- जब भीग रहे बच्चों की राष्ट्रपति ने की चिंता
- हरकी पैड़ी पर बारिश में भीगे राष्ट्रपति और उनका परिवार
- दिव्य प्रेम सेवा मिशन में पढ़ रहे दो च्च्चों के लालन-पालन और पढ़ाई की जिम्मेदारी राष्ट्रपति पर
हरिद्वार : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि भारत की पहचान इंडिया गेट से नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति से है। पर्यावरण को पहाड़ की पहचान बताते हुए उन्होंने चिपको आंदोलन के प्रणेता पर्यावरणविद सुंदरलाल बहुगुणा के पर्यावरण बचाने के लिए किये गए कार्यों की सराहना की। उन्होंने हरिद्वार में देश के गौरवशाली अतीत को याद करते हुए गंगा स्वच्छता की शपथ लेकर नदियों की निर्मलता की प्रेरणा भी दी।
वहीँ बारिश के बीच हरिद्वार के दिव्य सेवा प्रेम मिशन पहुंचे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपनी सादगी से सबका मन मोह लिया। इंतजार में भीग रहे बच्चों और पुलिस कर्मियों को देख वे द्रवित हो उठे और बोले ‘भीगने से मुझे अपने स्वास्थ्य की चिंता नहीं है, वे पुलिस कर्मी जिनके पास रेनकोट नहीं हैं, छोटे बच्चे जो भीगकर मेरा इंतजार कर कर रहे है उनकी चिंता है।’
राष्ट्रपति बनने के बाद पहली बार उत्तराखंड पहुंचे रामनाथ कोविंद करीब तीन बजे भारतीय वायु सेना के विशेष विमान से देहरादून के जौलीग्रांट हवाई अड्डे पर पहुंचे राष्ट्रपति का राज्यपाल डॉ.केके पाल, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत के साथ ही प्रदेश के आला अधिकारियों ने स्वागत किया। राष्ट्रपति के साथ पत्नी सविता कोविंद के अलावा बड़े भाई व परिवार के अन्य सदस्य भी हैं। यहां से वे कार से हरिद्वार रवाना हुए। हालाँकि उन्हें पहले उन्हें हेलीकॉप्टर से जाना था, लेकिन खराब मौसम के कारण अंतिम समय में कार्यक्रम बदलना पड़ा ।
हरिद्वार पहुंचकर उन्होंने हरिद्वार में हरकी पैड़ी पर पूजा-अर्चना की और इसके बाद दिव्य सेवा प्रेम मिशन में आयोजित कार्यक्रम में भाग लिया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि नर सेवा ही नारायण सेवा है। उन्होंने कहा ‘मैं खुद गरीब परिवार से हूं। मेरे पास न धन है और न ही राजनीतिक पहुंच, लेकिन आप सबके प्रेम से राष्ट्रपति की कुर्सी तक पहुंचा हूँ ।’
दिव्य सेवा मिशन से अपने लगाव को लेकर कहा कि यह मेरा अपना घर है। उन्होंने कहा दिव्य प्रेम सेवा कुंज के बच्चों में से कोई न कोई एक दिन राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री बनेगा। भावी पीढ़ी को नसीहत देते हुए कहा कि राष्ट्र का निर्माण सरकार नहीं, समाज करता है।
उन्होंने कहा प्रतिकूल परिस्थितियों में दायित्वों का निर्वहन करने वाले लोग ही राष्ट्र निर्माण में सहायक होते हैं। कार्यक्रम में राज्यपाल और मुख्यमंत्री के अलावा विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल और पतंजलि योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण भी मौजूद थे। इससे पहले दिव्य सेवा प्रेम मिशन के अध्यक्ष आशीष गौतम ने राष्ट्रपति का स्वागत किया। देर शाम राष्ट्रपति का काफिला देहरादून पहुंचा। रात को उन्होंने राजभवन में आयोजित भोज में शिरकत की। उनका केदारनाथ और बदरीनाथ जाने का कार्यक्रम है ।
