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भारत को ट्रंप ने दो साल परखने पर बताया सच्चा मित्र

  • दो साल में उठाए गए कदमों का दिया हवाला
  • अमेरिकी राष्ट्रपति का दावा, हम चीन का बाजार खुलवाने जा रहे हैं
देवभूमि मीडिया ब्यूरो 
वाशिंगटन : अमेरिका की एक शीर्ष राजनयिक ने बताया कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत को एक ‘सच्चा मित्र’ बताया है। उन्होंने अमेरिका द्वारा बीते दो वर्ष में भारत के साथ संबंध मजबूत करने के लिए उठाए गए कदमों का हवाला दिया। 

दक्षिण एवं मध्य एशिया के लिए प्रधान उप सहायक विदेश मंत्री एलिस वेल्स ने यह टिप्पणी विदेश मंत्रालय द्वारा अमेरिका में भारत के निवर्तमान राजदूत नवतेज सिंह सरना के सम्मान में आयोजित विदाई समारोह में की। उन्होंने कहा, ‘राष्ट्रपति ट्रंप भारत को सच्चा मित्र मानते हैं और विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने भारत-अमेरिका द्विपक्षीय रिश्तों के बारे में कहा है कि यह रिश्ता हमारे साझा मूल्यों के साथ गहराई से जुड़ा हुआ है।’ 

विदाई कार्यक्रम में विदेश मंत्रालय और व्हाइट हाउस के शीर्ष अधिकारी मौजूद थे। वेल्स ने कहा कि सरना का अमेरिका में कार्यकाल बेहतरीन रहा है। भारतीय विदेश सेवा में उनका 38 वर्ष का कैरियर रहा है। सरना पांच नवंबर 2016 को अमेरिका में भारत के राजदूत बने थे।

वेल्स ने बताया कि इन दो सालों में हमने वाशिंगटन में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शिखर सम्मेलन के लिए मेजबानी करने में सफल रहे। इस कार्यकाल के दौरान दोनों देशों के बीच टू प्लस टू संवाद का भी आयोजन किया गया जिससे दोनों देशों की क्षेत्रीय सुरक्षा और रणनीतिक साझेदारी में काफी मदद मिली है। 

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन के साथ व्यापार वार्ता के बीच बृहस्पतिवार को कहा कि एक बड़े नीतिगत बदलाव के तहत चीन समूचे देश के बाजार को खोलने जा रहा है। ट्रंप ने फॉक्स न्यूज को दिए गए साक्षात्कार में कहा, ‘मैंने अभी-अभी वाल स्ट्रीट जर्नल का पहला पेज देखा। बड़े नीतिगत बदलाव के तहत चीन अपनी नीति को उदार बनाने जा रहा है। वह अपना बाजार पूरी तरह खोलने जा रहा है, वह राष्ट्रपति ट्रंप को खुश करना चाहता है। मेरा मानना है कि हम दोनों देशों के लिए और हमारे लिए शानदार समझौता करने जा रहे हैं। हम चीन से उसका बाजार खुलवाने जा रहे हैं।’

ट्रंप ने हाल ही में जी-20 शिखर सम्मेलन से इतर चीनी समकक्ष शी जिनपिंग से मुलाकात कर व्यापार समझौते पर पहुंचने के लिए एक-दूसरे को 90 दिन का वक्त देने का फैसला किया था। इस व्यापार समझौता के जरिए व्यापार संतुलन और बौद्धिक संपदा की चोरी के संबंध में अमेरिकी चिंताओं का निवारण करने की कोशिश की जाएगी। ट्रंप ने कहा, ‘अगर चीनी अर्थव्यवस्था मुश्किल में है तो सिर्फ उनकी वजह से है। उन्होंने कहा, अतीत में हमने चीन से कोई धन हासिल नहीं किया, बल्कि चीन के हाथों धन गंवाया था।’

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