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वरिष्ठ एडवोकेट राम जेठमलानी का 95 साल की उम्र में निधन, कई नेता हुए अंतिम संस्कार में शामिल

देश के मशहूर आपराधिक मामलों के वकीलों में थी स्व.जेठमलानी की गिनती

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

नई दिल्ली : लंबे समय से बीमार चल रहे सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी का 95 वर्ष की उम्र में रविवार को उनके दिल्ली स्थित निवास पर निधन हो गया। स्व.जेठमलानी की गिनती देश के मशहूर आपराधिक मामलों के वकीलों में होती थी। उनका अंतिम संस्कार लोधी रोड श्मशान घर में किया गया, यहां उनके परिवार सहित कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सहित तमाम नेता व वकील मौजूद थे। 

उनके बेटे महेश जेठमलानी ने शाम 5.30 बजे उनकी चिता को मुखाग्नि दी। विभिन्न क्षेत्रों के लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की अंतिम यात्रा में भाग लिया। जेठमलानी की बेटी शोभा और बहू भी अंतिम संस्कार के दौरान मौजूद रहीं। जानकारी के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने उनके आवास पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। सुप्रीम कोर्ट के एक अन्य न्यायाधीश बीआर हवई भी अंतिम संस्कार के दौरान मौजूद रहे। 

भारत के पूर्व प्रमुख न्यायाधीश दीपक मिश्रा, सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज स्वतंत्र कुमार और कुरियन जोसेफ ने भी उन्हें श्रद्धांजलि दी। इसके साथ ही राजनेताओं में शरद यादव, दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, अकाली दल की पूर्व सांसद सिमरनजीत सिंह भी यहां मौजूद रहे। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी राम जेठमलानी के आवास पर पहुंचकर श्रद्धांजलि दी थी। बता दें कि जेठमलानी ने रविवार की सुबह 7.45 बजे अंतिम सांस ली थी। वह पिछले कुछ महीनों से बीमार चल रहे थे।  

रामजेठमलानी राष्ट्रीय जनता दल से वर्तमान में राज्यसभा सांसद थे। उन्हें राजद ने 2016 में राज्यसभा भेजा था। उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में कानून मंत्री का पदभार संभाला था। उनके निधन पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उप राष्ट्रपति वैंकेया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शोक व्यक्त किया है। वहीं पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और राज्यसभा में कांग्रस के नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने उन्हें घर जाकर श्रद्धांजलि दी।

दो बार मुंबई लोकसभा सीट से भाजपा सांसद चुने गए। हालांकि 2004 में उन्होंने अटल बिहारी के खिलाफ चुनाव भी लड़ा था। उनका जन्म अविभाजित भारत के सिंध प्रांत (वर्तमान पाकिस्तान) में 14 सितंबर 1923 को हुआ था। विभाजन के बाद उनका परिवार भारत आ गया था। वह कोर्ट में बिना माइक के जिरह किया करते थे। वह अपने मुकदमों के अलावा अपने बयानों के कारण भी अक्सर चर्चा में रहते थे।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जताया गहरा शोक

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जेठमलानी के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा, ‘पूर्व केंद्रीय मंत्री और एक अनुभवी वकील श्री राम जेठमलानी के निधन से दुखी हूं। वह अपनी विशिष्ट वाक्पटुता के साथ सार्वजनिक मुद्दों पर अपने विचार व्यक्त करने के लिए जाने जाते थे। राष्ट्र ने एक प्रतिष्ठित न्यायविद्, विद्वान और बुद्धिमान व्यक्ति खो दिया।’

प्रधानमंत्री मोदी ने दी भावभीनी श्रद्धांजलि

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वरिष्ठ वकील को श्रद्धांजलि देते हुए कहा, ‘राम जेठमलानी के सबसे अच्छे पहलुओं में से एक उनकी अपने मन की बात कहने की क्षमता थी। वह ऐसा बिना किसी डर के करते थे। आपातकाल के काले दिनों के दौरान उन्हें   स्वतंत्रता और लोगों के अधिकारों की लड़ाई के लिए याद किया जाएगा। जरूरतमंदों की मदद करना उनके व्यक्तित्व का एक अभिन्न हिस्सा था। मैं खुद के भाग्यशाली मानता हूं कि मुझे उनसे मुलाकात करने के कई मौके मिले। इस दुखद क्षण में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार, दोस्तों और प्रियजनों के साथ हैं। वह बेशक अब हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनका कार्य हमारा पथ प्रदर्शन करता रहेगा। ओम शांति।’

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने जताया दुःख 

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री राम जेठमलानी के निधन पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने दिवंगत आत्मा की शांति एवं दुःख की इस घड़ी में शोक संतप्त परिवार जनों को धैर्य प्रदान करने की ईश्वर से कामना की है। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि स्वर्गीय श्री जेठमलानी जाने माने विधिवेत्ता और संसदीय परम्पराओं के जानकार थे।

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