गोल्डन बटरफ्लाई चाय होती है एक खास किस्म की चाय
मोहन पहाड़ी
भारत एक अनोखा देश है जो चाय पर चलता हैं। देश चाय के उत्पादन एवं खपत में दुनियां में अग्रणी हैं। असम, दार्जिलिंग, अरुणाप्रदेश के साथ ही कर्नाटक और तमिलनाडु के साथ केरल में चाय की खेती की जाती हैं। पांच रुपये प्रति कप में मिलने वाली चाय की कई किस्मे हैं। ऐसी ही एक किस्म हैं गोल्डन बटरफ्लाई (Golden Butterfly)। इसकी कीमत हैं 75,000 रुपये प्रति किलोग्राम।
ऊपरी असम के दिकॉम टी एस्टेट (Dikom Tea Estate) में पैदा होने वाली दुर्लभ किस्म की चाय विश्व की सबसे महँगी चाय हैं। इस चाय की नीलामी गुवाहाटी चाय नीलामी केंद्र (जीटीएसी) में 75 हजार रुपये प्रति किलो की दर से हुई। यह “असाधारण रूप से दुर्लभ और विशेष चाय” जे थॉमस एंड कंपनी के माध्यम से बेची गई।
जीटीएसी खरीदार एसोसिएशन के सचिव दिनेश बिहानी ने कहा, ‘गोल्डन बटरफ्लाई (Golden Butterfly)’, चाय शहर में स्थित असम टी ट्रेडर्स ने खरीदी। बिहानी ने कहा, “चाय के क्षेत्र में, इस नीलामी केंद्र ने एक ऐसी जगह की छवि बनाई है जहां रिकॉर्ड टूटने के लिए बनाए जाते हैं और इतिहास फिर से लिखा जाता है।”
असम टी ट्रेडर्स (Assam Tea Traders) के मालिक एल के जालान ने कहा, एक अनोखी चाय का मूल्यांकन उसकी सुगंध, स्वाद और रंग के आधार पर किया जाता है और इस चाय की विशेषता है कि इसका बेहद मधुर और मीठा कैरामेल स्वाद है।
गोल्डन बटरफ्लाई, एक खास किस्म की चाय होती है, जिसमें छोटी कलियां होती है। जिन्हें बहुत ही सावधानी से तोड़ा जाता है। इस चाय की पत्तियों में सुनहरे रंग की परत होती है, जो काफी मुलायम व मखमली होती हैं।