उत्तराखंड में जल साक्षरता अभियान चलाने सख्त जरूरत
अल्मोड़ा : मैग्सेसे पुरस्कार प्राप्त जल बाबा के नाम से प्रसिद्धि पा चुके राजेंद्र सिंह का कहना है कि विश्व के अनेक देशों में जल संकट तेजी से बढ़ रहा है। ऐसे में उत्तराखंड में भी जल साक्षरता अभियान चलाए जाने की प्रबल आवश्यकता है। यह बात उन्होंने यहां हुई पत्रकार वार्ता के दौरान कही।
राजस्थान के जयपुर इलाके की कई मृतप्राय हो चुकी नदियों को पुनर्जीवित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले राजेंद्र सिंह का कहना था कि सरकारों को जल संकट के समाधान के लिए कारगर प्रयास किए जाने की आवश्यकता है। कहा कि आए दिन घट रहा नदियों का जल स्तर भविष्य के लिए चिंता का कारक है। कहा कि नदियों को रिचार्ज करने के साथ ही इनके किनारे चौड़ी पत्ती वाले पौधों के रोपण के साथ ही जल साक्षरता को भी बढ़ावा दिए जाने की आवश्यकता है।
उनका कहना है कि जंगलों के घटने के साथ ही हरी घास के कम होने से भी नदियों का जल स्तर लगातार गिर रहा है। उन्होंने बताया कि राजस्थान के जयपुर के समीपवर्ती इलाकों में अश्वरी, रूपारैल, सरसा, भगाड़ी, जडक्वनी, सादी तथा महेश्वरा नदियां मृतप्राय हो चुकी थी। जिनको सामुदायिक विकेंद्रीकृत जल प्रबंधन से पुनर्जीवित किया गया।
उनका कहना है कि न्याय रहित विकास प्रकृति व मानवता के लिए खतरा है। सिंह ने कहा कि औद्योगिकीकरण, शहरीकरण तथा जंगलों का लगातार सिकुड़ता जाना जल संकट के प्रमुख कारक हैं। उन्होंने बताया कि तीन साल पहले उन्होंने विश्व जल शांति यात्रा के तहत 37 देशों का भ्रमण किया। पाया कि अनेक देश धरती पर पानी के लिए जूझ रहे हैं। पत्रकार वार्ता के दौरान उनके साथ उत्तराखंड लोकवाहिनी के केंद्रीय अध्यक्ष डॉ. शमशेर सिंह बिष्ट भी मौजूद थे।