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तीर्थ पुरोहितों ने किया श्राइन बोर्ड गठन के विरोध में विधानसभा कूच, पुलिस से हुई झड़प

राज्य सरकार ने हजारों तीर्थ पुरोहितों व हकहकूक धारियों के साथ किया अन्याय :सुरेश सेमवाल 

केंद्र सरकार के इशारे पर बनाया जा रहा है श्राइन बोर्ड : हरीश डिमरी 

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

देहरादून । श्राइन बोर्ड गठन के विरोध में तीर्थ पुरोहितों का गुस्सा सरकार के मंत्रिमंडल की बैठक में श्राइन बोर्ड के मसौदे में परिवर्तन के बाद भी कम होता नहीं दिखाई दे रहा है। उत्तराखंड के चारों धामों के तीर्थ पुरोहितो सहित मंदिरों के हक़-हक़ूक़ धारियों ने श्राइन बोर्ड के गठन के ख़िलाफ़ सोमवार को एक बार फिर विधानसभा कूच किया, जहां पर पहले से तैनात पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर उन्हें रोकने का प्रयास किया। पुलिस ने उन्हें रोका तो वह उनसे उलझ गए। इस दौरान जमकर धक्का-मुक्की भी हुई और पुलिस से झड़प भी हुई।

इस दौरान प्रदर्शन कर रहे तीर्थ पुरोहितो सहित मंदिरों के हक़-हक़ूक़ धारियों को  पुलिस ने लाठियां फटकार कर बैरियर से पीछे धकेला, जिसके बाद प्रदर्शनकारी वहीं सड़क पर धरने पर बैठ गए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे।

इस दौरान अपने सम्बोधन में तीर्थ पुरोहितों का कहना था कि वे किसी भी सूरत में श्राइन बोर्ड का गठन नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा सरकार जहां उनके अधिकारों को समाप्त करने पर तुली हुई है। वहीं सरकार श्राइन बोर्ड का गठन कर चार धाम का व्यवसायीकरण करने जा रही है जो किसी भी कीमत पर तीर्थ पुरोहितो सहित मंदिरों के हक़-हक़ूक़ धारियों को मंजूर नहीं है।

सड़क पर ही धरना दे रहे महापंचायत के संयोजक सुरेश सेमवाल ने सरकार पर आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने हजारों तीर्थ पुरोहितों व हकहकूक धारियों के साथ अन्याय किया है। जबकि महापंचायत के महामंत्री हरीश डिमरी ने कहा कि श्राइन बोर्ड केंद्र सरकार के इशारे पर बनाया जा रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार अपने रुख पर कायम रही तो आगामी यात्राकाल में तीर्थ पुरोहित व हकहकूक धारी सदियों से चली आ रही परंपराओं को तोड़ने के लिए बाध्य होंगे।

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