कैसे पूरी दुनिया अगले तीस सालों में कार्बन मुक्त हो सकती ?
पहली बार की अगले दस सालों में दुनिया के नेट ज़ीरो होने की दिशा में बढ़ने के लिए ज़रूरी कदमों की बात, वार्षिक रिपोर्ट में इस विषय पर रखा पूरा सेगमेंट
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
एक बेहद महत्वपूर्ण वैश्विक घटनाक्रम में अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IEA) ने पहली बार अपनी वार्षिक रिपोर्ट वर्ल्ड एनर्जी आउटलुक (WEO) में इस बात पर ज़बरदस्त चर्चा की है कि कैसे पूरी दुनिया अगले तीस सालों में कार्बन मुक्त हो सकती है।
यह बात महत्वपूर्ण इसलिए है क्योंकि IEA ने जलवायु परिवर्तन के परिणामों को मानते हुए, संभवतः, पहली बार उसे इतनी तरजीह दी है कि दुनिया भर में ऊर्जा क्षेत्र की गोल्ड स्टैण्डर्ड मानी जाने वाली अपनी बेहद शानदार और विश्वसनीय वार्षिक रिपोर्ट में अगले दस सालों में दुनिया के नेट ज़ीरो होने की दिशा में बढ़ने के लिए ज़रूरी कदमों बात करते हुए एक पूरा सेगमेंट रखा है।
आने वाले दशकों में वैश्विक ऊर्जा प्रणाली कैसे विकसित हो सकती है, इस बारे में वर्ल्ड एनर्जी आउटलुक एक व्यापक दृष्टिकोण प्रदान करता है। रिपोर्ट का ताज़ा संस्करण जहाँ ऊर्जा क्षेत्र पर कोविड महामारी के प्रभावों की पड़ताल करता है, और निकट-अवधि के कार्यों की समीक्षा करता है जो स्वच्छ ऊर्जा संक्रमण को तेज कर सकते हैं, वहीँ उसका ख़ास ध्यान अगले 10 वर्षों पर है। वजह यह है कि अगले दस सालों में लिए गए फ़ैसले, पृथ्वी की अगले दस सालों की दशा और दिशा तय कर देंगे।
और आज, IEA ने अपने इस वार्षिक फ्लैगशिप प्रकाशन – द वर्ल्ड एनर्जी आउटलुक – को जारी करते हुए इसमें पहली बार 1.5 डिग्री सेंटीग्रेड ग्लोबल वार्मिंग के परिदृश्य को शामिल किया है , जिसे NZE2050 (नेट ज़ीरो एमिशन 2050) कहा जाता है। NZE2050 का मतलब सारी दुनिया का 2050 तक पूरी तरह में जीवाश्म ऊर्जा मुक्त, डीकार्बनआईज़ड, और कार्बन न्यूट्रल ऊर्जा में सक्षम हो जाना है। और ऐसा करने में सोलर, पवन, माइक्रो हाइड्रो, आदि रिन्यूएबिल एनर्जी का हर रूप शामिल है।
इस ताज़ा रिपोर्ट में दर्ज मौजूदा नेट-शून्य प्रतिबद्धताओं का विश्लेषण वैश्विक प्रयासों के लिए कई उपयोगी सबक प्रदान करता है, और साथ ही सुझाव देता है कि…..
1. एक नेट-शून्य कार्बन पावर सिस्टम बनाने के लिए दीर्घकालिक और एकीकृत योजना की आवश्यकता होती है,
2. उत्सर्जन में कमी के प्रयासों के लिए विद्युतीकरण केंद्रीय बिंदु ज़रूर हो सकता है लेकिन साथ ही हाइड्रोजन जैसे कम कार्बन ईंधन पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है,
3. क्योंकि उत्सर्जन को पूरी तरह से खत्म करना मुश्किल होगा, इसलिए प्रौद्योगिकी में नवाचार को बढ़ावा देना पड़ेगा।
4. सार्वजनिक स्वीकृति सुनिश्चित करने के लिए उपभोक्ताओं के साथ जुड़ना भी महत्वपूर्ण होगा।
2. उत्सर्जन में कमी के प्रयासों के लिए विद्युतीकरण केंद्रीय बिंदु ज़रूर हो सकता है लेकिन साथ ही हाइड्रोजन जैसे कम कार्बन ईंधन पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है,
3. क्योंकि उत्सर्जन को पूरी तरह से खत्म करना मुश्किल होगा, इसलिए प्रौद्योगिकी में नवाचार को बढ़ावा देना पड़ेगा।
4. सार्वजनिक स्वीकृति सुनिश्चित करने के लिए उपभोक्ताओं के साथ जुड़ना भी महत्वपूर्ण होगा।