राज्य बनने से अब तक के घोटालों की हो निष्पक्ष जांच : किशोर
- बेनामी संपत्तियों पर जांच आयोगों की रिपेार्ट भी हो सार्वजनिक
देहरादून। कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने सरकार से राज्य गठन से अब तक के 17 साल के सभी घपले-घोटालों की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की। बेनामी संपत्तियों के खिलाफ कार्रवाई की पैरवी करते हुए उन्होंने अब तक गठित जांच आयोगों की रिपेार्ट भी सार्वजनिक करने की मांग भी की है।
राजीव भवन में मीडिया से बातचीत में किशोर ने कहा कि खासकर वर्ष 2012-17 तक कांग्रेस सरकार के दौरान भाजपा के स्तर से उठाए गए मामलों की भी गंभीरता से जांच होनी चाहिए। बकौल किशोर राज्य में घपले-घोटाले राजनीतिक चरित्र हनन का पर्याय बनते जा रहे हैँ। यदि घोटाले हैं तो उनमें दोषी व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई क्यों न हो?
किशोर ने मीडिया को अपना 19 अप्रैल 2016 को राज्यपाल को दिया वह पत्र भी दिखाया, जिसमें उन्होंने यह मांग उठाई थी। ऋषिकेश में हुए उपद्रव और हाल में पर्वतीय क्षेत्रों में हुए आपराधिक घटनाओं पर उन्होंने चिंता जताई। कहा कि वर्तमान सरकार के लचर प्रशासन की वजह से ऋषिकेश मे हुए उपद्रव ने उत्तराखंड को कलंक का टीका लगा दिया है। मुख्यमंत्री को चाहिए कि वो तत्काल देश से माफी मांगे। उन्होंने शंका जताई कि आम जनता का ध्यान मुख्य मुद़्दों से भटकाने के लिए भाजपा इस प्रकार की घटनाओं का राजनीतिक इस्तेमाल भी कर सकती है। उन्होंने बेनामी संपत्तियों के मामले में भी सरकार से कार्रवाई की मांग की है।
इस मौके पर महामंत्री-संगठन राजेंद्र भंडारी, मुख्य प्रवक्ता मथुरादत्त जोशी, आईटी विभाग अध्यक्ष अमरजीत सिंह, जिलाध्यक्ष यामीन अंसारी आदि मौजूद रहे। दूसरी तरफ, राज्य गठन से अब तक हुए घपले-घोटालों की जांच की किशोर उपाध्याय की मांग पर सवाल भी उठ रहा है। किशोर ने पिछले साल राज्य में राष्ट्रपति शासन के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के साथ मिलकर राज्यपाल को इस बाबत ज्ञापन दिया था। इस ज्ञापन में दोनों नेताओं ने संयुक्त रूप से मांगी की थी कि राज्यगठन से अब तक तक के सभी घपलों की विशेष जांच होनी चाहिए। पर, पार्टी में बगावत के राजनीतिक संकट से उबरने के बाद जैसे ही हरीश रावत दोबारा मुख्यमंत्री बने यह मांग उन्होंने भी ठंडे बस्ते में डाल दी। राज्य में दोबारा कांग्रेस की सरकार बन जाने के बाद इस जांच को लेकर किशोर के तेवर भी ज्यादा तीखे नजर नही आए।