दलाल दफ्तर के अंदर मुख्य सहायक की कुर्सी पर बैठकर कर रहे थे सौदेबाजी
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
मुख्य सहायक के घर विजिलेंस टीम की दबिश
देहरादून के आरटीओ दफ्तर से गिरफ्तार करने के बाद विजिलेंस की टीम मुख्य सहायक यशवीर बिष्ट को लेकर उसके राजीवनगर स्थित घर पहुंची।
यहां से विजिलेंस ने कई दस्तावेज कब्जे में लिए हैं। विजिलेंस उसकी चल और अचल संपत्तियों के बारे में भी जानकारी जुटा रही है।
विजिलेंस के अनुसार यदि आय से संपत्ति मिली तो आने वाले दिनों में उस पर एक और मुकदमा दर्ज हो सकता है।
देहरादून। कृषि में पंजीकृत ट्रैक्टर को कमर्शियल में बदलने के नाम पर रिश्वत लेने के आरोप में विजिलेंस ने आरटीओ के मुख्य सहायक और दो दलालों को गिरफ्तार किया है। विजिलेंस के मुताबिक आरोपित दलाल दफ्तर के अंदर मुख्य सहायक की कुर्सी पर बैठकर सौदेबाजी कर रहे थे। मुख्य सहायक उत्तराखंड परिवहन मिनिस्ट्रीयल कर्मचारी महासंघ का जिलाध्यक्ष भी है। तीनों के खिलाफ विजिलेंस ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। तीनों को शुक्रवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा।
डीआइजी विजिलेंस कृष्ण कुमार वीके ने बताया कि शिकायतकर्ता ने विजिलेंस कार्यालय में आकर दलाल की ओर से रिश्वत मांगे जाने की शिकायत की। उसने बताया कि उसके पास कृषि कार्य के लिए ट्रैक्टर रखा हुआ है, जिसे वह कमर्शियल में बदलवाना चाहता था। इसके लिए आरटीओ में मंगलवार को आवेदन कर दफ्तर के काउंटर नंबर चार पहुंचा। यहां मुख्य सहायक यशवीर बिष्ट की सीट पर दलाल मोनू मलिक उर्फ संदीप कुमार निवासी साईं मंदिर के पास मोहब्बेवाला को बैठे देखा। मोनू ने उससे छह हजार रुपये की मांग की। उसने जब यह कहा कि वह तो सरकारी फीस तो जमा कर चुका है तो मोनू ने कहा कि बिना छह हजार रुपये दिए काम नहीं होगा। शिकायतकर्ता ने विजिलेंस को बताया कि मोनू ने गुरुवार को उसे रिश्वत की रकम के साथ बुलाया है।
मोनू के घर विजिलेंस को मिली कई आरसी
विजिलेंस की एक टीम ने मोनू के मोहब्बेवाला स्थित घर की तलाशी ली। यहां से कई वाहनों की आरसी मिली।
विजिलेंस के अनुसार इससे यह पुष्टि हो जाती है कि वह आरटीओ में दलाली करता है और पैसे लेकर लोगों के काम कराता है।