LAW & ORDERs

एनएच-74 मुआवजा घोटाला: न्यायालय को है एक आईएएस पर मुकदमा चलाने में सरकार की ”हां” का इंतजार !

एनएच-74 मुआवजा घोटाले मामले में 24 लोगों पर लगे आरोपों की हो चुकी है सुनवाई पूरी

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

देहरादून : भ्रष्टाचार पर जीरो टालरेंस का नारा देने वाली प्रदेश सरकार के मुखिया भले ही कहते हैं कि उनकी सरकार ब्यूरोक्रेसी के दबाव में नहीं है लेकिन एक चर्चित आईएएस पर भ्रष्टाचार का मुकदमा चलाने की स्वीकृति की फाइल पिछले कई महीनों से सचिवालय में धूल फांक रही है।  इस बीच चर्चित आईएएस के निलंबन के बाद उसकी बहाली भी हो चुकी है और उसे मलाईदार कुर्सी पर एक बार फिर बैठाया भी जा चुका है। सरकार के इस निर्णय से उसकी किरकिरी हो रही है।

जबकि इससे पहले एनएच-74 मुआवजा घोटाले मामले में दो आईएएस सहित कई पीसीएस अधिकारियों के निलंबन के बाद अधिकारियों और कर्मचारियों में भ्रष्टाचार को लेकर डर व्याप्त हो गया था लेकिन जिस तरह से एक के बाद एक अधिकारी मामले से बाहर होते गए उससे जनता में यह सन्देश गया कि हाथी के दांत खाने के कुछ और व दिखाने के कुछ और हैं। 

एनएच-74 मुआवजा घोटाले को लेकर सरकार या शासन में बैठे  कुछ आला अधिकारी किस तरह भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों के दबाव में है कि मामले में न्यायालय आईएएस पर मुकदमा चलाने की स्वीकृति की फाइल पर हॉं  के इंतज़ार में बैठा है। इतना ही नहीं शासन के आला अधिकारी एनएच-74 मुआवजा घोटाले की फ़ाइल पर बीते कई महीनों से कुंडली मारे बैठे हैं ताकि आईएएस को किसी भी तरह से बचाया जा सके। लेकिन उन्हें नहीं मालूम कि उनके इस कृत्य से सरकार की ही फजीहत हो रही है और सरकार के जीरो टॉलरेंस के दावे की वे खुद ही हवा निकलने पर लगे हुए हैं ।

हालांकि इधर एनएच-74 मुआवजा घोटाले मामले में चार आरोपियों के खिलाफ सत्र न्यायाधीश व विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण राजीव कुमार खुल्बे की अदालत ने गैरजमानती वारंट जारी करने के आदेश दिए हैं।

गौरतलब हो कि एनएच-74 मुआवजा घोटाले मामले में 24 लोगों पर लगे आरोपों की सुनवाई पूरी हो चुकी है। एक आरोपी की मौत हो चुकी है, जबकि आईएएस अधिकारी पंकज पांडे पर मुकदमे के लिए शासन से स्वीकृति अभी नहीं मिली है।

अदालत में घोटाले के आरोपियों के खिलाफ आरोप लगाने (चार्ज फ्रेम करने) की कार्रवाई बृहस्पतिवार को होनी थी, लेकिन घोटाले से जुड़े नौ आरोपी अदालत में पेश नहीं हुए। उन्होंने कोर्ट में हाजिरी माफी के लिए आवेदन किया था।

इसमें से पांच आरोपियों को हाजिरी माफी दे दी गई, जबकि शेष चार के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करने के आदेश हुए हैं। चार्ज फ्रेम के लिए अब पहली नवंबर की तारीख तय की गई है।

ऊधमसिंह नगर में एनएच 74 घोटाले में तत्कालीन एडीएम (वित्त) प्रताप शाह ने 10 मार्च 2017 को पंतनगर थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। घोटाले में पीसीएस अधिकारी, राजस्व कर्मियों एवं किसानों समेत 27 लोगों को गिरफ्तार किया गया था।

वहीं एक अन्य आईएएस चंद्रेश यादव बहाल हो चुके हैं। विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण की अदालत में बृहस्पतिवार को सभी 24 आरोपियों के खिलाफ चार्ज फ्रेम करने की कार्रवाई होनी थी, मगर न्यायालय में 24 में से 15 आरोपी ही उपस्थित हुए।

इनमें अर्पण कुमार, संजय चौहान, विकास कुमार, राम सुमर, वीरेंद्र सिंह, दिलबाग सिंह, जीशान, मोहन सिंह, निरंजन गणेश प्रसाद, भोले लाल, भगत सिंह, दिनेश प्रताप सिंह, मदन मोहन, विक्रमजीत सिंह एवं अतनिल कुमार शामिल हैं।

नौ आरोपियों की ओर से उनके अधिवक्ताओं ने हाजिरी माफी की अर्जी पेश करते हुए अलग-अलग कारणों से न्यायालय में उपस्थित होने में असमर्थता जताई। न्यायालय ने पांच आरोपियों की हाजिरी माफी स्वीकार कर ली, जबकि ओम प्रकाश, चरन सिंह एवं मंदीप समेत एक अन्य आरोपी के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करने के आदेश दिए। अभियोजन पक्ष की ओर से जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) सुशील कुमार शर्मा ने पैरवी की।

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