आम जनमानस में बढ़ रहा है केंद्रीय और प्रदेश नेतृत्व के प्रति विश्वास
पीएम केयर्स फंड और सीएम राहत कोष में आम लोगों भी दे रहे योगदान
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून। पीएम केयर्स फंड और सीएम राहत कोष में सरकारी और गैर सरकारी संस्थाओं, संगठनों के साथ बड़ी संख्या में आम नागरिक भी बढ़ चढ़कर योगदान दे रहे हैं। चमोली जिला के गौचर की निवासी श्रीमती देवकी भंडारी ने अपने जीवनभर की बचत दस लाख रुपये की एफ़डी तुड़वाकर पीएम केयर्स फंड में जमा कर दी। श्रीमती देवकी भंडारी की यह पहल इस बात का संकेत है कि आम जनता कोरोना संक्रमण के संकट की इस घड़ी में अपने नेतृत्व पर इस बात का पूरा भरोसा रखती है कि उनके योगदान का सही दिशा में उपयोग होगा। सीएम राहत कोष में भी आम लोग योगदान प्रदान कर रहे हैं।
उत्तराखण्ड, चमोली जिले में स्थित गौचर से हमारी मातृ शक्ति आदरणीया देवकी भण्डारी जी ने यशस्वी PM श्री @narendramodi जी के आह्वान पर अपने जीवन की सम्पूर्ण संचित जमा पूँजी- 10 लाख रुपये की धन राशि #PMCaresFunds में #coronavirus से लड़ने के लिये देश सेवा में समर्पित की है। pic.twitter.com/kgLwENGWpc
— Dr Ramesh Pokhriyal Nishank (@DrRPNishank) April 8, 2020
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आम जनमानस में बढ़ रहा है केंद्रीय और प्रदेश नेतृत्व के प्रति विश्वास पीएम केयर्स फंड और सीएम राहत कोष में आम लोगों भी दे रहे योगदानदेवभूमि मीडिया ब्यूरोदेहरादून। पीएम केयर्स फंड और सीएम राहत कोष में सरकारी और गैर सरकारी संस्थाओं, संगठनों के साथ बड़ी संख्या में आम नागरिक भी बढ़ चढ़कर योगदान दे रहे हैं। चमोली जिला के गौचर की निवासी श्रीमती देवकी भंडारी ने अपने जीवनभर की बचत दस लाख रुपये की एफ़डी तुड़वाकर पीएम केयर्स फंड में जमा कर दी। श्रीमती देवकी भंडारी की यह पहल इस बात का संकेत है कि आम जनता कोरोना संक्रमण के संकट की इस घड़ी में अपने नेतृत्व पर इस बात का पूरा भरोसा रखती है कि उनके योगदान का सही दिशा में उपयोग होगा। सीएम राहत कोष में भी आम लोग योगदान प्रदान कर रहे हैं।देवकी भंडारी का गौचर में हुआ स्वागतगौचर की श्रीमती देवकी भंडारी बुधवार सुबह जब उठीं तो रातभर सोच विचार करके लिए गए निर्णय के साथ बैंक पहुंचीं। उन्होंने अपने साथ पार्षद अनिल नेगी को लिया और पहुँच गई गौचर चमोली के सेंट्रल बैंक। जहां उन्होंने अपने जीवनभर की कमाई और पति के देहांत के बाद उनकी जमा पूंजी संभाल कर रखी थी। उन्होंने वहां अपनी 10 लाख की एफडी तोड़ी और कोरोना की रोकथाम के लिए प्रधानमंत्री केयर्स के नाम दस लाख का चेक सीधे ट्रांसफर कर दिया। चेक सौपने के बाद श्रीमती देवकी भंडारी का गौचर के लोगों ने स्वागत किया।बच्चों को गोद लेकर इंजीनियर बना रहीं देवकी भंडारीश्रीमती देवकी भंडारी की उम्र 68 साल है। उनके पति श्री हुकुम सिंह भंडारी का 12 साल पहले देहांत हो गया था। वह गौचर में रेशम विभाग में कार्यरत थे और सेवानिवृति के बाद यहीं बस गए थे। श्रीमती देवकी भंडारी की कोई संतान नहीं है। उन्होंने पति के देहांत के बाद कुछ बच्चों को गोद लिया है। ये बच्चे आज बीटेक कर रहे हैं।गोद लिए बच्चों को पढ़ाने के लिए बेच दिया था मकानपिता आजाद हिंद फौज के सिपाही थेश्रीमती देवकी जी के पिता का नाम स्व. अवतार सिंह नेगी व माता का नाम श्रीमती बचन देई है। पिता श्री अवतार सिंह आज़ाद हिंद फौज के सिपाही थे। देश के लिए जीने का जज्बा उन्हें पिता से मिला। आज कोरोना जैसी विश्व व्यापी महामारी के लिए वह फरिश्ता बन कर आगे आई हैं।इन संस्थाओं ने भी दिया योगदानश्री काशी विश्वनाथ मंदिर उत्तरकाशी के महंत श्री जयेंद्र पुरी ने प्रधानमंत्री राहत कोष में एक लाख रुपये का चेक काशी विश्वनाथ जी के आशीर्वाद के रूप में भेंट किया। उन्होंने उक्त धनराशि का चेक गंगोत्री विधायक गोपाल रावत एवं जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान के माध्यम से प्रधानमंत्री राहत कोष में भेंट किया। महंत जी ने विश्व कल्याण के लिए महामृत्युंजय भगवान विश्वनाथ से प्रार्थना की।