PAURI GARHWAL

सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित रखने प्रत्येक ग्रामवासी का दायित्व: सीएम

सीएम ने किया तीन दिनों तक चलने वाले ग्रामोत्सव का शुभारंभ

  • मुख्यमंत्री ने प्रवासियों से आगे आने का  किया आह्वान
  • जंगलों में बेकार पड़ी चीड़ की पत्तियां से राज्य की संवरेगी तस्वीर : सीएम
  • पर्वतीय क्षेत्रों में ग्रामोत्सव जैसे कार्यक्रमों का आयोजन जरूरी : महाराज 

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

सतपुली, (पौड़ी): अपनी थाती माटी की विरासत के पुनरुत्थान के लिए प्रवासियों से आगे आने का आह्वान  करते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि अपनी माटी को सरसब्ज करने व सांस्कृतिक विरासत बचाने का प्रत्येक ग्रामवासी और राज्यवासी का दायित्व है। उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों की समृद्ध संस्कृति को लौटाने की मुहिम के साथ तीन दिनी ग्रामोत्सव का शुभारंभ के अवसर पर मुख्यमंत्री ने यह बात अपने सम्बोधन में कही।

पोखड़ा प्रखंड के गवाणी में ग्रामोत्सव का शुभारंभ करते हुए मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि अपनी माटी को सरसब्ज करने व सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित रखने प्रत्येक ग्रामवासी का दायित्व है और प्रत्येक संपन्न प्रवासी को गांव लौटकर अपने बंधु-बांधवों के मध्य गांवों की रौनक लौटाने की पहल करनी होगी। उन्होंने कहा कि लोग स्वैच्छिक चकबंदी के जरिए लाभकारी खेती को प्रेरित हों। उन्होंने कहा कि पहाड़ में जमीनों को बंजर करने का कारक चीड़ आगामी समय में उत्तराखंड के भविष्य की नई इबारत लिखने जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि शीघ्र ही एक टीम इंडोनेशिया भेज कर चीड़ के वैज्ञानिक दोहन की तकनीकी  लेकर आएगी। उन्होंने प्रदेश में संपन्न हुई इंवेस्टर्स समिट को पहाड़ की समृद्धि का नया आगाज बताया। कार्यक्रम के दौरान ग्रामीण बालिकाओं की ओर से दी गई मनमेहन प्रस्तुतियों से गदगद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने बालिकाओं को प्रोत्साहित करने की अपील की।

कार्यक्रम में मौजूद प्रदेश के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि सरकार राज्य में साहसिक खेलों को प्रोत्साहित कर पर्यटन को नया आयाम देने का प्रयास कर रही है। उन्होंने पर्वतीय क्षेत्रों में ग्रामोत्सव जैसे कार्यक्रमों के आयोजन को जरूरी बताते हुए कहा कि इस तरह के आयोजनों के जरिए प्रवासी लगातार लगातार अपनी मिट्टी से जुड़ अपने गांव की बेहतरी के लिए सोच रहे हैं।

कार्यक्रम के दौरान फीलगुड संस्था की महिलाओं द्वारा थड़िया, चौंफला सहित अन्य लोक प्रस्तुतियां दी गई। कार्यक्रम में ग्रामोत्सव संयोजक डॉ. जयंत नवानी, धाद संस्थापक लोकेश नवानी आदि ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम का संचालन राकेश पोखरियाल ने किया।

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