- शासन स्तर पर फिल्म के चलने पर कोई प्रतिबन्ध नहीं
- उत्तराखंड हाई कोर्ट ने फिल्म पर रोक लगाने से इनकार
- बीजेपी विधायकों ने भी फिल्म के खिलाफ खोला मोर्चा
- राज्य सरकार द्वारा गठित कमेटी फिल्म को देखेगी
- फिल्म पर जिलाधिकारियों द्वारा स्वयं निर्णय लेने को कहा गया
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून : उत्तराखंड में दो दिन बाद रिलीज होने जा रही फिल्म ”केदारनाथ” पर संशय के बादल मंडराने लगे हैं। तमाम धार्मिक संगठनों के बाद भाजपा विधायकों ने भी फिल्म के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए फिल्म सिनेमा हॉल में नहीं लगने देने की चेतावनी दी है। भारी विरोध के बाद सारा अली खान और सुशांत राजपूत द्वारा अभिनीत फिल्म केदारनाथ की रिलीज पर संशय के बादल मंडराने लगे हैं। जहां एक ओर उत्तराखंड हाई कोर्ट ने फिल्म पर रोक लगाने से इनकार करते हुए निर्माताओं को थोड़ी राहत दी है वहीं फिल्म पर आखिरी फैसला उत्तराखंड सरकार द्वारा बनाई गयी हाई लेवल कमेटी लेगी। इन सबके बीच बीजेपी विधायकों ने भी फिल्म के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए सिनेमा हॉल में इसे न लगने देने की चेतावनी दे दी है।
वहीं देर शाम पर्यटन मंत्री श्री सतपाल महाराज की अध्यक्षता में गठित समिति ने रिपोर्ट मुख्यमंत्री को प्रस्तुत की । विचार- विमर्श के दौरान केदारनाथ फिल्म को जनपद स्तर पर चलाने या न चलाने के लिए फिल्म के सम्बन्ध में जिलों के हालात को ध्यान में रखते हुए जिलाधिकारियों द्वारा स्वयं निर्णय लेने को कहा गया है। शासन स्तर पर फिल्म के चलने पर कोई प्रतिबन्ध नहीं लगाया गया है।
शुक्रवार को देशभर में बड़े परदे पर आ रही फिल्म केदारनाथ उत्तराखंड में ही विवादों में आ गयी है। हिन्दू संगठनों ने तो फिल्म के खिलाफ आवाज उठाई ही है साथ ही अब भाजपा विधायकों ने भी फिल्म को लेकर जबरदस्त विरोध दर्ज कराया है। भाजपा विधायक यतीश्वरानंद की माने तो ये फिल्म हरिद्वार में वो नहीं चलने देंगे और फिल्म में जो कुछ दिखाया गया है वो आपत्तिजनक है उधर विधायक पुष्कर धामी ने भी मुख्यमंत्री से बातकर फिल्म पर रोक लगाने की बात कही है। केदारनाथ फिल्म पर की जा रही आपत्तियों की समीक्षा करने के लिए पर्यटन मंत्री श्री सतपाल महाराज की अध्यक्षता में समिति गठित की गई है। सचिव गृह श्री नितेश झा, सचिव सूचना श्री दिलीप जावलकर व डीजीपी श्री अनिल रतूङी समिति के सदस्य हैं। समिति केदारनाथ फिल्म को लेकर की जा रही आपत्तियों के संदर्भ में फिल्म का परीक्षण करेगी और अपनी रिपोर्ट देगी। इस रिपोर्ट के आधार पर राज्य सरकार द्वारा उत्तराखंड में फिल्म के प्रदर्शन के संबंध में समुचित निर्णय लिया जाएगा।
वहीं फिल्म केदारनाथ में हो रहे विवाद को लेकर पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर मेरी अध्यक्षता में समिति बनाई गयी। इधर विधायकों के विरोध को देखते हुए राज्य सरकार भी गंभीर दिखाई दे रही है , राज्य सरकार के प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक के मुताबिक फिल्म के माध्यम से लोगों की आस्था को ठेस पहुंचाई जा रही है। इन बातों को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार द्वारा गठित कमेटी न केवल फिल्म को पहले देखेगी बल्कि लोगों की आस्था का पूरा ध्यान रखा जायेगा।
उधर देहरादून में हिंदू जागरण मंच ने प्रदर्शन कर फिल्म का विरोध जताया। फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने की मांग करते हुए मंच के सदस्यों ने लैंसडौन चौक पर पुतला फूंका। साथ ही राज्य में फिल्म के रिलीज पर रोक लगाने की मांग को लेकर डीएम एसए मुरूगेशन के माध्यम से सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत को ज्ञापन प्रेषित किया। इस मौके पर मंच के प्रदेश कोषाध्यक्ष राजू गुलाटी के नेतृत्व में सभी कार्यकर्ताओं ने फिल्म के निर्माता अभिषेक कपूर और अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
वहीं बद्री केदार विकास समिति देहरादून की ओर से केदारनाथ फिल्म के ट्रेलर और प्रोमो पर दिखाए जाने वाले दृश्यों को लेकर विरोध प्रदर्शन किया गया। इस संबंध में उन्होंने डीएम के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को ज्ञापन सौंपा।
फिल्म केदारनाथ के कुल मिलाकर किये जा रहे विरोध का फायदा फिल्म को ही मिलने की बात फिल्म समीक्षक कहने लगे हैं। उनका कहना है फिल्म में क्या है यह तो प्रदर्शन के बाद ही पता चलेगा लेकिन विरोध ने फिल्म को जरूर पब्लिसिटी दे दी है। अब देशभर के दर्शक यह देखने के लिए जरूर ही इस फिल्म को देखने जायेंगें कि आखिर इस फिल्म में ऐसा क्या है जो इसका इतना विरोध हो रहा है।