Uttarakhand

स्वामी राम मानवता अवार्ड गुजरात की ‘सेवा रूरल‘ संस्था को मिला

राज्य के 343 छात्रों को स्वामी राम छात्रवृति 

देहरादून : मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत सहित पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल ”निशंक” ने हिमालयन हॉस्पिटल ट्रस्ट के संस्थापक डॉ. स्वामी राम की महासमाधि की 21वीं वर्षगांठ पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद सीएम ने शौर्य दीवार का लोकार्पण किया और साथ ही रिफरेंस लेबोट्री का भी लोकार्पण किया। इसके बाद सीएम ने इस वर्ष का स्वामी राम मानवता सम्मान गुजरात की ‘सेवा रूरल‘ संस्था को दिया गया वहीँ राज्य के विभिन्न स्कूलों के 343 छात्रों को छात्रवृत्ति का भी वितरण किया। साथ ही सर्वश्रेष्ठ कर्मचारियों को पुरस्कार भी बांटे।

इस दौरान सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि डॉ. स्वामी राम ने मानवता के कल्याण के लिए इतने बड़े संस्थान की स्थापना की। यह संस्थान निरंतर सेवा भाव को लेकर कार्य कर रहा है।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि कार्यक्रम में सम्मिलित होकर और यहां के आध्यात्मिक वातावरण को देखकर मुझे बहुत प्रसन्नता हो रही है। संस्थान द्वारा सेवा करने वालों एवं अपने उत्कृष्ट कार्य करने वाले कर्मचारियों को सम्मानित किया जाना प्रशंसनीय कार्य है। उन्होंने कहा कि संस्थान द्वारा ‘सेवा रूरल‘ संस्था को सम्मानित किया जाना, एक अच्छा उदाहरण है। सेवा रूरल संस्थान द्वारा आदिवासियों के लिए किए जा रहे कार्य सराहनीय हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में आदिवासी ज्यादा एडवाँस हैं, लेकिन अन्य राज्यों में आदिवासी आज भी जंगलों में कन्दमूल खाकर जीवनयापन कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार भी दूरस्थ क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाएँ उपलब्ध करा रही हैं। इसके लिए राज्य में टेली रेडियोलाॅजी की शुरूवात कर दी गयी है। पर्वतीय क्षेत्रों में भी डाॅक्टर्स भेजे जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार भी स्वास्थ्य सुविधाएँ दुरूस्त करने को प्रतिबद्ध है।

सांसद श्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि हिमालय पूरी दुनिया के लिए प्रेरणा का स्रोत रहा है। राज्य में हिमालयन इंस्टीट्यूट स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण केन्द्र है। उन्होंने कहा कि हमें अपने युवाओं के समग्र व्यक्तित्व का विकास करना है।

इस दौरान हिमालयन हॉस्पिटल ट्रस्ट अध्यक्ष बोर्ड समिति के सदस्य डॉक्टर विजय धस्माना , सहित सेवा रूरल संस्था, डॉ पंकज शाह , शिक्षा राज्यमंत्री धन सिंह रावत, पूर्व मुख्यमंत्री व सांसद डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक आदि उपस्थित थे।

उल्लेखनीय है कि हिमालयन हॉस्पिटल के संस्थापक डॉ.स्वामी राम का जन्म वर्ष  1925 में पौडी जनपद के एक छोटे से गाँव तोली में हुआ था । किशोरावस्था में ही स्वामीराम ने सन्यास की दीक्षा ले ली थी । 13 वर्ष की अल्पायु में ही विभिन्न धार्मिक स्थलों और मठों में हिंदु और बौद्ध धर्म की शिक्षा देना शुरू किया। 24 वर्ष की आयु में वह प्रयाग, वाराणसी और लंदन से उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बाद स्वामी राम को कारवीर पीठ के शंकराचार्य मनोनीत किया गया। इसी बीच गुरु के आदेश पर पश्चिम सभ्यता को योग और ध्यान का मंत्र देने के लिए 1969 में वे अमेरिका पहुंच गए । जहाँ 1970 में अमेरिका में कुछ ऐसे योग परीक्षणों में भाग लिया जिनसे शरीर और मन से संबधित चिकित्सा विज्ञान के सिद्धांतों को मान्यता मिली।

उनके शोध को 1973 में इन्साईक्लोपीडिया ब्रिटेनिका ईयर बुक आफ सांइस और नेचर सांइस एनुअल और 1974 में वर्ल्ड बुक सांइस एनुअल में प्रकाशित किया गया था। स्वास्थ्य सेवाओं से महरूम उत्तराखंड में विश्वस्तरीय स्वास्थ्य संस्थान बनाने का स्वप्न देखा और इसको आकार देने के लिए 1989 में हिमालयन इंस्टीट्यूट की स्थापना की। ग्रामीण क्षेत्रों तक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने के लिए 1990 में रूरल डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट बनाया। 1994 में हिमालयन अस्पताल की स्थापना की गयी । प्रदेश में चिकित्सकों की कमी को देखते हुए दूरदर्शी स्वामी  राम ने मेडिकल कॉलेज बनाया। इसी बीच नवंबर 1996 में स्वामीराम ब्रहमलीन हो गए। इसके बाद उनके सपनों को पूरा करने का बीड़ा वर्तमान एसआरएचयू के कुलपति डा. विजय धस्माना ने उठाते हुए संस्थान को आज भव्य रूप दिया है।

 

 

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