प्रदेश के सभी निकायों से अवैध कब्जे हटाने के सु्प्रीम कोर्ट के आदेश
- नैनीताल में पालिका ने बनाई कब्जा हटाने को टीम
- प्रदेश के शेष निकायों में भी बनायीं जायेंगीं टीम
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
नैनीताल : शहरी विकास निदेशालय ने पालिका आवासों से अवैध कब्जे हटाने के संबंध में जारी सुप्रीम कोर्ट के आदेश को नजीर के तौर पर पूरे प्रदेश में प्रभावी कर दिया है। निदेशालय ने प्रदेश के नगर निगमों के नगर आयुक्त, नगरपालिका व नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारियों को पत्र भेजकर इस आदेश का अनुपालन कराते हुए अवैध कब्जों से संबंधित प्रकरण निस्तारित करने का दिशा-निर्देश जारी कर दिया है। अब इस आदेश के तहत कार्यवाही होने पर वित्तीय संकट से जूझ रहे निकायों की न केवल झोली भर जाएगी, बल्कि आवासों से अवैध कब्जे भी हटेंगे। यह आदेश नैनीताल में पालिका के आवासों पर अवैध कब्जे के सम्बन्ध में किये गए हैं।
अपर निदेशक उदय सिंह राणा के हस्ताक्षरों से निदेशक शहरी विकास का सभी निकायों को पत्र जारी किया गया है। दिसंबर अंतिम सप्ताह में जारी पत्र में सुप्रीम कोर्ट के तीन दिसंबर के सुप्रीम कोर्ट के नैनीताल के मशरूर अहमद खान से संबंधित मामले का उल्लेख किया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने अपीलकर्ता से जून 1990 से कब्जा खाली करते हुए अवैध कब्जे की अवधि का प्रतिमाह तीन हजार रुपये की दर से वसूली के आदेश दिए थे। अपर निदेशक ने नगर आयुक्त, नगर पालिका व नगर पंचायत ईओ को अवैध कब्जे से संबंधित प्रकरणों का सुप्रीम कोर्ट के पारित आदेश के अनुसार ही निस्तारण करने का निर्देश दिए हैं।
आदेश के आये ही नगरपालिका ने पालिका आवासों व नजूल भूमि पर कब्जा कर जमे 546 लोगों का स्टेटस जानने के लिए दो टीमें बनाई हैं। कर अधीक्षक लता आर्य ने बताया कि टीम यह देख रही है कि जिस पालिका आवास पर कब्जा है, वह आवंटित है या नहीं, नजूल है या नहीं और फ्री होल्ड तो नहीं है, आदि के संबंध में ब्यौरा जुटाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि दस दिन के भीतर सत्यापन पूरा कर रिपोर्ट निदेशालय भेज दी जाएगी। इधर पालिका की सक्रियता के बाद पालिका आवासों पर अवैध तरीके से काबिज लोगों में हड़कंप मचा है।