भारत और चीन के रक्षा मंत्री की मास्को में हुई थी बातचीत,लेकिन उसका कुछ भी नहीं निकला नतीजा
एजेंसी
मॉस्को : एलएसी पर तनातनी के बीच शंघाई सहयोग संगठन (SCO) में हिस्सा लेने मॉस्को गए विदेश मंत्री एस. जयशंकर और उनके चीनी समकक्षीय वांग यी के बीच गुरुवार की रात द्विपक्षीय बातचीत हुई।
पूर्वी लद्दाख में सीमा पर भारत और चीन के बीच तनाव और बीजिंग के आक्रामक तेवर को देखते हुए इस बातचीत को दोनों देशों के बीच शांति पहल की दिशा में काफी अहम माना जा रहा है। इससे पहले मॉस्को में भारत और चीन के रक्षा मंत्री की बातचीत हुई थी लेकिन उसका नतीजा कुछ भी नहीं निकल पाया था।
इससे पहले, अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, भारत और चीन दोनों कूटनीतिक और सैन्य माध्यों में स्थिति के समाधान के लिए एक दूसरे के संपर्क में था। रक्षा मंत्रियों की बातचीत के दौरान इस पर सहमति बनी थी। विदेश मंत्री कुछ देर में चीनी विदेश मंत्री के साथ मुलाकात करेंगे। भारत शांतिपूर्ण बातचीत के जरिए सीमा पर स्थिति को सुलझाने को लेकर प्रतिबद्ध है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव से जब भारत और चीन के विदेश मंत्री की बातचीत में लद्दाख पर चर्चा को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंन कहा कि इस मुद्दे पर भी चर्चा की जाएगी। इससे पहले, एससीओ सम्मेलन से इतर मॉस्को में विदेश मंत्री जयशंकर ने रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव और चीन के विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात की।
लद्दाख में LAC पर मई में शुरू हुई गतिरोध के बाद जयशंकर और वांग की यह पहली मुलाकात है। दोनों नेताओं ने गलवान घाटी संघर्ष के 2 दिन बाद यानी 17 जून को फोन पर बात की थी। मंगलवार को रूस के लिए रवाना होने से पहले, जयशंकर ने तनाव कम करने और एलएसी के साथ विघटन प्रक्रिया में गतिरोध को समाप्त करने के लिए राजनीतिक बातचीत की आवश्यकता पर जोर दिया।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को कहा कि अपने रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव के साथ उनकी बेहतरीन वार्ता हुई है। इस दौरान उन्होंने द्विपक्षीय रणनीतिक संबंधों पर चर्चा की और अंतरराष्ट्रीय स्थिति पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया। जयशंकर शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के विदेश मंत्रियों की बैठक में शामिल होने के लिये चार दिनों की रूस की यात्रा पर यहां हैं।
जयशंकर ने ट्वीट किया, ”विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से इस बार व्यक्तिगत रूप से मिल कर खुशी हुई। बेहतरीन वार्ता हुई, जिसमें हमारे विशेष एवं विशेषाधिकार वाली रणनीतिक साझेदारी प्रदर्शित हुई। अंतरराष्ट्रीय स्थिति पर हमारे बीच हुई बातचीत काफी मायने रखती है।” कोविड-19 के कारण यह बैठक पहले नहीं हो सकी थी।
इससे पहले, जयशंकर ने बुधवार को यहां किर्गिस्तान और ताजिकिस्तान के अपने समकक्षों के साथ अलग-अलग द्विपक्षीय बैठकें कीं। उन्होंने द्विपक्षीय संबंधों एवं दोनों मध्य एशियाई देशों के साथ भारत की रणनीतिक साझेदारी और अधिक मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की। जयशंकर मंगलवार को यहां पहुंचे थे।