UTTARAKHAND

मुख्यमंत्री ने होम्योपैथिक चिकित्सा के जनक डॉ. हैनीमैन के योगदान को याद किया

मुख्यमंत्री आवास में होम्योपैथी के जनक डॉ. हैनीमैन को जन्मदिन पर श्रद्धासुमन अर्पित किए गए

कोविड-19 में भी होम्योपैथी चिकित्सक अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैंः मुख्यमंत्री

होम्योपैथी विश्वभर में अपनी स्वीकार्यता एवं प्रभाव की दृष्टि से अग्रणी चिकित्सा पद्धति

देवभूमि मीडिया ब्यूरो

देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास में होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति के जनक डॉ. सैमुअल फ्रेडिक हैनीमैन की 265 वी जयंती पर उनके चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि होम्योपैथी विश्वभर में अपनी स्वीकार्यता एवं प्रभावकारिता की दृष्टि से एक अग्रणी चिकित्सा पद्धति के रूप में उभरी है|

उन्होंने कहा कि होम्योपैथी का इलाज कम खर्चीला एवं प्रभावशाली भी है| मुख्यमंत्री ने होम्योपैथी के सभी चिकित्सकों को डॉ. हैनीमैन जयंती की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि कोविड-19 में भी होम्योपैथी चिकित्सक अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं।

मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि होम्योपैथी के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ा है| अनेक प्रकार के रोगों के इलाज के लिए होम्योपैथी काफी कारगर सिद्ध हुई है, स्किन, चर्म रोग, पथरी, माइग्रेन एवं पेट से संबंधित रोगों के निदान के लिए होम्योपैथी की दवा लाभकारी सिद्ध हुई है| उत्तराखंड में होम्योपैथिक की कई औषधियां बनती हैं।

उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में आयुष को एक सक्षम स्वास्थ्य सेवा के रूप में विकसित किए जाने के प्रयास किए जा रहे हैं|होम्योपैथिक चिकित्सक सुनील कुमार डिमरी ने कहा कि होम्योपैथी चिकित्सा के प्रति उत्तराखंड में शहरों से गांव तक लोगों में विश्वास बढ़ा है।

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