सुर्खाब पहुंचे मौसम के करवट लेते ही आसन वेटलैंड कंजरवेशन
विकासनगर। मौसम के करवट बदलते ही आसन वेटलैंड रिजर्व कंजरवेशन में सुर्खाब पक्षी हजारों किलोमीटर का सफ़र तय कर आ गए हैं। चकराता वन प्रभाग टीम की ओर से की गई स्थानीय गणना में इनकी संख्या 106 के करीब है। विदेशी परिंदों के प्रवास को देखते हुए रात-दिन की गश्त भी बढ़ा दी गई है। आसन झील में बोोटग के साथ पर्यटक अब बर्ड वाचिंग का भी आनंद ले सकेंगे।
आसन नमभूमि क्षेत्र में हर साल अक्टूबर की शुरुआत में ही पली आर्टिक देश, साइबेरिया व अन्य ठंडे इलाकों से प्रवासी परिंदे आने शुरू हो जाते हैं। यहां सबसे पहले आमद रुडी शेलडक यानि सुर्खाब करते हैं और यहां प्रवास पर आने वाले परिंदे अप्रैल के पहले हफ्ते तक उत्तराखंड के मेहमान रहते हैं। आसन नमभूमि के अलावा प्रवासी परिंदे भीमगौड़ा बैराज हरिद्वार व वीरभद्र बैराज ऋषिकेश में भी प्रवास करते हैं। प्रवास के लिए रुडी शेलडक यानि सुर्खाब हर बार की तरह सबसे पहले पहुंचे हैं। वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार स्थानीय गणना में रुडी शेलडक की संख्या 106 आंकी गई है। डीएफओ दीपचंद आर्य ने आसन रेंज अधिकारियों को प्रवासी पोरदों की सुरक्षा को गश्त करने के निर्देश दिए हैं। रेंजर जवाहर सिंह तोमर ने प्रवासी परिंदों की सुरक्षा को रात की गश्त शुरू करा दी है।
आसन में आने वाली परिंदों की प्रजातियां देश के पहले कंजरवेशन रिजर्व आसन नमभूमि क्षेत्र में वूली नेक्टड, पेंटेड स्टर्क, रुडी शेलडक, ब्लैक आइबीज नया नाम रेड कैप्ट आइबीज, पलास फिश ईगल, ग्रेट क्रेस्टेड ग्रेब, ग्रे लेग गूज, रुडी शेलडक, गैडवल, इरोशियन विजन, मैलार्ड, स्पट बिल्ड डक, कमन पोचार्ड, टफ्ड डक, पर्पल स्वैप हेन, कमन मोरहेन, कमन कूट, ब्लैक विग्ड स्किल्ड, रीवर लोपोवग, ब्लैक हेडेड गल, पलास फिश ईगल, इरोशियन मार्क हेरियर, लिटिल ग्रेबी, डारटर, लिटिल कोरमोरेंट, लिटिल इ ग्रेट, ग्रेट इ ग्रेट, ग्रे हेरोन, पर्पल हेरोन कामन किंगफिशर, व्हाइट थ्रोटेड किंगफिशर, पाइज्ड किंगफिशर आदि प्रजातियों के परिंदे प्रवास पर आते हैं।