तनख्वाह 1.25 लाख और संपत्ति बनाई 600 करोड़
छह सौ करोड़ की संपत्ति बनाने में 400 साल
देहरादून : महज 1.25 लाख रुपये प्रतिमाह वेतन पाने वाले राजकीय निर्माण निगम के जीएम शिव आश्रय शर्मा ने 30 साल की नौकरी में 600 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति जुटा ली। जीएम के यहां से मिले कागजों की जांच पड़ताल और लॉकरों को खंगालने का काम भी शुरू हो गया है। आयकर अधिकारी खुद चौकन्ने हैं कि आखिर यह कैसे संभव हुआ? अगर वह तनख्वाह से एक रुपया भी न खर्च करता तो छह सौ करोड़ की संपत्ति बनाने में 400 साल लग जाते। जांच में कई और चौंकाने वाले खुलासे होने की संभावना है।
देहरादून में आयकर की जांच तीसरे दिन भी जारी रही। आयकर अधिकारियों की टीम ने बैंकों के लॉकर खोलने के अलावा घर, फार्म हाउस और कार्यालय से बरामद दस्तावेजों की जांच-पड़ताल शुरू कर दी है। महाप्रबंधक आलीशान फार्म हाउस से सात करोड़ की डील के दस्तावेज मिले हैं। आयकर विभाग ने शिव आश्रय शर्मा के अलावा न्यूज चैनल संचालक और ठेकेदार अमित शर्मा के ठिकानों से भी कई अहम दस्तावेज हासिल किए हैं। अब इनकम टैक्स की टीम पता कर रही है कि इस डील के लिए कहां से रुपये आने थे। डील में कितनी रकम दी गई और डील रद होने के बाद कितनी रकम लौटाई गई और यह रकम किसे दी गई। जांच टीम इस डील से संदिग्ध लेन-देन की कड़ियों को जोड़ने का काम कर रही है।
400 साल तक कमाता तो होती इतनी सम्पत्ति
आंकलन किया जाए तो एक कर्मचारी जिसका वेतन 1.25 लाख रुपये महीना है। अगर अपने वेतन से एक रुपये भी खर्च नहीं करता हो तो उसे 600 करोड़ की संपत्ति बनाने में 400 साल लग जाएंगे लेकिन जीएम ने यह काम महज 30 वर्षों की नौकरी में ही पूरी कर लिया।
घोषित आय से होगा मिलान
आयकर ने छापे में जो कागजात कब्जे में लिए हैं, उनसे शिव आश्रय शर्मा और अमित शर्मा की संपत्ति का अलग-अलग आकलन किया जाएगा। फिर इसका मिलान दोनों की ओर से आयकर रिटर्न में घोषित आय से किया जाएगा। इनकम टैक्स इसी आधार पर कानूनी कार्रवाई करेगा। अगर अघोषित संपत्ति का पता लगता है तो इसमें बेनामी संपत्ति तक का मुकदमा हो सकता है।
आयकर सूत्रों के मुताबिक न्यूज चैनल में भी 25 करोड़ रुपये का निवेश अलग-अलग माध्यमों से किया गया है। इनकम टैक्स विभाग को छापे में कई ऐसे लेन-देन और निवेश से जुड़े दस्तावेज हाथ लगे हैं, जो संदिग्ध प्रतीत हो रहे हैं। इनकम टैक्स ने अपने आकलन में पाया कि न्यूज चैनल के देहरादून स्थित स्टूडियो में 25 करोड़ से ज्यादा की रकम लगाई गई। यह स्टूडियो विधानसभा चुनाव से ठीक पहले ही शुरू हुआ। अब जांच की जा रही है कि इसमें किस-किस माध्यम से रकम लगी। कई नौकरशाह भी इनकम टैक्स की जांच दायरे में आए हैं। इनमें चर्चित रिटायर वरिष्ठ नौकरशाह के अलावा सिडकुल और दूसरी निर्माण एजेंसी से जुड़े अफसर शामिल हैं। बताया जा रहा है कि इन अफसरों ने पत्नी और करीबियों को शर्मा के कारोबार में शामिल किया था।
फर्जी एफडी लगाने का भी खुलासा
आयकर अधिकारियों को ऐसे कागज भी हाथ लगे हैं कि जिसमें ठेके लेने के लिए बैंकों की फर्जी एफडी (फिक्स डिपाजिट) के कागज लगाए गए हैं। आयकर अधिकारी ऐसे संदिग्ध एफडी की जांच संबंधित बैंक से कराने की तैयारी में हैं।