उत्तराखंड की चमोली की रहने वाली बिटिया ने इस वीडियो से पीडब्लूडी और ठेकारों की मिलीभगत की पोल खोलकर रख दी
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
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उत्तराखंड की चमोली की रहने वाली बिटिया ने इस वीडियो से पीडब्लूडी और ठेकारों की मिलीभगत की पोल खोलकर रख दी देवभूमि मीडिया ब्यूरो देहरादून : जिस तरह पहाड़ों की सड़कों को बनाने में हीला हवाली की जाती रही है इसका एक उदाहरण चमोली जिले के मुख्यालय गोपेश्वर से देवर खडोरा की सड़क को देखने से पता चल जाता है। बेशर्म इंजीनियर और रातों रात करोड़पति बनने का सपना देखरहे ठेकेदारों की मिलीभगत से इस तरह की सड़कें बनती हैं जो एक रात में ही फिर पुरानी स्थिति में आ जाती है यानि जब सड़क पर मानकों के अनुसार रेत बजरी और तारकोल के मानक पूरे नहीं किए जायेंगे तो सड़कों का उखड़ना लाजमी है।वहीँ गैरसैण से गैरसैण डिग्री कॉलेज तक की सड़क निर्माण का कार्य भी आप नीचे दिए गए फोटो में देख सकते हैं कि आखिर पहाड़ों में किस तरह की सड़कें बन रही हैं। वहीं देवर -खडोरा की बिटिया सुहानी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद देहरादून से चमोली तक हड़कंप मच गया है। ये पूरा मामला गोपेश्वर-घिंघराण मोटरमार्ग पर डामरीकरण से जुड़ा है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि मार्ग के डामरीकण में ठेकेदारों ने भ्रष्टाचार किया। आरोप है कि सड़क के डामरीकरण के 12 घंटे के भीतर सड़क में जगह-जगह गड्ढे दिखाई देने लगे। ग्रामीणों का कहना है कि जब इसकी शिकायत अधिकारियों से की गई तो उन्होंने उनकी सुनवाई नहीं की। आरोप है कि घटिया निर्माण कार्य के खिलाफ आवाज उठाने वाले धीरज बिष्ट और उनकी बेटी सुहानी को मौके पर पुलिस बुलाकर अधिकारियों ने जेल भेजने की धमकी दे डाली।ग्रामीणों का कहना है कि बिटिया सुहानी ने भ्रष्ट अधारियों और ठेकेदारों को सबक सिखाने की ठानी। बिटिया मार्ग पर पहुंची और चंद मिनटों में ठेकेदारों और अधिकारियों द्वारा किए गए भ्रष्टाचार की पोल खोलकर रख दी। बिटिया ने मौके पर पहुंचकर वीडियो बनाया। मार्ग के डामरीकरण में कैसे भ्रष्टाचार का खेल खेला गया उसे दुनिया के सामने उजागर कर दिया। बिटिया ने भ्रष्टाचार के खेल का वीडियो बनाया और सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया। सोशल मीडिया पर वीडियो आते ही वायरल हो गया। वीडियो वायरल होने के बाद अधिकारियों और ठेकेदार के हाथ पांव फूल गए हैं।चमोली के जिला मुख्यालय गोपेश्वर से घिंघरांण गांव तक करीब 10 किलोमीटर लंबी सड़क पर डामरीकरण का काम चल रहा है। स्थानीय लोगों, धीरज बिष्ट और उनकी बेटी द्वारा सड़क में हो रहे डामरीकरण की घटिया गुणवक्ता को लेकर विभागीय अधिकारियों से सड़क निर्माण कर रही कंपनी की शिकायत की थी। जब सुनवाई नहीं हुई थी बिटिया को सोशल मीडिया का सहारा लेना पड़ा।बताया जा रहा है कि सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद पीडब्लूडी के अधिकारियों की नींद टूटी है। मामला बिगड़ता देख विभाग के अधिकारी हरकत में आए हैं। जिन जगहों पर घटिया डामरीकरण की शिकायत की गई थी। उन स्थानों पर दोबारा डामरीकरण का काम करवाया जा रहा है। वहीं, सुहानी और उनके पिता धीरज बिष्ट का कहना है कि सोशल मीडिया पर लोगों का समर्थन मिलने के बाद विभाग की नींद टूटी है और अब उसके द्वारा डामरीकरण की गुणवत्ता में सुधार किया गया है।इस मामले में लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता शिवम मित्तल का बयान आया है। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों के द्वारा कंक्रीट में बिटमिन ऑयल डालने को कहा गया, जोकि सड़क के लिए ठीक नहीं था। उन्होंने कहा कि मैंने बिटमिन डालने से साफ मना कर दिया। अभियंता के मुताबिक, मामले की शिकायत पुलिस उपाधीक्षक चमोली से की गई। मौके पर पुलिस ने पहुंचकर मामले को खत्म करवाया। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के सभी आरोप बेबुनियाद हैं। उन्होंने कहा कि अगर डामरीकरण के काम में कहीं भी शिकायत पाई जाती है दोबारा डामरीकरण का काम करवाया जाएगा।अब इन सहायक अभियंता महोदय की बात पर आते हैं इन्होने कहा कि इन्होने मौके पर जाकर मामले को ख़त्म करवा दिया है अब इनसे यह सवाल है कि क्या पूरी की पूरी सड़क दोबारा और मानकों को पूरा करते हुए बनाई गई है। वहीँ यह भी सवाल है कि क्या इस सड़क में आपको भ्रष्टाचार की बू नहीं आ रही है। तो सड़क निर्माण में भ्रष्टाचार के आरोप बेबुनियाद कैसे हो गए ?