देहरादून में मैडम रजनी रावत ने मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए 11 लाख रुपये का चेक मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को सौंपा। जिला पंचायत देहरादून के उपाध्यक्ष वीर सिंह चौहान ने 25 हजार रुपये मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा कराए। यूजेवीएनएल के परियोजना निदेशक सुरेश चंद्र बलूनी तथा वित्त निदेशक सुधाकर बडोनी ने 51-51 हजार रुपये के चेक मुख्यमंत्री राहत कोष में प्रदान किए। स्वास्थ्य निदेशक डॉ. तृप्ति बहुगुणा ने 51 हजार रुयये का चेक मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा कराया। एसोसिएशन ऑफ फार्मास्युटिकल मैन्युफैक्चरर्स सिडकुल, रानीपुर, हरिद्वार ने भी 7 लाख 51 हजार रुपये का चेक सीएम राहत कोष में दिया।शाक्य बौद्ध समुदाय ने मुख्यमंत्री राहत कोष में 23 लाख रुपये की राशि प्रदान की। शाक्य बौद्ध समुदाय की ओर से आध्यात्मिक नेता एचएच शाक्यृत्जीन, एचएच रत्ना वज्र शाक्य और एचएच ज्ञान वज्र शाक्य ने मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत को उक्त राशि के चेक भेंट किए। कुल 23 लाख रुपये की राशि में एचएच शाक्यृत्जीन, एचएच रत्ना वज्र शाक्य और एचएच ज्ञान वज्र शाक्य ने तीन लाख, डोलमा फोड्रांग ने तीन लाख, न्गोर पाल एवाम चोडान ने तीन लाख , शाक्य कालेज ने तीन लाख, द ग्रेट शाक्य मोनलाम फाउंडेशन ने पांच लाख, शाक्य ननरी ने तीन लाख और शाक्य सेंटर ने तीन लाख रुपये का अंशदान किया। मुख्यमंत्री ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई पूरी मानवता की लड़ाई है। सभी के सहयोग और सम्मिलित प्रयासों से इस महामारी पर मानवता की जीत होगी।वन विकास निगम ने मुख्यमंत्री राहत कोष में 25,72,548 रुपए का चेक दियाकोविड-19 के दृष्टिगत उत्तराखंड वन विकास निगम के अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री राहत कोष हेतु 1 दिन के वेतन के योगदान के रूप में 25,72,548 रुपए का चेक दिया है। यह चेक वन मंत्री हरक सिंह रावत एवं प्रबंध निदेशक मोनिष मल्लिक ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को सौंपा। उत्तराखंड वन विकास निगम के अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने पीएम केयर्स फंड हेतु 5 लाख रुपए का चेक मुख्यमंत्री को सौंपा। भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष श्री अनिल गोयल ने भी कोविड -19 के दृष्टिगत आज मुख्यमंत्री राहत कोष में 1 लाख 2 हजार रुपए का चेक दिया। इससे पूर्व भी उन्होंने मुख्यमंत्री राहत कोष में 1 लाख रुपए का चेक दिया था।
देवकी भंडारी का गौचर में हुआ स्वागत
गौचर की श्रीमती देवकी भंडारी बुधवार सुबह जब उठीं तो रातभर सोच विचार करके लिए गए निर्णय के साथ बैंक पहुंचीं। उन्होंने अपने साथ पार्षद अनिल नेगी को लिया और पहुँच गई गौचर चमोली के सेंट्रल बैंक। जहां उन्होंने अपने जीवनभर की कमाई और पति के देहांत के बाद उनकी जमा पूंजी संभाल कर रखी थी। उन्होंने वहां अपनी 10 लाख की एफडी तोड़ी और कोरोना की रोकथाम के लिए प्रधानमंत्री केयर्स के नाम दस लाख का चेक सीधे ट्रांसफर कर दिया। चेक सौपने के बाद श्रीमती देवकी भंडारी का गौचर के लोगों ने स्वागत किया।
बच्चों को गोद लेकर इंजीनियर बना रहीं देवकी भंडारी
श्रीमती देवकी भंडारी की उम्र 68 साल है। उनके पति श्री हुकुम सिंह भंडारी का 12 साल पहले देहांत हो गया था। वह गौचर में रेशम विभाग में कार्यरत थे और सेवानिवृति के बाद यहीं बस गए थे। श्रीमती देवकी भंडारी की कोई संतान नहीं है। उन्होंने पति के देहांत के बाद कुछ बच्चों को गोद लिया है। ये बच्चे आज बीटेक कर रहे हैं।
गोद लिए बच्चों को पढ़ाने के लिए बेच दिया था मकान
गौचर में किराए का घर में रहती हैं। देवकी जी के पास पहले अपना घर था लेकिन गोद लिए बच्चों को पढ़ाने के लिए वह बेच दिया था। क्योंकि गरीब बच्चों को कामयाब बनाना उनका लक्ष्य था।