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सेना पर किसी ने डाली बुरी नजर तो छोड़ूंगा नहीं :  मेजर रोहित शुक्ला

  • हिजबुल के टाइगर को मार गिराने वाले  जांबाज हैं  मेजर रोहित शुक्ला
  • 30 साल के इस जवान ने अभी तक किये आर्मी के 40 सफल आॅपरेशन

देहरादून : कश्मीर में हिजबुल के कुख्यात आतंकी टाइगर को खोजकर मारने वाले और शौर्य चक्र ने नवाजे गए जांबाज़ मेजर रोहित शुक्ला को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उत्तराखंड राज्य की ओर से सम्मानित किया। इस अवसर पर अपने सम्बोधन में मेजर रोहित शुक्ला ने कहा कि जो कोर्इ भी भारतीय सेना पर बुरी नज़र रखेगा उसे वे किसी कीमत पर नहीं छोड़ सकते। 

डालनवाला वेलफेयर सोयाटी व दून रेजिडेंशियल एसोसिएशन की ओर से आयोजित सम्मान समारोह को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि हर घर में मेजर शुक्ला पैदा  होना चाहिए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने मेजर रोहित शुक्ला को देश की रक्षा के लिए बहादुरी का परिचय देने पर एक लाख रूपये सम्मान राशि प्रदान करने की घोषणा की एवं उन्हें सम्मानित भी किया।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने अपने संबोधन में कहा कि 30 साल के युवा सेना के इस जवान ने अभी तक आर्मी के 40 सफल आॅपरेशन (अभियान) किये, यह देश एवं प्रदेश के लिए गर्व की बात है। हमारे जवान विपरीत परिस्थितियों में सीमाओं पर डटकर देश की सेवा करते हैं, उसी के परिणाम स्वरूप पूरा देश चैन की नींद सोता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने नेलांग और बाड़ाहोती जाकर वहां पर जवानों से मिलकर उनकी जीवन एवं कार्य शैली को देखा। उन्होंने कहा हमारे जवान विषम परिस्थितियां होने के बाबजूद भी पूरे तन और मन से देश सेवा के लिए तत्पर रहते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जुलाई माह में रिस्पना नदी के पुनर्जीवीकरण के लिए वृक्षारोपण किया जायेगा, इसके लिए उन्होंने जन सहयोग की अपील की है। मुख्यमंत्री ने हरेला पर्व के अवसर पर सबको अपने घर में एक-एक वृक्षारोपण करने की भी अपील की।
इस अवसर पर मेजर रोहित शुक्ला ने कहा कि मुझे जो सम्मान मिला है, यह सम्मान में अपने उन साथियों को समर्पित करता हूं, जो देश की रक्षा के लिए वीरगति को प्राप्त हुए हैं। इस दौरान मेजर शुक्ला ने कहा कि आतंकी अब भारतीय सेना के नाम से कांपते हैं। क्योंकि भातीय सेना उनसे डरती नहीं है और उनके हर सवाल का मुंहतोड़ जवाब देती है। उन्होंने कहा कि कहा कि मेरे कई साथी मुझसे भी बड़े वीर थे। वो आज हमारे बीच नहीं। मेजर रोहित शुक्ला ने साथ ही यह भी कहा उनका देहरादून से खास लगाव है। क्योंकि उनका बचपन देहरादून में ही बीता है और शिक्षा भी दून में ही हुर्इ है। 
गौरतलब हो कि ये वही मेजर रोहित शुक्ला हैं जिनको हिजबुल के कुख्यात आतंकी टाइगर ने चुनौती दी थी कि अगर उन्होंने अपनी मां का दूध पिया है तो वो सामने आए। टाइगर की इस बात से मेजर शुक्ला का खून खौल उठा था और उन्होंने ठान ली कि वो उसे नहीं छोड़ेंगे और उन्होंने टाइगर को मारकर ये बात भी साबित कर दी कि भारतीय सेना का हर जवान फौलादी  है और वो किसी भी तरह की चुनौती से  डरता नहीं है।   
इस अवसर पर एग्लो इंडियन विधायक श्री जार्ज आईवन ग्रेगरी मैन, मेजर रोहित शुक्ला की माता श्रीमती विजयलक्ष्मी शुक्ला, पिताजी ज्ञान शंकर शुक्ला, दून इंटरनेशनल स्कूल के अध्यक्ष  डी.एस.मान, डाॅ. महेश भण्डारी, भाजपा के महानगर अध्यक्ष  विनय गोयल, भाजपा नेता सुनील उनियाल गामा, कर्नल ए.के. सरीन (से. नि.) एवं अन्य गणमान्य उपस्थित थे।  

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