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जनान्दोलनों को तबाह करने व कुचलने की रणनीति पर काम कर रही है प्रदेश सरकार

उत्तराखंड – जन आंदोलन से पैदा हुआ एक राज्य

जन आवाज को दबाने की किसी भी कोशिश का दिया जाएगा मुंह तोड़ जवाब

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

देहरादून:  गैरसैण राजधानी निर्माण अभियान ने आज धरना स्थल को अन्यत्र स्थानांतरित करने के सवाल पर गंभीर मंत्रणा बैठक की है और निर्णय लिया कि इस मुद्दे पर उत्तराखंड के सभी क्रियाशील सामाजिक संगठनों की एक बड़ी बैठक धरना स्थल पर बुलाई जाए। सरकार के निर्णय की समीक्षा करते हुए इसका विरोध किया जाए।

गैरसैण राजधानी निर्माण अभियान ने कहा है कि भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था में नागरिकों को और उनके प्रतिनिधि जनसंगठनों को अभिव्यक्ति की आजादी के साथ-साथ विरोध करने का पूर्ण लोकतंत्रिक अधिकार प्राप्त है। गैरसैण राजधानी निर्माण अभियान ने कहा है कि सरकार कभी अनुमति के नाम पर तो कभी धरना स्थलों को अन्यत्र दूरदराज क्षेत्रों में भेजकर जनान्दोलनों को तबाह करने व कुचलने की रणनीति पर काम कर रही है।

गैरसैण राजधानी निर्माण अभियान ने कहा है कि उत्तराखंड – जन आंदोलन से पैदा हुआ एक राज्य है और इसमें जन आवाज को दबाने की किसी भी कोशिश का मुंह तोड़ जवाब दिया जाएगा। गैरसैण राजधानी निर्माण अभियान ने कहा है कि लोगों से लोकतांत्रिक अधिकार के रूप में यदि धरना स्थल छीना जाता है तो इसके लिए तीखी प्रतिक्रिया की जाएगी और आंदोलन को एक बड़ा रूप दिया जाएगा। गैरसैण राजधानी निर्माण अभियान गांधी पार्क और घंटाघर पर तंबू गाड़ कर विरोध जताने के लिए मजबूर होगा। गैरसैण राजधानी निर्माण अभियान ने कहा है कि सरकार गैरसैंण राजधानी के निर्णय को लगातार टाल रही है और साथ साथ में अस्थाई राजधानी देहरादून में आंदोलनों को उभरते देख भय खाने लगी है।

गैरसैण राजधानी निर्माण अभियान ने कहा है कि आज धरना स्थल पर समूचे उत्तराखंड से आंगनवाड़ी महिला कार्यकर्ता अपने लोकतांत्रिक अधिकारों के लिए एवं न्यायपूर्ण मांगों के लिए संघर्ष में बैठी हुई हैं। इसी प्रकार से अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति से जुड़े हुए जन संगठनों के लोग लगातार धरने पर बैठ गए हैं। जहां तक गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान का प्रश्न है तो गैरसैण राजधानी निर्माण अभियान 463 दिनों से धरना स्थल पर गैरसैंण को स्थाई राजधानी बनाने की मांग को लेकर लगातार पांव जमाए बैठा है।

गैरसैण राजधानी निर्माण अभियान ने कहा है कि सरकार लोकतांत्रिक आंदोलनों पर सकारात्मक निर्णय लेने के बजाय इन आंदोलनों की आवाज को दबाने का षड्यंत्र रच रही है जो कि हर हाल में अस्वीकृत है। गैरसैण राजधानी निर्माण अभियान ने कहा है कि स्मार्ट सिटी तो मात्र एक बहाना है सच तो यह है कि जिस प्रकार से स्मार्ट पार्किंग के नाम पर सड़कों पर ही अतिक्रमण कर पार्किंग प्रारंभ कर सांठगांठ का खेल खेला जा रहा है और जिस प्रकार से संडे मार्केट के नाम पर खुली उगाही हर सप्ताह परेड ग्राउंड से हो रही है उसी की कड़ी में यह एक और खेल रचा जा रहा है जिसके माध्यम से जन आंदोलन खत्म किए जा सके।  गैरसैण राजधानी निर्माण अभियान ऐसी किसी भी प्रकार की चालों को किसी भी सूरत में सफल नहीं होने देगा।

गैरसैण राजधानी निर्माण का कहना है सोमवार को  गैरसैण राजधानी निर्माण अभियान के मंच पर बैठक में सम्मिलित होने वालों में गैरसैण राजधानी निर्माण अभियान के नीतिपरक के अध्यक्ष एवं प्रमुख रणनीतिकार मनोज ध्यानी, युवा संयोजक मदन सिंह भंडारी, पूर्व पार्षद रविंद्र कुमार प्रधान, प्रमुख संचालनकर्ता विजय सिंह रावत, उत्तराखंड विकलांग संघ के अध्यक्ष बृजमोहन सिंह नेगी, उत्तराखंड राज्य निर्माण सेनानी संघ के संयोजक जस्सी बहुगुणा, चिन्हित राज्य आंदोलनकारी समिति के अध्यक्ष जबरसिंह पावेल, राजेश बर्थवाल, संजय थपलियाल, राजेंद्र सिंह नेगी, चंडीप्रसाद थपलियाल, सोहन सिंह रावत, हर्ष मैंदोली, सत्यपाल, कृष्णकांत कुनियाल, आदि बड़ी संख्या में अभियान कर्मी उपस्थित रहे।

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