कहीं पत्राचार व जांच में न उलझकर रह जाय भुखमरी से मौत का मामला
द्वाराहाट विधायक के बाद कांग्रेस अध्यक्ष ने लिखा मुख्यमंत्री को पत्र
राजेन्द्र जोशी
देहरादून : आज के युग में भुखमरी के कारण कोई बच्ची काल का ग्रास बन जाए इससे शर्मनाक घटना और क्या हो सकती है। चौखुटिया तहसील के खजुरानी गांव में भुखमरी के कारण 17 साल की एक किशोरी की मौत से भले ही उत्तराखंड सहित देश का रजनीतिक तंत्र व सरकारी तंत्र भले ही नहीं पसीजा हो लेकिन प्रदेश व देश के नेताओं और अधिकारियों सहित समाज के लिए डूब मरने की इससे बड़ी और क्या बात हो सकती है जब विकास के नाम पर एक तरफ अरबों रुपये डकारे जा रहे हों और दूसरी तरफ एक युवती को भुखमरी के कारण अपने प्राण गंवाने पड़े। वह भी तब जब देश व प्रदेश में बेरोजगारों को रोजगार दिए जाने के नाम पर मनरेगा सहित तमाम कई योजनाएं चलायी जा रही हों। क्या इन योजनाओं के मद में से चंद रूपये इस परिवार के भरण -पोषण के लिए नहीं दिए जा सकते थे, लेकिन समाज के कथित ठेकेदारों के पास कहाँ ऐसे गरीब परिवार को देखने का समय।
घटना पर द्वाराहाट के विधायक महेश नेगी ने भूख से हुई मौत की पुष्टि करते हुए मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। नेगी ने कहा है कि मदद नहीं की गई तो परिवार के अन्य सदस्यों की भी मौत हो सकती है। अब मामला घटना की जांच पर आकर टिक गया है। घटना पर अल्मोड़ा के डीएम सविन बंसल ने कहा है कि उन्हें भी विधायक ने भूख से हुई मौत की जानकारी दी है। गांव में एसडीएम को भेजा गया है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को लिखे पत्र में द्वाराहाट क्षेत्र के भाजपा विधायक महेश नेगी ने कहा है कि खजुरानी गांव कुमाऊं और गढ़वाल की सीमा पर सड़क से करीब 12 किमी दूर है। गांव में रहने वाला जानकी देवी का छह लोगों का परिवार बेहद गरीब और मानसिक रोग से पीड़ित है। परिवार के मुखिया की भी कुछ दिन पहले मौत हो चुकी है। पिछले दस साल से यह परिवार बेहद अभावों में रह रहा है। कुछ वर्षो तक गांववाले परिवार की मदद करते रहे। लेकिन गांव में ज्यादातर परिवार भी गरीब हैं। मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में नेगी ने लिखा है कि 15 अप्रैल को गांव में 17 साल की सरिता की भूख के कारण मौत हो गई।
विधायक नेगी ने कहा कि ‘रविवार को भूख से मौत के बारे में मुख्यमंत्री से वार्ता करनी चाही लेकिन उनके उड़ीसा में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में मौजूद होने के कारण बात नहीं हो पाई। हालांकि मैंने उनके पीए के संज्ञान में किशोरी की मौत का मामला डाल दिया है।’ मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत को लिखा पत्र विधायक ने फेसबुक पर भी अपलोड किया है। द्वाराहाट के विधायक महेश नेगी ने सीएम को लिखा मदद के लिए पत्र’ नेगी बोले, जल्द मदद नहीं मिली तो खजुरानी में और भी मौतें हों सकती हैं।
वहीँ अब इस घटना पर उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने जनपद अल्मोड़ा के चौखुटिया तहसील के खजुरानी गांव में 17 साल की किशोरी की भूख से हुई मौत पर गहरा दुःख व्यक्त करते हुए इस घटना को देवभूमि उत्तराखण्ड पर कलंक बताया है।
इस सम्बन्ध में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र रावत को पत्र लिखकर राज्य में इस तरह की संवेदनशील घटनाओं का संज्ञान लेते हुए पीड़ित परिवार को शीघ्र राहत पहुंचाने की मांग की है। साथ ही उन्होंने जिला कांग्रेस कमेटी के एक प्रतिनिधिमण्डल को खजुरानी गांव भेज कर पीड़ित परिवार को प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से 21 हजार रूपये की सहायता पहुंचाई है।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत को लिखे पत्र में उपाध्याय ने कहा है कि यह अत्यंत दुःख एवं खेद का विषय है कि प्रदेश की अमूल्य जिन्दगियां राज्य सरकार की लापरवाही के कारण भूख से असमय काल कल्वित हो रही हैं। जनपद अल्मोड़ा के चैखुटिया तहसील के खजुरानी गांव में 17 साल की किशोरी जिसने अभी पूरी तरह से दुनियां देखी भी नहीं थी, की भूख से मौत देवभूमि उत्तराखण्ड पर काला धब्बा है।
प्रदेश में जिस तरह की घटनायें हो रही है वह राज्य सरकार की एक माह की अकर्मण्यता के नतीजे हैं। मृत्यु पर किसी का वश नहीं है, लेकिन मानवीय भूलों के कारण यदि किसी के घर का चिराग बुझ जाये तो यह चिन्तनीय विषय है, सरकार को इस सम्बन्ध में समुचित कदम उठाने चाहिए। प्रदेश में गरीब लोगों को पेंशन समय पर नहीं मिल पा रही है और न ही सस्ता गल्ले के माध्यम से मिलने वाला अनाज मिल पा रहा है। गरीब लोगों की भूख से मौत पर सरकार को ध्यान देना चाहिए।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष उपाध्याय ने कहा कि राज्य सरकार जाति एवं धर्म के नाम पर राजनीति कर उत्तराखण्डवासियों को बांट रही है तथा राज्यवासियांे के कल्याण पर ध्यान नहीं दे रही है। जब उत्तराखण्ड में लोग जिंदा रहेंगे तभी तो हम लोग राजनीति कर सकते हैं, अगर जनता ही नहीं रहेगी तो कैसे राजनीति हो पायेगी। राज्य सरकार में जनसरोकार के मुद्दों के प्रति संवेदनशीलता का नितांत अभाव है। इस तरह की उदासीनता से क्या उत्तराखण्ड की संस्कृति, सभ्यता की रक्षा हो पायेगी? उन्होंने कहा कि यह जिस तरह की संवेदनशील घटना है उसमें आपको तुरन्त संज्ञान लेकर वहां जाना चाहिए जिससे नौकरशाहों में इस तरह की घटनाओं के प्रति जो संवेदनशीला का अभाव है वह दूर किया जा सके तथा भविष्य में प्रदेश में इस प्रकार की घटनायें न हों इसके लिए शीघ्र आवश्यक कदम उठाये जाने चाहिए।