वहीँ हरिद्वार में हरकी पैड़ी पर पूजा-अर्चना के दौरान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और उनका परिवार बारिश में भीग गया। पूजा के बाद परिवार राष्ट्रपति के लिए बनाए गए विशेष गेस्टरूम में गया और कपड़े बदलने के बाद दिव्य सेवा प्रेम मिशन के लिए रवाना हुआ। वे हरकी की पैड़ी पहुँचने वाले देश के चौथे राष्ट्रपति हैं। उनसे पहले डॉ. राजेन्द्र प्रसाद, ज्ञानी जैल सिंह और प्रणब मुखर्जी भी हरकी पैड़ी आ चुके हैं।
हरकी पैड़ी पर राष्ट्रपति ने श्रीगंगा सभा के विजिटिंग रजिस्टर में लिखा ‘परम पावन ब्रह्मकुंड हरकी पैड़ी पर आकर और गंगा पूजन करके मैं गौरवान्वित अनुभव कर रहा हूं।’ आगे लिखा यहां की देखरेख तथा सफाई एवं नियमित रूप से गंगा आरती के आयोजन के लिए मैं श्रीगंगा सभा के पदाधिकारियों को बधाई देता हूं।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और उनकी धर्मपत्नी सविता कोविंद का हरिद्वार में दिव्य प्रेम सेवा मिशन से गहरा नाता है। जब भी मौका मिलता है, वह गंगा तट स्थित मिशन के आश्रम में आकर कुष्ठ रोगियों और उनके बच्चों की सेवा करते हैं। आश्रम की रामकृष्ण परमहंस कुटिया उनका ठिकाना होती है। दिव्य प्रेम सेवा मिशन के संस्थापक आशीष गौतम ने बताया कि उन्होंने वर्ष 2000 से दिव्य प्रेम सेवा मिशन में असहाय, अनाथ और अशक्त कुष्ठ रोगियों के दो च्च्चों के लालन-पालन और पढ़ाई की जिम्मेदारी अपने ऊपर ले रखी है।
- जब राष्ट्रपति के पुत्र फ्लीट से छूटे हरिद्वार
दिव्य प्रेम सेवा मिशन में जब समारोह संपन्न होने के बाद महामहिम रामनाथ कोविंद का काफिला चलने लगा तो उनके पुत्र प्रशांत पीछे छूट गए। जब तक वे गाड़ी में बैठने के लिए पहुंचे तो सभी गाड़ियां निकल चुकी थी। हड़बडाए प्रशांत सुरक्षा में तैनात आईपीएस केवल खुराना और सीओ कनखल जेपी जुयाल को अपने पीछे छुटने की जानकारी दी। इस पर दोनों अधिकारियों ने बाद में अलग से गाड़ी की व्यवस्था कर उन्हें भिजवाने की व्यवस्था कराई।
गौरतलब हो कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद पत्नी सविता कोविंद समेत परिवार के अन्य सदस्यों के साथ हरिद्वार से देहरादून रवाना हुए, लेकिन उनके पुत्र प्रशांत कोविंद छूट गए। जैसे ही पुलिस को इसका पता चला आनन-फानन उन्हें देहरादून रवाना किया गया। हरिद्वार के निकट मोतीचूर में प्रशांत काफिले में शामिल हो गए।
दरअसल दिव्य प्रेम सेवा मिशन में आयोजित कार्यक्रम के समापन के बाद राष्ट्रपति और उनका परिवार वहां बने वॉशरूम में फ्रेश होने गए। इसी बीच राष्ट्रपति का काफिला राजभवन देहरादून के लिए रवाना हो गया। काफिला रवाना होने के कुछ देर बाद ही प्रशांत वॉशरूम से बाहर निकले।
परिवार के सदस्यों को न पाकर वे पुलिसकर्मियों के पास पहुंचे और खुद का परिचय दिया। यह सुनते ही पुलिस में हड़कंप मच गया। आनन फानन इसकी जानकारी काफिले में शामिल अफसरों तक पहुंचाई गई। काफिले को मोतीचूर के पास रोका गया।
इस बीच हरिद्वार के एसपी ग्रामीण मणिकांत मिश्र ने प्रशांत को अपने वाहन से काफिले तक पहुंचाया। तब जाकर पुलिसकर्मियों ने राहत की सांस ली। एसएसपी कृष्ण कुमार वीके ने बताया वॉशरूम में अधिक देर तक रहने से उनके पुत्र पीछे छूट गए।