UTTARAKHAND
देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ”भारत रत्न” तीन लोगों को दिया गया
-
डॉ. भूपेन कुमार हजारिका मरणोपरांत,नानाजी देशमुख मरणोपरांत और पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को राष्ट्रपति द्वारा प्रदान किया गया भारत रत्न
-
सर्वोच्च नागरिक सम्मान ”भारत रत्न” से दो विदेशियों सहित 48 विभूतियां अब तक हुई हैं विभूषित
-
भारत रत्न सम्मान की शुरुआत 2 जनवरी 1954 में हुई शुरू
-
पहला भारत रत्न डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को दिया गया
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून : इस वर्ष का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ”भारत रत्न” से देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गुरुवार को देश के तीन शख्सियतों को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया है। जिनमें देश के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, राजनीतिज्ञ नानाजी देशमुख और गायक डॉ. भूपेन हजारिका को यह सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिया गया। यह सम्मान देश में कला, साहित्य, विज्ञान, खेल सहित सार्वजनिक सेवा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने के लिए दिया जाता है। इस वर्ष 2019 की सूची मिलाकर अब तक कुल 48 लोगों को भारत रत्न से नवाजा जा चुका है।
सबसे पहले स्व. नाजी देशमुख की तरफ वीरेंंद्र जीत सिंह ने प्राप्त किया जबकि डॉ. भूपेन कुमार हज़ारिका को मरणोपरांत की और यह सम्मान उनके पुत्र श्री तेज़ हज़ारिका ने यह सम्मान प्राप्त किया जबकि पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने स्वयं राष्ट्रपति श्री कोविंद के हाथों यह सर्वोच्च सम्मान प्राप्त किया।
वहीं भारत रत्न पाने वाले पहले विदेशी नागरिक अब्दुल गफ्पार खान और दूसरे अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला रहे हैं ।
इस सम्मान की शुरुआत 2 जनवरी 1954 में भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद द्वारा की गई थी। पहला भारत रत्न डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को दिया गया था। इन 65 वर्षों में कितने लोगों को यह सम्मान दिया जा चुका है ? भारत रत्न से सम्मानित सभी शख्सियतों के बारे में बता रहे हैं। कि उन्हें किस साल में भारत रत्न से नवाजा गया। देखिये सूची …..
वर्ष 1954
-
डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन – भारत के दूसरे राष्ट्रपति थे।
-
चक्रवर्ती राजगोपालाचारी – स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और अंतिम गवर्नर जनरल थे।
-
डॉ. चन्द्रशेखर वेंकट रमन – नोबेल पुरस्कार विजेता और भौतिकशास्त्री थे।
वर्ष 1955
-
डॉ. भगवान दास – स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और लेखक थे।
-
सर डॉ. मौक्षगुंडम विश्वेश्वरय्या – सिविल इंजीनियर और मैसूर के दीवान थे।
-
पं. जवाहरलाल नेहरू – देश के प्रथम प्रधानमंत्री, लेखक और स्वतंत्रता सेनानी थे।
वर्ष 1957
-
गोविंद वल्लभ पंत – स्वतंत्रता सेनानी, उप्र के पहले मुख्यमंत्री और देश के दूसरे गृहमंत्री थे।
-
डॉ. धोंडो केशव कर्वे – शिक्षक और समाज सुधारक थे।
वर्ष 1958
-
डॉ. बिधान चन्द्र राय – चिकित्सक और पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री थे।
वर्ष 1961
-
पुरुषोत्तम दास टंडन – स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और शिक्षक थे।
-
डॉ. राजेन्द्र प्रसाद – देश के प्रथम राष्ट्रपति, स्वतंत्रता सेनानी और विधिवेत्ता थे।
वर्ष 1963
-
डॉ. जाकिर हुसैन – देश के तीसरे राष्ट्रपति थे।
-
डॉ. पांडुरंग वामन काणे – भारतविद और संस्कृत के विद्वान थे।
वर्ष 1966
-
लाल बहादुर शास्त्री – देश के तीसरे प्रधानमंत्री और स्वतंत्रता सेनानी।
वर्ष 1971
-
इंदिरा गांधी – देश की चौथी प्रधानमंत्री।
वर्ष 1975
-
वराहगिरी वेंकट गिरी – देश के चौथे राष्ट्रपति और श्रमिक संघवादी थे।
वर्ष 1976
-
के. कामराज – स्वतंत्रता सेनानी और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री थे।
वर्ष 1980
-
मदर टेरेसा – नोबेल पुरस्कार विजेता, कैथोलिक नन और मिशनरीज़ संस्थापक थीं।
वर्ष 1983
-
आचार्य विनोबा भावे – स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और समाज सुधारक।
वर्ष 1987
-
खान अब्दुल गफ्फार खान – स्वतंत्रता सेनानी थे।
वर्ष 1988
-
मरुदुर गोपाला रामचन्दम – अभिनेता और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री थे।
वर्ष 1990
-
डॉ. भीमराव अम्बेडकर – भारतीय संविधान के वास्तुकार, राजनीतिज्ञ और अर्थशास्त्री थे।
-
नेल्सन मंडेला – नोबेल पुरस्कार विजेता और रंगभेद विरोधी आंदोलन के नेता थे।
वर्ष 1991
-
राजीव गांधी – देश के सातवें प्रधानमंत्री।
-
सरदार वल्लभ भाई पटेल – देश के पहले गृहमंत्री और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी।
-
मोरारजी भाई देसाई – देश के पांचवें प्रधानमंत्री और स्वतंत्रता सेनानी थे।
वर्ष 1992
-
मौलाना अबुल कलाम आजाद – देश के प्रथम शिक्षा मंत्री और स्वतंत्रता सेनानी।
-
जहांगीर रतनजी दादाभाई टाटा – देश के जाने माने उद्योगपति।
-
सत्यजीत रे – फिल्म निर्माता और निर्देशक।