UTTARAKHAND
विश्वविख्यात योगी व महापुरुष डॉ. स्वामी राम का 25 वां महासमाधि दिवस सादगी के साथ मनाया गया
पर्यावरणविद सच्चिदानंद भारती को स्वामी राम मानवता पुरस्कार-2020 से सम्मानित
SRHU के 21 कर्मचरियों को भी किया गया सम्मानित
‘विज्ञान व अध्यात्म के बल पर सामाजिक सेवा का उच्च उदाहरण स्वामी जी ने दिया। वह हमेशा से समाज के लिए प्रेरणा रहे हैं और रहेंगे। उनके नाम से सम्मान पाना मेरे लिए लिए गर्व की बात है। समाज सेवा के लिए हमारी प्रतिबद्धता और मजूबत होगी’ : ‘पर्यावरणविद् सच्चिदानंद भारती
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
पर्यावरणविद् सच्चिदानंद भारती को स्वामी राम मानवता पुरस्कार-2020
देहरादून : ‘पाणी-राखो’ आंदोलन के प्रणेता सच्चिदानंद भारती को पौड़ी जिले के उफरैंखाल क्षेत्र में वर्षा जल संरक्षण के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए इस वर्ष के ‘स्वामी राम मानवता पुरस्कार-2020’ से नवाजा गया है। पुरस्कार के तौर पर उन्हें पांच लाख रुपये, प्रशस्ति पत्र और गोल्ड मेडल प्रदान किया गया।
पाणी-राखो आंदोलन के प्रणेता सच्चिदानंद भारती ने उफरैंखाल में गाडखर्क की सूखी पहाड़ी को हराभरा करने की ठानी। 1982 में दूधातोली लोक विकास संस्थान की स्थापना की। इस मुहिम के तहत इस सूखी पहाड़ी पर बारिश की बूंदों को सहेजने के लिए क्षेत्र के महिला और युवक मंगल दलों की मदद से हजारों की संख्या में छोटी- छोटी जल तलैंया बनाई गई। 40 लाख वृक्षों को रोपित किया गया तथा वर्षा के जल के संग्रहण हेतु 30,000 छोटे-छोटे खड्डों की खुदाई की गयी। पानी के कार्य की यह मुहिम रंग लाई और कुछ वर्षों में गाडखर्क की सूखी पहाड़ी न सिर्फ हरी-भरी हो गई, बल्कि वहां से निकलने वाली बरसाती नदी भी सदानीरा में तब्दील हो गई।
पर्यावरणविद सच्चिदानंद भारती को विभिन्न राज्य एवं राष्ट्रीय पुरुस्कारों द्वारा सम्मानित किया जा चुका है। इसमें उत्तराखण्ड ग्रीन अवार्ड (2011), महात्मा गांधी राष्ट्रीय पुरस्कार (2013) तथा इंदिरा गांधी पर्यावरण पुरस्कार (2015) आदि प्रमुख हैं। पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में इनके प्रयासों की सराहना ’नेशनल जियोग्रफिक’ द्वारा वर्ष 2011 में प्रकाशित पुस्तक ‘रिटन इन वाटर’ में की गई है। अमेरिका की ’इंटरनेश्नल अशोका फेलोशिप’ भी आपको प्राप्त है।