएगा। ताकि इसके बैच नंबर व शुद्धता का आकलन किया जा सके। इस संबंध में शहर आए फाउंडेशन के उत्तराखंड प्रभारी पदमेंद्र सिंह बिष्ट ने यह जानकारी दी।
शहर में होटल शिखर में पत्रकारों से बात करते हुए प्रभारी ने कहा कि उनका प्रयास है कि पतित पावनी गंगा को हर सनातन धर्मावलम्बी के घर शुद्धता के साथ पहुंचाया जा सके। इसके लिए तांबे के छोटे-छोटे कलशों में इसको भरकर एक निश्चित सहयोग राशि ली जाएगी। इस राशि से संस्था समाज में गरीबों, कुष्ठ रोगियों सहित विद्याद्दथयों की बेहतर शिक्षा व चिकित्सा में सहायता प्रदान की जाएगी।
उनका कहना है कि अल्मोड़ा में पूर्व के समय से ही तांबा उद्योग प्रसिद्ध रहा। लेकिन सुविधाएं व इसका प्रयोग व्यापक स्तर पर न होने की वजह से यह उद्योग आज दम तोड़ गया है। जिसका प्रभाव इस उद्योग से जुड़े परिवारों की जीवनशैली पर पड़ा है। फाउंडेशन की तरफ से इस दिशा में प्रयास करने का बीड़ा उठाया गया है। ताकि देश-विदेश के श्रद्धालुओं को शुद्ध रूप से गंगा जल की उपलब्धता हो सके। इसके लिए तांबे के कलश में वैदिक मंत्र लिखे जाएंगे। ताकि कोई भी गंगा जल के उपयोग के बाद इसको इधर-उधर न रखकर घर में पूजा के स्थान पर इसे रखेगा।
उनका कहना है कि गंगा जल की शुद्धता आंकने के लिए एक बारकोड भी उस तांबे के कलश में दर्ज होगा। विद्यालय को लिया गोद प्रभारी ने बताया कि संस्था जिले में चिकित्सा व शिक्षा की दिशा में बेहतर प्रयास कर रही है। ताकि गरीबों को इसका लाभ मिले। ताकुला स्थित एक इंटर कॉलेज को भी संस्था ने बेहतर शिक्षा दिए जाने के लिए गोद लिया है। यहां पर पढ़ने वाले छात्रों को एक साल में दो जोड़ी ड्रेस, कॉपी-किताबें व शिक्षकों का पूरा वेतन सहित भोजन का खर्च संस्था अपने मद से देगी। पत्रकार वार्ता में पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष शोभा जोशी व दीपक मेहता मौजूद रहे।