केदारनाथ में भैरव मंदिर के पीछे मिले सात और नर कंकाल
642 नर कंकाल मिल चुके हैं अब तक
गुप्तकाशी : केदारघाटी में आपदा के चार साल बाद भी नर कंकाल मिलने का सिलसिला बना हुआ है। एसडीआरएफ और पुलिस की टीम ने विशेष सर्च अभियान में केदारनाथ में भैरव मंदिर के पीछे बृहस्पतिवार को सात कंकाल बरामद किए। इन सभी का डीएनए नमूने लेने के बाद दाह संस्कार कर दिया गया। एसडीआरएफ के निरीक्षक दीवान सिंह बोहरा ने इसकी पुष्टि की। उन्होंने बताया सामान्य सर्च अभियान आगे भी जारी रहेगा। केदारघाटी में अब तक 642 नर कंकाल मिल चुके हैं।
शासन के निर्देश पर पुलिस अधीक्षक रुद्रप्रयाग पीएन मीणा, पुलिस अधीक्षक चमोली तृप्ति भट्ट, पुलिस अधीक्षक उत्तरकाशी ददन पाल, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पौड़ी मुख्तार मोहसिन, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक टिहरी एनएस नपलच्याल के नेतृत्व में कालीमठ से जाल-चौमासी-खाम-रामाबाड़ा, चोराबाडी ताल से बेस कैंप और संपूर्ण केदारपुरी, केदारनाथ से सोनप्रयाग तक मुख्य मार्ग पर स्थित नए और पुराने स्थल, त्रियुगीनारायण-केदारनाथ और केदारनाथ से वासुकीताल तक पांच टीमों के 68 सदस्यीय दल ने कंकालों की खोज की।
16 मई की दोपहर को केदारनाथ से वासुकीताल ट्रेक पर भैरवनाथ मंदिर के पीछे की तरफ अलग-अलग स्थानों पर संबंधित टीम को सात नर कंकाल मिले। टीम में शामिल एसडीआरएफ के एसआई राम सिंह बोहरा ने बताया कि कुछ कंकाल एक ही जगह पर थे, जबकि अन्य अलग-अलग बिखरे हुए थे। जिस हाल में कंकाल मिले हैं, उससे लगता है कि ऑक्सीजन की कमी, भूख और प्यास से तब इन लोगों की मौत हुई होगी।
गौरतलब हो कि बीते वर्ष अक्तूबर में हिटो केदार अभियान के तहत ट्रेकिंग दल को त्रियुगीनारायण-केदारनाथ पैदल ट्रेक पर नर कंकाल मिले थे। तब शासन के निर्देश पर डीआईजी संजय गुंज्याल के नेतृत्व में चले विशेष रेस्क्यू में ट्रेकिं ग रूट पर 63 कंकाल मिले थे। तब तत्कालीन सीएम हरीश रावत ने यात्रा के दौरान पूरे क्षेत्र में एक बार कंकाल ढूंढने के लिए अभियान चलाने की बात कही थी, उसी के तहत यह अभियान चला था।
उल्लेखनीय है कि जून 2013 में आई आपदा में केदारघाटी में बड़ी संख्या में लोग मारे गए थे, इनमें से ज्यादातर मलबे में दफन हो गए थे। उस दौरान केदारनाथ यात्रा चरम पर थी। तकरीबन एक लाख लोगों को रेस्क्यू करके सकुशल निकाल लिया गया था, लेकिन काफी संख्या में लोग अब भी लापता बताए जाते हैं। यहां शवों को तलाशने के लिए कई चक्रों में अभियान चलाने के बाद दो साल पहले राज्य सरकार ने इस पर विराम लगा दिया था, लेकिन इस बीच हाईकोर्ट के निर्देश पर दुबारा से इसे शुरू किया गया।
इसी कड़ी में 15 और 16 मई को एसडीआरएफ और पुलिस की इस 68 सदस्यीय संयुक्त टीम ने केदारनाथ के साथ ही त्रियुगीनारायण, गांधी सरोवर, चौमासी, बासुकीताल इलााके में विशेष अभियान चलाया। पांच जिलों रुद्रप्रयाग, टिहरी, पौड़ी, चमोली और उत्तरकाशी के पुलिस कप्तानों के नेतृत्व में चले इस अभियान में भैरव मंदिर के पीछे पैदल मार्ग पर सात नर कंकाल मिले। इनका गुरुवार को सोनप्रयाग में अंत्येष्टि की गई।