रेखा आर्य से छीनी गयी चंपावत जिले की प्रभारी मंत्री की जिम्मेदारी

- अरविंद पांडेय को मिला अतिरिक्त जिम्मा
देहरादून : प्रदेश सरकार ने राज्य मंत्री रेखा आर्या से सवा साल में ही चंपावत जिले की प्रभारी मंत्री का दायित्व छीन लिया गया है। यह पहला मौक़ा है जब सरकार के अस्तित्व में आने के बाद किसी प्रभारी मंत्री से इस तरह जिले का प्रभार वापस लिया गया गया है। उनके स्थान पर पिथौरागढ़ जिले के प्रभारी मंत्री अरविंद पांडेय को चंपावत जिले के प्रभारी मंत्री का अतिरिक्त कार्यभार सौंप दिया गया है। रेखा आर्या पर आरोप था कि जहाँ उनका चंपावत जिले के दोनों भाजपा विधायकों से तालमेल नहीं बैठ पा रहा था वहीँ बीते दो महीने से संगठन के कई महत्वपूर्ण पदाधिकारी भी उनसे नाराज बताये जा रहे थे।
गौरतलब हो कि मार्च 2017 में त्रिवेंद्र सिंह रावत के नेतृत्व में बनी भाजपा सरकार में रेखा आर्या को चंपावत जिले का प्रभारी मंत्री बनाया गया था। मगर, साढ़े तीन माह बाद ही प्रभारी मंत्री और जिले के दोनों विधायकों के बीच तालमेल गड़बड़ा गया। हालाँकि दोनों तरफ से मतभेदों को कभी सार्वजनिक तो नहीं किया गया, लेकिन खाई इतनी चौड़ी हो चुकी थी कि यह चर्चा चौराहों पर भी आम होने लगी थी। यहां तक कि 2017-18 और मौजूदा वित्त वर्ष की जिला योजना का अनुमोदन भी दोनों विधायकों की मौजूदगी के बगैर ही हुआ। और तो और 22 जून 2017 के बाद किसी भी कार्यक्रम में प्रभारी मंत्री और दोनों विधायक एक साथ कभी भी मौजूद नहीं रहे।
चर्चा थी कि इस साल 14 अप्रैल को अंबेडकर जयंती में हुए कार्यक्रम में भाजपा जिलाध्यक्ष अपनी उपेक्षा से इस कदर आहत हुए कि वे कार्यक्रम के बीच से ही उठ कर चल गए। इसके बाद चार जून को प्रभारी मंत्री की मौजूदगी में हुई जिला योजना की बैठक में पहली बार जिलाध्यक्ष रामदत्त जोशी शामिल ही नहीं हुए। इस बदलाव को संगठन की नाराजगी से जोड़कर देखा जा रहा है। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि इस बदलाव के जरिये टकराव से होने वाले नुकसान की भरपाई करने की कोशिश की गई है।
प्रभारी मंत्री को हटाए जाने पर दोनों ही खेमों ने सधी प्रतिक्रिया दी है। लोहाघाट के विधायक पूरन सिंह फर्त्याल का कहना है कि प्रदेश के शीर्ष नेतृत्व ने स्थानीय परिस्थितियों और भविष्य के मद्देनजर ये कदम उठाया है। अरविंद पांडेय को प्रभारी मंत्री बनाने से विकास में तेजी आने के साथ शिक्षा व्यवस्था में बेहतरी आ सकेगी। वहीं, प्रभारी मंत्री के करीबी पूर्व जिलाध्यक्ष हिमेश कलखुड़िया का कहना है कि प्रभारी मंत्रियों का फेरबदल सामान्य प्रक्रिया है। ये बदलाव पूर्व में भी होते रहे हैं। अलबत्ता, उनके कार्यकाल में चंपावत पुनर्गठन पेयजल योजना सहित विकास के कई कार्यों को गति मिलने की बात वह कहते हैं।