Tapovan Glacier Burst: तपोवन सुरंग में ड्रिलिंग के लिए लाई गई नई मशीन
एनटीपीसी के अधिकारी प्रशासन के साथ समन्वय बनाकर गेट को क्यों नहीं खुलवा रहे : स्थानीय लोग
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
जोशीमठ : चमोली जिले में एनटीपीसी के निर्माणाधीन तपोवन-विष्णुगाड़ हाइड्रो प्रोजेक्ट की टनल में फंसे 34 व्यक्तियों को बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन शनिवार को सातवें दिन भी जारी रहा। सुंरग में आगे की ड्रिलिंग के लिए नई मशीन लाई गई है।
डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि एनटीपीसी ने छोटी सुरंग के अंदर मलबे को हटाने के लिए शाफ्ट खुदाई की जा रही है। वे इस पर काम कर रहे हैं। बड़ी सुरंग के लिए भी काम किया जा रहा है। उन्होंने ये भी बताया कि कल मैठाणा में एक शव बरामद होने के बाद हरिद्वार तक खोज को बढ़ाया है। जिलाधिकारी चमोली स्वाती एस भदौरिया ने तपोवन क्षेत्र में चल रहे राहत-बचाव कार्य का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने बताया कि एनटीपीसी के अनुसार, सुरंग के अंदर खुदाई 136 मीटर तक की गई है।
वहीं तपोवन जल विद्युत परियोजना की बैराज साइट पर शनिवार को लापता लोगों के परिजनों ने चमोली के अपर जिलाधिकारी अनिल कुमार चन्याल का घेराव कर कहा कि सैलाब के दौरान कई लोग बैराज साइट में काम कर रहे थे। यहां मलबे में 70 से अधिक लोगों के शव दबे हुए हैं। एडीएम ने परिजनों को मलबा हटाने का भरोसा दिलाया। अपने लापता भाई की तलाश में पहुंचे संजय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई बार राज्य सरकार को हर संभव मदद देने का भरोसा दिला रहे हैं, इसके बाद भी मलबा हटाने के लिए मशीनों की संख्या क्यों नहीं बढ़ाई जा रही है। प्रशासन अब किस चीज का इंतजार कर रहा है।
पीड़ित विपिन और आरके सैनी ने कहा कि आपदा के दौरान बैराज साइट में काफी मजदूर काम कर रहे थे। यहां मलबे में 70 से अधिक शव दबे होने की आशंका है। प्रशासन को मलबा हटाने के लिए आधुनिक मशीनों को लगाना चाहिए। परिजनों ने कहा कि बैराज साइट से भी एक गेट सुरंग में जाता है तो एनटीपीसी के अधिकारी प्रशासन के साथ समन्वय बनाकर गेट को क्यों नहीं खुलवा रहे हैं। उन्होंने मलबा हटाने के कार्य में तेजी लाने की मांग उठाई। एडीएम अनिल कुमार चन्याल ने कहा कि सभी एजेंसियों से मदद ली जा रही है। बैराज के मलबे को हटाने का काम शीघ्र शुरु किया जा रहा है।