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कुछ पार्षद मेयर के खिलाफ रच रहे हैं साजिश !

सूचना दिए बगैर पार्षदों की हुई  बैठक पर चढ़ा मेयर का पारा!

देवभूमि मीडिया ब्यूरो

देहरादून: स्वभाव के सरल और सबको साथ लेकर चलने वाले नगर निगम देहरादून के मेयर को मंगलवार को भाजपा व कांग्रेस के पार्षदों की हुई आपात बैठक उनके खिलाफ षड्यंत्र ही कहा जा सकता है। सोमवार को पार्षदों के ग्रुप में एक मैसेज के बाद हुई बैठक और उसके बाद मेयर से मुलाकात गामा को ठीक नहीं लगा। मेयर गामा का कहना है कि नगर निगम परिसर में अगर पार्षद कोई बैठक करते हैं तो इसकी सूचना महापौर को देनी चाहिए। शहर के विकास के लिए सभी जिम्मेदार हैं। हम सभी निर्वाचित प्रतिनिधि हैं और हमें एक-दूसरे के सम्मान व कायदों का ख्याल रखना चाहिए। मेरी नाराजगी इस बात को लेकर है कि मुझे सूचना क्यों नहीं दी गई। अगर सामान्य मुद्दों पर बैठक थी तो सूचना देने में क्या हर्ज। जब मैं खुद विकास कार्यो को लेकर गंभीर हूं।’

मिली जानकारी के अनुसार पार्षदों की बैठक करने के बाद जब मेयर गामा से मुलाकात की तो मेयर ने पार्षदों को खूब खरी खोटी सुनाई। मेयर गामा ने यहां तक कहा दिया कि इस तरह की बैठकें कर कुछ पार्षद उनके विरुद्ध साजिश रच रहे हैं। साथ ही उन्होंने उन्हें चेतावनी दी कि भविष्य में मेयर को सूचना दिए बगैर निगम परिसर में पार्षद बैठक नहीं करेंगे। हां, अगर बिना सूचना के बैठक करनी ही है तो नगर निगम परिसर से वे बाहर कर सकते हैं।

मिली जानकारी के अनुसार सोमवार को पार्षदों के व्हाट्सएप  ग्रुप में एक मैसेज चलाया गया कि सभी सदस्य मंगलवार सुबह 11 बजे नगर निगम में पार्षद कक्ष में एकत्र होंगे। चाय पर चर्चा होगी और विकास कार्यो को लेकर बातचीत की जाएगी। इसके अनुरूप मंगलवार सुबह भाजपा-कांग्रेस के लगभग तीन दर्जन पार्षद निगम पहुंचे और बैठक शुरू हुई। उस वक्त महापौर सुनील उनियाल गामा भी निगम परिसर स्थित अपने कार्यालय में मौजूद थे, लेकिन पार्षदों ने उनसे बैठक को लेकर कोई बात नहीं की। बैठक में वार्डो में सफाई व्यवस्था बेहद खराब होने और कूड़ा उठान न होने से लेकर स्ट्रीट लाइटों व नालों की सफाई का मुद्दा छाया रहा। पार्षदों का आरोप था कि लोकसभा चुनाव की आड़ में निगम के अधिकारी लापरवाह बने हुए हैं व वार्डो की तरफ ध्यान नहीं दे रहे। बैठक के बाद पार्षद नगर आयुक्त से मिले व उन्हें ज्ञापन देकर महापौर के कक्ष में गए।

पार्षदों को देखते ही मेयर गामा का पारा चढ़ गया व गुपचुप बैठक को साजिश करार देते हुए महापौर ने पार्षदों को जमकर खरीखोटी सुना दी। कुछ पार्षद भी गुस्से में आ गए व उन्होंने भी मेयर गामा पर हठधर्मिता के आरोप मढ़ दिए। काफी देर दोनों पक्षों में कहासुनी होती रही। बाद में कुछ पार्षद, बाहर निकल आए तो कुछ वहीं रुके रहे। मेयर गामा ने भी साफ कहा कि उनके संज्ञान के बिना निगम परिसर में बैठक नहीं की जाएगी। वहीं, इस बैठक में पार्षद भूपेंद्र कठैत, सुशीला रावत, नंदिनी शर्मा, कमली भट्ट, अमित भंडारी, विनोद नेगी, विमल उनियाल, उर्मिला पाल समेत करीब तीन दर्जन पार्षद मौजूद रहे।

गौरतलब हो कि व्यक्तिगत रूप से वार्ड की शिकायतें लेकर दो-चार पार्षद जरूर निगम में नियमित दिखते हैं। मंगलवार को दूसरा मौका था जब करीब तीन दर्जन पार्षद नगर निगम में एकत्र हुए हों। पार्षद वार्ड में काम न होने पर भी नाराज हैं व सफाई-व्यवस्था लचर होने व अधिकारियों के रवैये पर भी। 

यही वजह है कि अंदरखाने पार्षदों में कईं दिनों से खिचड़ी पक रही थी। उप मेयर के चुनाव को लेकर भी पार्षद लामबंद दिख रहे हैं। यह आक्रोश का नतीजा था कि इसे लेकर वे मंगलवार को एकजुट हुए या फिर उप मेयर  को तेवर दिखाना, यह तो वक्त ही बताएगा।

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