UTTARAKHAND

UPDATE :: Tapovan Glacier Burst : अब तक मिले 58 शव मिले,146 अब भी लापता

58 शव अब तक हो चुके हैं बरामद, 31 की शिनाख्त 27  की नहीं हो पायी शिनाख्त जबकि टनल से अभी तक कुल 9 शव बरामद

NDRF , SDRF और उत्तराखंड पुलिस के अधिकारी और जवान दिन-रात खोज में हैं लगे  

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

अपनों के इंतज़ार में अब तो आँखों के आंसू भी सूखने लगे हैं 

अपनों की तलाश में आए हुए लोगों का रो-रोकर बुरा हाल है। पूरा तपोवन विष्णुगाड़ बैराज क्षेत्र परिजनों की करूण रुदन और चीत्कारों से ग़मगीन है। वहीं कीचड़ में लथपथ शवों देखकर लग रहा है कि उन्हें कितनी दर्दनाक मौत मिली होगी। जबकि जिला प्रशासन ने परिजनों की तलाश में आए लोगों को सुरंग क्षेत्र से दूर ही रोका गया है। सुरंग से बचाव टीमें जैसे जैसे ही सुरंग में मिले किसी शव को बाहर लाती दिखाई देती है तो दूर खड़े लोगों की आंखों से आंसू बहने लगते यहीं कि कहीं यह शव् उनके परिजन का तो नहीं होगा, लेकिन जब वे उसे नहीं पहचान पाते हैं तो फिर शुरू हो जाता है मिलने वाले दूसरे शव में अपने का इंतज़ार। 

तपोवन / जोशीमठ। ऋषि गंगा में हुए हिमस्खलन के बाद आई प्राकृतिक आपदा में लापता कुल 204 लोगों में से 58  के शव अलग-अलग स्थानों से बरामद किये जा चुके हैं, जिनमें से 31 लोगों की शिनाख्त हो गई है और 27 लोगों की अभी तक शिनाख्त नहीं हो सकी है। जबकि लापता समस्त लोगों के सम्बन्ध में अब तक कोतवाली जोशीमठ में 52 एफआईआर दर्ज की जा चुकी है। वहीं एनडीआरएफ की एक टीम विष्णुप्रयाग में अलकनंदा नदी के किनारे सर्च ऑपरेशन चला रही है। यह टीम विष्णुप्रयाग से बिरही तक राफ्ट की सहायता से अलकनदा में शवों की खोज कर रहे हैं। जबकि रेणी गाँव के करीब SDRF द्वारा वाटर सेंसर युक्त अर्ली वार्निंग सिस्टम का फाइनल ट्रायल भी सफल रहा है जो ऋषि गंगा में पानी के स्तर की जानकारी देगा। 

डीआईजी एसडीआरएफ रिद्धीम अग्रवाल ने बताया बरामद कुल 58 शवों में से 31 की पहचान हो चुकी है। वहीं सुरंग से मिले 11 शवों की पहचान की जा चुकी है। एसडीआरएफ, एनडीआरएफ के साथ डॉग स्क्वॉयड रैणी गांव, तपोवन और आसपास के इलाकों में लापता लोगों की खोज कर रहे हैं। 

वहीं मिली जानकारी के अनुसार मंगलवार को दोपहर करीब एक बजे तपोवन सुरंग के अंदर से एसडीआरएफ को मलबा हटाने के दौरान अचानक पानी आना शुरू हो गया। जिसके बाद राहत बचाव कार्य कुछ समय के लिए रोक दिया गया है। जबकि आपदा राहत कार्य में लगे जिला प्रशासन द्वारा सुरंग से पानी की निकासी के लिए पंप लगाया जा रहा है। जिसके बाद ही फिर से सुरंग के भीतर खोज का काम शुरू किया जाएगा। टनल में फंसे लोगों के रेस्क्यू के लिए रोप का भी सहारा लिया जाएगा। राहत कार्यों में लगे SDRF के अधिकारियों के अनुसार टनल में मिट्टी व गाद भरने से रेस्क्यू अभियान में बार-बार दिक्कतें भी आ रही हैं। सुरंग में जितनी सफाई हो रही है उतनी ही तेजी से मलबा पीछे से आ रहा है। यही कारण है कि सुरंग से मलबा हटाने में समय लग रहा है। 

वहीं देहरादून में उत्तराखंड डीजीपी अशोक कुमार ने कहा है कि चमोली आपदा में राहत बचाव कार्य और सर्च अभियान आखिरी लापता व्यक्ति की खोज तक जारी रहेगा। डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि आपदा ग्रस्त तपोवन, रैणी गांव, जोशीमठ  सहित आसपास के क्षेत्रों में राहत व रेस्क्यू वर्क जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि आखिरी लापता व्यक्ति को खोजने तक सर्च अभियान जारी रहेगा। डीजीपी कुमार ने बताया कि अत्याधुनिक उपकरणाें की मदद से लापत व्यक्तियों की खोज की जा रही है जबकि, टनल में फंसे श्रमिकों को सुरक्षित निकालने के  लिए युद्धस्तर से कार्य किया जा रहा है। 

https://youtu.be/z4dKHUu-eRM

Related Articles

Back to top button
Translate »