देहरादून : जिस तरह पहाड़ों की सड़कों को बनाने में हीला हवाली की जाती रही है इसका एक उदाहरण चमोली जिले के मुख्यालय गोपेश्वर से देवर खडोरा की सड़क को देखने से पता चल जाता है। बेशर्म इंजीनियर और रातों रात करोड़पति बनने का सपना देखरहे ठेकेदारों की मिलीभगत से इस तरह की सड़कें बनती हैं जो एक रात में ही फिर पुरानी स्थिति में आ जाती है यानि जब सड़क पर मानकों के अनुसार रेत बजरी और तारकोल के मानक पूरे नहीं किए जायेंगे तो सड़कों का उखड़ना लाजमी है।
वहीँ गैरसैण से गैरसैण डिग्री कॉलेज तक की सड़क निर्माण का कार्य भी आप नीचे दिए गए फोटो में देख सकते हैं कि आखिर पहाड़ों में किस तरह की सड़कें बन रही हैं।
वहीं देवर -खडोरा की बिटिया सुहानी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद देहरादून से चमोली तक हड़कंप मच गया है। ये पूरा मामला गोपेश्वर-घिंघराण मोटरमार्ग पर डामरीकरण से जुड़ा है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि मार्ग के डामरीकण में ठेकेदारों ने भ्रष्टाचार किया। आरोप है कि सड़क के डामरीकरण के 12 घंटे के भीतर सड़क में जगह-जगह गड्ढे दिखाई देने लगे। ग्रामीणों का कहना है कि जब इसकी शिकायत अधिकारियों से की गई तो उन्होंने उनकी सुनवाई नहीं की। आरोप है कि घटिया निर्माण कार्य के खिलाफ आवाज उठाने वाले धीरज बिष्ट और उनकी बेटी सुहानी को मौके पर पुलिस बुलाकर अधिकारियों ने जेल भेजने की धमकी दे डाली।
ग्रामीणों का कहना है कि बिटिया सुहानी ने भ्रष्ट अधारियों और ठेकेदारों को सबक सिखाने की ठानी। बिटिया मार्ग पर पहुंची और चंद मिनटों में ठेकेदारों और अधिकारियों द्वारा किए गए भ्रष्टाचार की पोल खोलकर रख दी। बिटिया ने मौके पर पहुंचकर वीडियो बनाया। मार्ग के डामरीकरण में कैसे भ्रष्टाचार का खेल खेला गया उसे दुनिया के सामने उजागर कर दिया। बिटिया ने भ्रष्टाचार के खेल का वीडियो बनाया और सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया। सोशल मीडिया पर वीडियो आते ही वायरल हो गया। वीडियो वायरल होने के बाद अधिकारियों और ठेकेदार के हाथ पांव फूल गए हैं।
चमोली के जिला मुख्यालय गोपेश्वर से घिंघरांण गांव तक करीब 10 किलोमीटर लंबी सड़क पर डामरीकरण का काम चल रहा है। स्थानीय लोगों, धीरज बिष्ट और उनकी बेटी द्वारा सड़क में हो रहे डामरीकरण की घटिया गुणवक्ता को लेकर विभागीय अधिकारियों से सड़क निर्माण कर रही कंपनी की शिकायत की थी। जब सुनवाई नहीं हुई थी बिटिया को सोशल मीडिया का सहारा लेना पड़ा।
बताया जा रहा है कि सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद पीडब्लूडी के अधिकारियों की नींद टूटी है। मामला बिगड़ता देख विभाग के अधिकारी हरकत में आए हैं। जिन जगहों पर घटिया डामरीकरण की शिकायत की गई थी। उन स्थानों पर दोबारा डामरीकरण का काम करवाया जा रहा है। वहीं, सुहानी और उनके पिता धीरज बिष्ट का कहना है कि सोशल मीडिया पर लोगों का समर्थन मिलने के बाद विभाग की नींद टूटी है और अब उसके द्वारा डामरीकरण की गुणवत्ता में सुधार किया गया है।
इस मामले में लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता शिवम मित्तल का बयान आया है। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों के द्वारा कंक्रीट में बिटमिन ऑयल डालने को कहा गया, जोकि सड़क के लिए ठीक नहीं था। उन्होंने कहा कि मैंने बिटमिन डालने से साफ मना कर दिया। अभियंता के मुताबिक, मामले की शिकायत पुलिस उपाधीक्षक चमोली से की गई। मौके पर पुलिस ने पहुंचकर मामले को खत्म करवाया। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के सभी आरोप बेबुनियाद हैं। उन्होंने कहा कि अगर डामरीकरण के काम में कहीं भी शिकायत पाई जाती है दोबारा डामरीकरण का काम करवाया जाएगा।
अब इन सहायक अभियंता महोदय की बात पर आते हैं इन्होने कहा कि इन्होने मौके पर जाकर मामले को ख़त्म करवा दिया है अब इनसे यह सवाल है कि क्या पूरी की पूरी सड़क दोबारा और मानकों को पूरा करते हुए बनाई गई है। वहीँ यह भी सवाल है कि क्या इस सड़क में आपको भ्रष्टाचार की बू नहीं आ रही है। तो सड़क निर्माण में भ्रष्टाचार के आरोप बेबुनियाद कैसे हो गए ?
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