CAPITAL

प्राइवेट स्कूलों पर अभिवावकों से महंगी किताब खरीदवाने पर लटकी तलवार

  • कम छात्र संख्या वाले स्कूलों की रिपोर्ट पर मंत्री बरसे

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

देहरादून : उत्तराखंड हाईकोर्ट के आदेश का उल्लंघन कर पाबंदी के बावजूद अभिभावकों से महंगी किताबें खरीदवा रहे निजी  स्कूलों पर कार्रवाई की तलवार लटक गई। अब इन स्कूलों को दी गई राज्य स्तरीय एनओसी को वापस लेने को नोटिस जारी किया जा रहा है। वहीं  सरकार इन स्कूलों द्वारा की जा रही नाफ़रमानी की रिपोर्ट हाईकोर्ट में भी रखने जा रही है।

सचिवालय में शिक्षा विभाग की समीक्षा करते हुए शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने इसके निर्देश दिए। महंगी किताब खरीदवाए जाने की शिकायत पर 18 अगस्त को गठित जांच अधिकारियों की टीम की रिपोर्ट के आधार पर यह निर्णय किया गया है।  शिक्षा मंत्री ने स्कूलों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई शुरू करने को कहा है। साथ ही उन्होंने महापुरूषों की जयंती-पुण्य तिथि पर नियमित कार्यक्रम, हर स्कूल में वार्षिकोत्सव और डायट में ट्रेनी की संख्या के अनुसार योग्य प्रशिक्षकों की नियुक्ति के निर्देश भी दिए। बैठक में बैठक में सचिव शिक्षा डॉ. भूपिंदर कौर औलख, डीजी-शिक्षा कैप्टन आलोक शेखर तिवारी, शिक्षा निदेशक आरके कुंवर, निदेशक-एआरटी सीमा जौनसारी, एडी रामकृष्ण उनियाल, वीएस रावत एपीडी-समग्र शिक्षा अभियान डॉ. मुकुल कुमार सती, अजय नौडियाल आदि मौजूद रहे।

गौरतलब हो कि राज्य सरकार ने वर्तमान शैक्षिक सत्र से राज्य के सभी सरकारी और सीबीएसई बोर्ड के स्कूलों में सरकार ने एनसीईआरटी की कर दी है। प्राइवेट स्कूलों ने इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में रिट की थी। हाईकोर्ट ने लंबी सुनवाई के बाद प्राइवेट स्कूलों को रिफ्रेंस बुक लगाने की छूट दे दी थी। पर साथ ही यह भी कहा था कि इन रिफ्रेस बुक की कीमत एनसीईआरटी की किताबों से आसपास होनी चाहिए। पर, कई स्कूलों ने एनसीईआरटी की किताबों से कही ज्यादा महंगी किताबें खरीदवाई हैँ।

वहीं 10 और 10 से कम छात्र संख्या वाले स्कूलों की जांच रिपोर्ट देने में हीलाहवाली पर शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने कड़ी नाराजगी जताई। दरअसल, शिक्षा विभाग ने पहले ऐसे स्कूलों की संख्या 600 से बताई थी और कुछ समय बाद ही उनकी संख्या घटकार 299 कर दी। छात्र संख्या में एकाएक हुए इस अप्रत्याशित बदलाव की मंत्री कई बार जांच के निर्देश चुके हैं पर अब तक अधिकारी पूरी रिपेार्ट नहीं दे पाए। मंत्री ने अपर निदेशक वीएस रावत से नाराजगी जताते हुए जल्द से जल्द कार्रवाई करने के निर्देश दिए। साथ ही कहा कि जो भी जिलास्तरीय अधिकारी रिपोर्ट देने में आनाकानी कर रहे हैं, उनके खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए

 

devbhoomimedia

डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) : देवभूमि मीडिया.कॉम हर पक्ष के विचारों और नज़रिए को अपने यहां समाहित करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह जरूरी नहीं है कि हम यहां प्रकाशित सभी विचारों से सहमत हों। लेकिन हम सबकी अभिव्यक्ति की आज़ादी के अधिकार का समर्थन करते हैं। ऐसे स्वतंत्र लेखक,ब्लॉगर और स्तंभकार जो देवभूमि मीडिया.कॉम के कर्मचारी नहीं हैं, उनके लेख, सूचनाएं या उनके द्वारा व्यक्त किया गया विचार उनका निजी है, यह देवभूमि मीडिया.कॉम का नज़रिया नहीं है और नहीं कहा जा सकता है। ऐसी किसी चीज की जवाबदेही या उत्तरदायित्व देवभूमि मीडिया.कॉम का नहीं होगा। धन्यवाद !

Related Articles

Back to top button
Translate »