टिहरी : “बरसात के मौसम में टिहरी बांध परियोजना द्वारा टिहरी झील के आस-पास के गांवों का सर्वे राडार टेक्नोलॉजी से होगा शुरू”, पढ़िए ख़बर…
बरसात को देखते टिहरी बांध परियोजना के द्वारा टिहरी झील के आस पास बसे गांव का सर्वे राडार टेक्नोलॉजी से शुरू होगा, जिसके लिए टिहरी बांध परियोजना ने 2 करोड़ पुर्नवास निदेशक को दे दिए है।
टिहरी : टिहरी गांव में नुकसान का कारण जानने के लिए वैज्ञानिक अध्ययन होगा। टिहरी बांध परियोजना के अधिशासी निदेशक एलपी जोशी ने कहा कि THDC इंडिया लिमिटेड ने IIT रुड़की को यह जिम्मेदारी सौंप दी है।
टिहरी जिले में लगातार बारिश हो रही है और बारिश होने के साथ-साथ टिहरी झील के आसपास के जो गांव हैं, जहां पर लैंडस्लाइड हो रही है उसको लेकर टिहरी बांध परियोजना के अधिशासी निदेशक एलपी जोशी है।
गांवों को सुरक्षित रखने के लिए क्या-क्या योजनाएं बनाई गई हैं?
टिहरी झील के आसपास जो गांव है उनके लिए क्या योजनाएं बनाई गई है?
अधिशासी निदेशक एलपी जोशी ने कहा कि :-
यह जो भी काम है अगर वह पॉलिसी हमारी गवर्नमेंट की है अगर उससे आच्छादित होते हैं उस पॉलिसी में तो उसके लिए हमने एक आईआईटी रुड़की से एक अभी मॉनिटरिंग करवाएंगे सारी गांव की।
उस मॉनिटरिंग में वह एक साइंटिफिक स्टडी(scientific study) है जो कि आईआईटी(IIT) रुड़की करेगी। उसमें अगर ऐसा लगेगा कि वह रिजर्वॉयर फ्लकचुएशन के कारण वहां कोई क्षति पहुंच रही है या वहां पर कोई क्रैक्स आ रहे हैं तो पॉलिसी के हिसाब से जो उसका कंपनसेशन बनेगा वह हम देंगे। और अगर ऐसा नहीं होगा तो जो भी सरपंच सरकार की जो पॉलिसी है रिहैबिलिटेशन से संबंधित उसको स्थापना करने उसके हिसाब से उसको डील किया जाएगा।
टिहरी जिले से ये अच्छी खबर है कि अधिशासी निदेशक एलपी जोशी दोबारा से सर्वे करवाने जा रहे हैं।
इसके लिए कितना पैसा उनके द्वारा दिया गया है।
अधिशासी निदेशक एलपी जोशी ने कहा इसमें यह बहुत ही साइंटिफिक हाईली टेक्निकल स्टडी (scientific highly technical study ) है जिसमें रडार टेक्नोलॉजी ( Radar Technology ) का इस्तेमाल किया जाएगा।
इसमें आईआईटी (IIT) रुड़की के कुछ वैज्ञानिक हैं वो इसको करेंगे और इसके लिए जो भी ऐस्टीमेटेड कॉस्ट (Estimated Cost ) थी वह करीब दो करोड रुपए थी। वह दो करोड रुपए ऑलरेडी रिलीज कर चुके हैं और जल्दी ही उनके साथ एक बैठक करके स्टार्ट करेंगे।
उन्होंने कहा इसमें जो टीएचडीसी के जियोलॉजिस्ट हैं जो हमारे डिजाइन के लोग हैं उनको भी इंवॉल्व करेंगे ताकि उसमें पूरी ट्रांसपेरेंसी रहे और जो स्टडी हो वह बहुत अच्छी स्टडी हो और जिसमें रिजर्वायर के कारण अगर कोई क्षति हो किसी गांव में तो वह क्लियर किया जाएगा।
अब टिहरी बांध परियोजना में उत्तराखंड सरकार के सौजन्य से टिहरी जिले में बड़ा मेडिकल कॉलेज बनने जा रहा है। जिससे स्वास्थ्य की व्यवस्थाएं सुचारू रूप से जनता को मिलेगी।