अपनी मां और ब्रिटेन की महरानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन के बाद किंग चार्ल्स ने सोमवार को ब्रिटेन के सम्राट के रूप में पहली बार संसद को संबोधित किया। इस दौरान संसद के लगभग 900 सदस्य मौजूद रहे। तो उन्होंने कहा कि अपने पहले संबोधन में ‘इतिहास के महत्व’ और ‘अपनी प्रिय दिवंगत मां’ का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि संसद हमारे लोकतंत्र का जीवंत तंत्र है।
73 वर्षीय सम्राट क्वीन कंसोर्ट कैमिला के साथ एडिनबर्ग के लिए उड़ान भरेंगे जहां वे दिवंगत रानी के ताबूत के पीछे एक शाही जुलूस का नेतृत्व करेंगे। तो महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के जीवन का जश्न मनाने के लिए एक विशेष सेवा के बाद, ताबूत 24 घंटे के लिए गिरजाघर में रखा जाएगा ताकि जनता उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर सके।
मेरा जीवन बदल जाएगा
इससे पहले 10 सितंबर को ताजपोशी के बाद किंगI ने लंदन के सेंट जेम्स पैलेस में अपने संबोधन के दौरान कहा, मैं आज आपसे बहुत दुखी मन के साथ बात कर रहा हूं। पूरी जिंदगी महारानी और मेरी प्यारी मां, मेरे तथा मेरे पूरे परिवार के लिए प्रेरणास्रोत और मिसाल रहीं। हम उनके प्यार, लगाव, मार्गदर्शन, समझ और मिसाल बनने के लिए उनके दिल से कर्जदार हैं जैसा कि कोई भी परिवार अपनी मां के लिए होता है। हमें उनके जाने पर गहरा दुख है। मैं आपसे उसी आजीवन सेवा का वादा करता हूं। मैं संकल्प लेता हूं कि जीवनभर निष्ठा, सम्मान और प्यार के साथ आपकी सेवा करने की कोशिश करूंगा। नई जिम्मेदारियों के साथ मेरा जीवन भी बदल जाएगा। मैं दान और उन दूसरे कार्यों को बहुत ज्यादा समय और ऊर्जा नहीं दे सकूंगा। लेकिन, मैं जानता हूं कि ये महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दूसरे भरोसेमंद हाथों में जाएगी। ये मेरे परिवार के लिएभी बदलाव का समय है। मैं अपनी प्यारी पत्नी कैमिला की प्यार भरी मदद पर भरोसा करता हूं।
घोषणा करना मेरा दुखद कर्तव्य
रानी के निधन की घोषणा करना मेरा दुखद कर्तव्य है। मुझे पता है कि हम सभी की अपूरणीय क्षति हुई है और आप इस क्षति में मेरे साथ कितनी गहरी सहानुभूति रखते है तो इस मौके पर वो भावुक नजर आए।और उन्होंने कहा कि वे अपनी मां को खोने से दुखी हैं, लेकिन वे अपनी मां की तरह देश सेवा करते रहेंगे।
शोक पुस्तिका पर हस्ताक्षर
बता दे की विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने सोमवार को भारत में ब्रिटिश उच्चायुक्त एलेक्स एलिस के आवास पर महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के लिए शोक पुस्तिका पर हस्ताक्षर किए।