प्रधानमंत्री मोदी को मानने लगीं हैं वे अब अपना आदर्श
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून : 23 फरवरी 2016 को सुप्रीम कोर्ट में तीन तलाक के खिलाफ याचिका दायर करने वाली देश की पहली मुस्लिम महिला सायरा बानो ने भारतीय जनता पार्टी का दमन थाम लिया है। उन्हें तीन तलाक के मामले पर 22 अगस्त 2017 को उच्चतम न्यायालय से उनके पक्ष में आए फैसले से जीत मिली थी। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री मोदी की मुस्लिम महिलाओं के प्रति हमदर्दी और सदियों से महिलाओं के शोषण को रोकने के लिए बनाए गए कानून से प्रभावित होकर भाजपा की सदस्यता ग्रहण की है। उन्होंने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत की मौजूदगी में भाजपा की सदस्यता ली है।
गौरतलब हो कि देश में मुस्लिम महिला सायरा बानो ऐसी पहली महिला है जिसने शरीयत कानून से इतर भारत में मुस्लिम महिलाओं के ऊपर हो रहे अत्याचारों से आजिज़ आकर तीन तलाक को लेकर देश की उच्चतम अदालत में जनहित याचिका की थी और उन्हें इस मामले में जहां न्यायालय से जीत मिली वहीँ केंद्र सरकार का भी साथ मिला था।
गौरतलब हो कि उधमसिंह नगर जिले की निवासी सायरा बानो ने सुप्रीम कोर्ट में तीन तलाक़ ही नहीं बल्कि मुस्लिम समाज में निकाह हलाला जैसे चलन को गैरसंवैधानिक होने की चुनौती दी थी। उन्होंने याचिका में मुस्लिमों में प्रचलित बहुविवाह प्रथा को भी गलत करार देते हुए इसे खत्म करने की मांग उठाते हुए इसे संविधान के अनुच्छेद 14 और 15 के तहत मिले मौलिक अधिकारों का उल्लंघन बताया। उन्होंने कहा अब से महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए संघर्ष करती रहेंगी। तीन तलाक के खिलाफ लड़ाई जीतने के बाद से ही शायरा बानो के भाजपा में शामिल होने की चर्चाएं तीन तलाक़ पर उच्चतम न्यायालय से निर्णय के आ जाने के बाद से ही थी। जबकि भाजपा के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट के कार्यकाल के दौरान ही वर्ष 2018 में उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाने की तैयारी हो भी गई थी। लेकिन उस दौरान उनकी सदस्यता टल गई।
उच्चतम न्यायालय ने सायराबानो मामले में दिए गए अपने फैसले में कहा था कि केंद्र सरकार 6 महीने के अंदर संसद में इसको लेकर कानून बनाए। इस फैसले के बाद केंद्र सरकार तीन तलाक के खिलाफ कानून भी लेकर आई और आज देशभर की मुस्लिम महिलाओं को इस काले कानून से निज़ात मिली है।